×

लाॅकडाउन में स्कूलों के परिवहन शुल्क लेने पर रोक: आराधना शुक्ला

लॉकडाउन की वजह से इन दिनों सभी स्कूल-कालेज बंद चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का आदेश है कि कोरोना आपदा अवधि में छात्र-छात्राओं या फिर उनके अभिभावकों से मासिक या फिर त्रैमासिक शुल्क न लिया जाए।

Dharmendra kumar
Published on: 21 April 2020 9:20 PM IST
लाॅकडाउन में स्कूलों के परिवहन शुल्क लेने पर रोक: आराधना शुक्ला
X

लखनऊ: लॉकडाउन की वजह से इन दिनों सभी स्कूल-कालेज बंद चल रहे हैं। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का आदेश है कि कोरोना आपदा अवधि में छात्र-छात्राओं या फिर उनके अभिभावकों से मासिक या फिर त्रैमासिक शुल्क न लिया जाए। इसी बीच सरकार को ऐसी शिकायतें मिली हैं कि कुछ स्कूल छात्र-छात्राओं से परिवहन शुल्क मांग रहे हैं।

इस पर प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने आदेश दिए है कि लाकडाउन की अवधि में जब तक विद्यालय बंद है तब तक किसी भी छात्र-छात्रा से किसी भी तरह से परिवहन शुल्क न लिया जाए।

यह भी पढ़ें...पालघर हत्याकांड: पुलिस के बचाव में उतरे शरद पवार, साधुओं की लिंचिंग को बताया दुर्भाग्यपूर्ण

बताते चले कि इससे पहले अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. महेंद्र देव ने प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों (डीआईओएस) से रिपोर्ट मांगी है। सभी जिलों को इस संबंध में प्रोफार्मा भेजा है, जिसमे वांछित सूचना विभागीय ई-मेल पर 22 अप्रैल शाम 4 बजे तक भेजने को कहा गया है।

यह भी पढ़ें...खतरे में सीएम आवास: सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव, मचा हड़कंप

अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डाॅ. महेंद्र देव ने डीआईओएस को भेजे आदेश में कहा है कि उनके जिले में जो भी स्कूल हैं उनके पास कितने बड़े व छोटे वाहन हैं, हर छात्र-छात्रा से कितना वाहन शुल्क लिया जाता है, वह कैसे लिया जाता है मासिक, त्रैमासिक या छमाही। साथ ही यह भी बताना है कि लॉकडाउन में वाहन शुल्क लिया गया है या नहीं। यह सारी सूचना तय प्रोफार्मा पर भेजनी है। साथ ही यह भी निर्देश है कि शुल्क के अभाव में किसी छात्र-छात्रा का स्कूल से नाम न काटा जाए।

यह भी पढ़ें...कब देंगे दर्शन: लॉकडाउन में नहीं दिखे सांसद-विधायक, राह तकते रह गए गरीब ग्रामीण

अपर शिक्षा निदेशक माध्यमिक डा. महेंद्र देव ने सभी जिलों के डीआईओएस से यह भी सूचना मांगी है कि उनके जिले के वित्तविहीन कालेजों के प्रधानाचार्य व प्रबंधक शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मचारियों का समय पर मानदेय का भुगतान कर रहे हैं या नहीं। इसमें पूछा गया है कि प्रबंधकों ने पूर्ण वेतन दिया है या फिर आंशिक। यदि आंशिक वेतन दिया है तो उसका प्रतिशत क्या है या फिर वेतन नहीं दिया गया है। आंशिक भुगतान या फिर भुगतान न करने के कारण क्या है यह भी स्पष्ट करने को कहा गया है। यह सूचना भी 22 अप्रैल शाम चार बजे तक मांगी गई है।

रिपोर्ट: मनीष श्रीवास्तव

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story