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प्रियंका गांधी की सलाहकार परिषद में बेगम नूरबानो और राकेश सचान समेत चार जुड़े
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सलाहकार परिषद में चार नए चेहरे जोडे गए हैं। रामपुर से दो बार सांसद रहीं बेगम नूर बानो और पूर्व सांसद राकेश सचान को परिषद में स्थान दिया गया है।
लखनऊ: कांग्रेस की उत्तर प्रदेश प्रभारी और राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की सलाहकार परिषद में चार नए चेहरे जोडे गए हैं। रामपुर से दो बार सांसद रहीं बेगम नूर बानो और पूर्व सांसद राकेश सचान को परिषद में स्थान दिया गया है।
कांग्रेस की नवसंरचना में अब पुराने कांग्रेस नेताओं के साथ ही उन नेताओं को भी तवज्जो मिल रही है जो कोरोना काल में भी राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय हैं।
कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में पार्टी राजनीति की बागडोर संभाल रही प्रियंका गांधी वाड्रा के सहयोग के लिए पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की सलाहकार परिषद का गठन पहले से ही कर रखा है। इस परिषद में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सलमान खुर्शीद, राजबब्बर, निर्मल खत्री के साथ ही प्रमोद तिवारी, प्रदीप जैन आदित्य जैसे वरिष्ठ नेता भी शामिल हैं।
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इस परिषद का पार्टी नेतृत्व ने मंगलवार को विस्तार किया है। परिषद में अब लगभग डेढ दर्जन सदस्य हो गए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल ने जारी पत्र में सूचना दी है कि पार्टी हाईकमान ने परिषद के नए सदस्यों के तौर पर चार लोगों के नाम को सहमति दी है। इनमें बेगम नूरबानो, हरेंद्र मलिक, राकेश सचान और प्रमोद कृष्णम शामिल हैं। बेगम नूर बानो रामपुर के नवाब खानदान से ताल्लुक रखती हैं और उनके परिवार की रामपुर की सियासत में लंबी विरासत है।
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बेगम नूरबानो दो बार सांसद रह चुकी हैं। कांग्रेस ने केंद्र सरकार में उन्हें मंत्री बनने का मौका भी दिया था। उनके पुत्र भी सियासत में हैं और कई बार विधायक रह चुके हैं। बेगम नूरबानो की उम्र हालांकि 80 साल है लेकिन उन्हें जिस तरह से कांग्रेस ने तवज्जो देना शुरू किया है उससे अनुमान लगाया जा रहा है कि रामपुर और आस- पास के जिलों में कांग्रेस एक बार और बेगम नूरबानों की मदद से अपना जनाधार बढाने के लिए तैयार है। इसी तरह पूर्व सांसद व मंत्री हरेंद्र मलिक को भी पार्टी ने सलाहकार परिषद में भी शामिल कर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उनकी सक्रियता बढाने का फैसला किया है।
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पूर्व सांसद राकेश सचान की कानपुर क्षेत्र की राजनीति में अचछी पकड है। वह समाजवादी पार्टी से कांग्रेस में आए हैं लेकिन जिस तरह कोरोना काल में भी वह सडक पर उतरकर भाजपा सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते देखे गए हैं। उसने उनकी दावेदारी मजबूत कर दी है। राजभवन के सामने से पुलिस ने उन्हें गिरफतार किया तो उनकी तीखी नोंक–झोंक भी हुई थी। ऐसे में कांग्रेस हाईकमान उनकी राजनीतिक समझ का फायदा भविष्य में होने वाले आंदोलनों के लिए कर सकती है। आचार्य प्रमोद कृष्णम ने लखनऊ सीट से लोकसभा का चुनाव लडा है। उन्हें प्रियंका गांधी का करीबी समझा जाता है।
रिपोर्ट: अखिलेश तिवारी