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सावधान: पाकिस्तान से आया टिड्डी दल यूपी में जल्द देगा दस्तक

कोविड-19 का प्रकोप झेल रहे भारत में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले विदेशी कीट फॉल आर्मी वर्म का मामला थमा नहीं है कि किसानों के लिए एक और बुरी खबर आ गई।

Vidushi Mishra
Published on: 23 May 2020 11:25 AM GMT
सावधान: पाकिस्तान से आया टिड्डी दल यूपी में जल्द देगा दस्तक
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कन्नौज। कोविड-19 का प्रकोप झेल रहे भारत में फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले विदेशी कीट फॉल आर्मी वर्म का मामला थमा नहीं है कि किसानों के लिए एक और बुरी खबर आ गई। पाकिस्तान के रास्ते फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले टिड्डी दल का भारत में प्रवेश हो चुका है। राजस्थान व मध्य प्रदेश के रास्ते यूपी में आगरा व झांसी के जरिए दस्तक देगा। दो-तीन दिन में आने की संभावना है। इसकी एडवाइजरी भी जारी कर दी गई है।

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उप कृषि निदेशक आरएन सिंह का कहना है कि किसान सावधान हो जाएं। टिड्डी दल का अगला पड़ाव आपका जिला या खेत भी हो सकता है। टिड्डियों को उनके पीले चमकीले रंग और पिदले लंबे पैरों से पहचाना जाता है।

यह फूल, फल, पत्ते, बीज, पेड़ की छाल और अंकुर सब खा जाते हैं। इससे बचने के लिए उन्होंने कई उपाय भी बताए हैं, जिससे खेतों में खड़ी फसल को नुकसान न पहुंचे।

उप कृषि निदेशक ने बताया कि टिड्डी दल को भगाने के लिए थालियां, ढोल-नगाड़े, लाउडस्पीकर आदि से शोरगुल किया जा सकता है। यह सुबह 10 बजे के बाद अपना डेरा बदलते हैं, आगे न बढ़ने सकें, इसके लिए पांच प्रतिशत मैलाथियान या डेढ़ प्रतिशत क्विनालफास का छिड़काव करें।

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यह हैं फसलों को बचाने के तरीके

-40 मिली लीटर नीम के तेल को 10 ग्राम कपडे़ धोने वाले पाउडर के साथ 10 लीटर पानी में घोलकर छिड़कने से टिड्डी फसल को नहीं खाती हैं।

-टिड्डी दल को आगे बढ़ने से रोकने के लिए खेत में 100 किलो धान की भूसी को 0.5 किलो फेनीट्रोथियोन और पांच किलो गुड के साथ मिलाकर खेत में डाल दें, इसके जहर से टिड्डी मर जाता है।

-क्लोरोपायेरीफास 20 फीसदी ईसी 1200 एमएल या डेल्टामेथ्रीन 2.8 प्रतिशत ईसी, 625 एमएल या मैलाथियान 50 फीसदी ईसी 1850 एमएल प्रति हेक्टेयर की दर से छिड़काव करें।

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-टिड्डी दल हमेशा बलुई मिट्टी में अंडे देता है, ऐसे में किसान खेतों की गहरी जुताई कर पानी भर दें। टिड्डी के अंडे खुद ही नष्ट हो जाएंगे।

-किसान क्लोरोपायेरीफास 20 फीसदी या लेमडासाइहैलोथ्रीन पांच फीसदी का छिड़काव कर सकते हैं।

क्या कहते हैं डीडी कृषि

डीडी कृषि आरएन सिंह ने बताया कि विकास भवन में टिड्डी नियंत्रण कक्ष भी बना दिया गया है। मोबाइल नंबर 8887850950 व 9454682284 पर संपर्क कर सकते हैं। साथ ही केंद्रीय एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन केंद्र लखनऊ के कंट्रोल रूम नंबर 0522-2732063 पर भी जानकारी कर सकते हैं।

बोले जिला कृषि अधिकारी

जिला कृषि अधिकारी राममिलन सिंह परिहार ने बताया कि लखनऊ से एडवाइजरी जारी हो चुकी है। सूबे के डीएम और कृषि विभाग को भी आदेश जारी हुए हैं। टिड्डी दल रेतीली जमीन में अंडे देता है।

किसान इससे अपनी फसलों को बचाने के लिए बुलई मिट्टी के खेतों में पानी भर दें। साथ ही जुताई भी कर दें। साग-सब्जी आदि सभी को कुतर देता है। टिड्डी पहले राजस्थान व पंजाब में आ चुका है।

रिपोर्ट- अजय मिश्रा

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