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Hapur News: बूढ़ी गंगा बनेगी गढ़मुक्तेश्वर की जीवन रेखा: भारत भूषणगर्ग
Hapur News: लोक भारती के मार्गदर्शन में वर्ष प्रतिपदा से प्रारंभ होकर अक्षय तृतीया तक चलने वाले जल माह का समापन 23 अप्रैल को बूढ़ी गंगा को पुनर्जीवन देने के लिए संकल्प के साथ संपन्न हुआ।
Hapur News: लोक भारती के मार्गदर्शन में वर्ष प्रतिपदा से प्रारंभ होकर अक्षय तृतीया तक चलने वाले जल माह का समापन 23 अप्रैल को बूढ़ी गंगा को पुनर्जीवन देने के लिए संकल्प के साथ संपन्न हुआ। आज की यात्रा हस्तिनापुर सेंचुरी एरिया के प्रशादीपुर वन ब्लॉक से प्रारंभ होकर नदी के साथ-साथ करीब छह किलोमीटर चलकर कुतुबपुर, भगवंतपुर, नयागांव, इनायतपुर, शाकरपुर, कुन्देनी की मडैया एवं लठीरा में जाकर संपन्न हुई।
इस दौरान बताया गया कि प्रसादी पुर के वन ब्लॉक में बूढ़ी गंगा की दो धाराएं हो गई हैं। जिसमें एक धारा प्रवाह मान थी जबकि दूसरे में जल था। आगे जाकर बीच में एक स्थान पर इसको बहुत ही संकरा कर दिया गया। इस पर स्थानीय किसानों ने कब्जा किया हुआ था। आगे जाकर नयागांव इनायतपुर में इसकी भूमि को किसानों ने कब्जा करने का प्रयास किया और आगे जाने पर साकरपुर एवं बसंतपुर के बीच में यह नदी जल विहीन हो गई। इसका कुछ क्षेत्र कब्जा किया हुआ था।
नदी के जल प्रवाह को स्थानीय किसानों ने रोक रक्खा है
यात्रा आगे बढ़ती रही। जहां सभी लोगों ने सिद्ध बाबा पर जाकर उनसे यात्रा की सफलता का आशीर्वाद मांगा। यात्रा के मध्य जो बात महत्वपूर्ण रूप से निकलकर आई वह था इस नदी के जल प्रवाह को रोककर स्थानीय किसानों के द्वारा इस पर अवैध अतिक्रमण करना। साथ ही इससे बूढ़ी गंगा के प्रवाह क्षेत्र में अधिक सिल्ट जमा होने के कारण से ही सभी किसानों को यह अवसर प्राप्त हो जाता है कि वह इस पर अपनी फसल लगा लेते हैं।
पर्यावरणविद भारत भूषण गर्ग ने प्रशासन को पत्र लिखते हुए मांग की है कि इस नदी की सिल्ट निकाल कर उसके तटों को मजबूत किया जाए, जिन पर लोकभारती एवं वन विभाग के सहयोग से प्लांटेशन करते हुए उसके तटों को सुरक्षित किया जाए। इस कार्य के लिए सभी स्थानीय किसानों तथा स्थानीय ग्रामीणों ने अपनी सहर्ष स्वीकृति प्रदान करते हुए हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया।
नदी को पुनर्जीवन देने में सहयोग देने का आश्वासन
किसानों ने बूढ़ी गंगा के पुनर्जीवन में अपना हर संभव सहयोग करने का आश्वासन देते हुए कहा कि हम अब आगे से इस नदी के प्रवाह क्षेत्र को संरक्षित रखने के लिए प्रयास करेंगे। बसंतपुर के किसान निर्मल सिंह जी ने सभी यात्रियों का स्वागत करते हुए इस नदी को पुनर्जीवन देने में अपना सहयोग देने का आश्वासन दिया। इस यात्रा में गुरप्रीत सिंह, ग्राम प्रधान टीकम सिंह, रंजीत सिंह, संदीप शर्मा, शीशराम सिंह, मोहर सिंह, सूबेदार जगदीश सिंह चौहान, मूलचंद आर्य, डायरेक्टर विनोद कुमार, यथार्थ भूषण प्रमुख रूप से सहयोगी