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मेहनौन से भाजपा विधायक विनय द्विवेदीः विधायक नहीं, तो डॉक्टर होते
नौकरशाही के कार्यशैली पर उन्होंने कहा कि आज जो विकास हो रहे हैं वह ब्यूरोक्रेसी द्वारा सहयोग से ही संभव है। विधायिका और कार्यपालिका विकास के दो पहिए हैं इसलिए जन प्रतिनिधि एवं नौकरशाही को ईमानदारी से सरकार का साथ देना चाहिए तभी देश, प्रदेश का विकास होगा और जनता खुशहाल होगी।
तेज प्रताप सिंह
गोंडा। गांव के क्षेत्र पंचायत सदस्य से राजनीतिक सफर शुरू कर विनय कुमार द्विवेदी उर्फ मुन्ना भैया महज 11 साल में भाजपा के बैनर तले 2017 में चुनाव जीतकर मेहनौन विधानसभा क्षेत्र से विधानसभा पहुंच गए।
विधायक मुन्ना भैया राजनीति में न आते तो डाक्टर बनकर समाज सेवा करते। बाल्यावस्था से ही समाज सेवा की ललक ने उन्हें राजनीति में प्रवेश कराया और अब वे जनप्रतिनिधि के रुप में समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति के लिए भी सर्व सुलभ हैं।
मुन्ना भैया व्यक्तिगत जीवन के साथ-साथ राजनीति में भी शुचिता और ईमानदारी के पक्षधर हैं। यही वजह है कि बिना जांचे परखे किसी मामले में सिफारिश नहीं करते। शुभेच्छुओं और क्षेत्रीय जनता के हर दुःख-सुख में साथ खड़े रहने वाले मुन्ना भैया की जिले की राजनीति में अलग पहचान है।
उनका मानना है कि चुनाव आयोग की सख्ती से ही चुनाव खर्च न्यूनतम हो गया है, इसलिए आर्थिक रुप से कमजोर, ईमानदार और साफ सुथरी छवि वाले नेता भी अब सांसद, विधायक बन सकते हैं।
राजनीतिक परिवार से हैं मुन्ना भैया
जिले के सदर तहसील क्षेत्र के श्रीनगर बाबागंज गांव जन्मे भाजपा विधायक विनय द्विवेदी के पिता महंत दीप नरायन वन संत सहजवन मठ के मठाधीश थे और मुजेहना (अब मेहनौन) क्षेत्र से 1969, 1974 और 1980 में विधायक रहे। जबकि 1984 में जिले की ही दूसरी लोक सभा सीट बलरामपुर की जनता ने उन्हें अपना प्रतिनिधि चुना और देश की सबसे बड़ी पंचायत लोकसभा भेजा।
महंत दीप नरायन वन ने कांग्रेस पार्टी के बैनर तले अपनी राजनीतिक यात्रा को मुकाम दिया। दोनों जिलों में उनका नाम बड़े आदर के साथ लिया जाता है। हालांकि उनके गोलोकवास के बाद परिवार पर संकटों का पहाड़ टूट पड़ा।
राजनीतिक ग्राफ
तमाम वर्षों तक त्रासदी से जूझने के बाद उनके सबसे छोटे पुत्र विनय द्विवेदी उर्फ मुन्ना भैया ने साल 2006 में क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव जीतकर पहली बार राजनीति में कदम रखा।
इसके बाद साल 2012 तक वे इंटियाथोक ब्लाक के प्रमुख रहे। 2015 में मेहनौन क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भारी मतों से जीतने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने मेहनौन से उन्हें अपना प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार दिया, जिसमें भारी मतों से जी हासिल कर वे विधान सभा की दहलीज पर पहुंच गए।
विनय द्विवेदी के त्यागपत्र से रिक्त सीट पर उनके बड़े भाई महंत ओंकार वन भी भारी मतों से जीते और जिले की सबसे बड़ी पंचायत जिला पंचायत के सदस्य बने। तीन भाइयों में सबसे छोटे विनय द्विवेदी ने जिले के प्रतिष्ठित लाल बहादुर शास्त्री महाविद्यालय से परास्नातक की डिग्री हासिल किया।
जिला मुख्यालय पर सिविल लाइन स्थित आवास पर उनका निवास है। राजनीति हो अथवा समाज सेवा हर काम में उनके भाई ओंकार वन और पत्नी का पूरा समर्थन, सहयोग उन्हें मिलता है।
व्यक्तिगत जीवन में अभिमान से दूर सरल व्यवहार, कठिन परिश्रम और सामाजिकता के चलते राजनीति हो अथवा नौकरशाही मुन्ना भैया सबके चहेते हैं।
पंचायत सदस्य से बने विधायक
साल 2006 में विनय द्विवेदी उर्फ मुन्ना भैया ने क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव जीतकर राजनीति में कदम रखा। इसके बाद वे इंटियाथोक ब्लाक के प्रमुख चुने गए। उनकी सेवाओं और कर्मठता को देखते हुए बसपा ने संगठन के विभिन्न पदों की जिम्मेदारी दी।
क्षेत्र में जी तोड़ मेहनत और उल्लेखनीय विकास कार्यों से उनकी अलग पहचान बनी और वे मेहनौन क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य भी चुन लिए गए। उनके जनाधार और लोकप्रियता को देखते हुए वर्ष 2017 में भारतीय जनता पार्टी ने उन्हें अपना लिया और सिम्बल देकर चुनाव मैदान में उतार दिया।
पार्टी के अपेक्षाओं पर वे खरे उतरे और कई चुनाव से लगातार जीत रहीं सपा विधायक नन्दिता शुक्ला के विजय अभियान को रोक दिया और उनके बेटे सपा प्रत्याशी राहुल शुक्ला को भारी मतों हराकर अपनी परम्परागत सीट पर कब्जा कर लिया।
पिछले चुनाव में इसी सीट पर सपा की नन्दिता शुक्ला ने रिकार्ड मतों से जीत हासिल की थी। यही नहीं उनके द्वारा खाली की गई मेहनौन जिला पंचायत सीट पर हुए उपचुनाव में उनके अग्रज भ्राता महंत ओंकार वन उर्फ बबलू भैया भी भारी मतों से जीते और जिले की सबसे बड़ी पंचायत के सदस्य बने।
विधायक मुन्ना भैया बताते हैं कि पिता की समाज सेवा देख हमारे मन में गरीब मजलूमों की सहायता करने की ललक थी।
बनाई अलग पहचान
राजनीति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सूबे के मख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अपना आदर्श मानने वाले मेहनौन के भाजपा विधायक विनय द्विवेदी राजनीति के अलावा खेती किसानी भी करते हैं।
भले ही उन्हें राजनीति विरासत का लाभ मिला हो लेकिन ईमानदारी, कड़े संघर्ष और समाज सेवा से उन्होंने जिले में अपनी अलग पहचान बना लिया हैं। जन समस्याएं हों अथवा अन्य काम वे पूरी मेहनत, लगन और ईमानदारी निपटाते हैं। उनकी छवि सादगी, सहृदय और विकास वादी विधायक के रूप में है और वे जनता के बीच बेहद लोकप्रिय हैं।
तमाम तामझाम और लग्जरी वाहनों के काफिले से इतर मुन्ना भैया काम पर विश्वास करते हैं और अकेले चलना पसंद करते हैं। गांव की गलियों से लेकर आम रास्तों पर कोई पीड़ित आम आदमी उनसे बेरोकटोक मिल सकता है।
उनका कहना है कि जब कोई अपनी समस्या लेकर आता है तो वे उसका धर्म और जाति अथवा गरीब या अमीर नहीं देखते। वे पीड़ित और जरुरतमंदों की सेवा अपना नैतिक कर्तव्य समझते हैं। राजनीतिक कामों से फुरसत मिलने पर वे परिवार और दोस्तों के बीच समय बिताते हैं।
राजनीतिक बदलाव राष्ट्रहित में
देश के राजनीतिक क्षितिज पर ध्रुवतारे की तरह चमक रहे भाजपा के शिखर पुरुष रहे पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के निधन पर सबसे ज्यादा दुःखी हुए।
विधायक मुन्ना भैया ने बीते कुछ वर्षों में राजनीतिक क्षेत्र में हुए बदलाव की चर्चा करते हुए कहा कि 2014 में केन्द्र में भाजपा की सरकार और नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश और राजनीतिक क्षेत्र में बड़ा बदलाव हुआ है। जिसमें राष्ट्रहित को सबसे ऊपर रखा गया।
उन्होंने कहा कि आज जहां केन्द्र व राज्य सरकारों की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र जरूरत मंद को मिल रहा है, वहीं कश्मीर में धारा 370 का खात्मा, मुस्लिम महिलाओं के लिए कष्टकारी बन चुके तीन तलाक और देश में अवैध घुसपैठ को रोने के लिए नागरिकता संशोधन कानून बनाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा जो इतिहास रचा गया है उसके दूरगामी परिणाम होंगे। राष्ट्रहित में यह फैसले केवल भाजपा ही ले सकती है।
मां के समान होती है पार्टियां
भाजपा को सबसे अधिक आंतरिक लोकतंत्र वाली पार्टी बताते हुए मुन्ना भैया ने कहा कि बीजेपी इकलौती पार्टी है, जिसमें अदने से कार्यकर्ता को पूरा सम्मान मिलता है। राजनीति में दलबदल पर सख्त विरोध जताते हुए उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं और नेताओं को पाल-पोस कर ऊंचा स्थान दिलाने वाली पार्टियां मां के समान होती है।
विचारधारा के विपरीत दल बदल करने वाले राजनेताओं से जनता का विश्वास उठ जाता है। चुनाव आयोग द्वारा ईवीएम से मतदान को निष्पक्ष बताते हुए मुना भैया कहते हैं कि इससे धन और बल के प्रयोग पर अंकुश लगा है।
लेकिन आपराधिक छवि के लागों को राजनीति से दूर रखने के लिए चुनाव आयोग को और सख्त होना होगा। उन्होंने बताया कि सबसे अधिक खुशी तब हुई जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण का शिलान्यास किया।
निधि और नौकरशाही विकास में सहायक
विधायक निधि के सवाल पर विधायक मुन्ना भैया ने कहा कि विधायक निधि क्षेत्र के विकास में काफी सहायक है और इससे तमाम छोटी बड़ी समस्याएं निपट जाती हैं।
उन्होंने कहा कि निधि की धनराशि अत्यंत कम है। इसमें वृद्धि होनी चाहिए ताकि जनता की उचित मांगों को आसानी से पूरा किया जा सके।
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उनका कहना है कि उन्हें इस बात की खुशी है कि मेहनौन क्षेत्र की जनता जागरुक है और क्षेत्र की ज्वलंत समसयाओं पर उनका ध्यान आकृष्ट कराती रहती है।
नौकरशाही के कार्यशैली पर उन्होंने कहा कि आज जो विकास हो रहे हैं वह ब्यूरोक्रेसी द्वारा सहयोग से ही संभव है। विधायिका और कार्यपालिका विकास के दो पहिए हैं इसलिए जन प्रतिनिधि एवं नौकरशाही को ईमानदारी से सरकार का साथ देना चाहिए तभी देश, प्रदेश का विकास होगा और जनता खुशहाल होगी।
सड़कों का बिछाया जाल, बनवाए बिजलीघर
पांच दर्जन से अधिक सड़कों, सम्पर्क मार्गों का निर्माण कराकर क्षेत्र के विकास में नया कीर्तिमान बनाने वाले विधायक मुन्ना भैया ने अपने साढ़े तीन साल के विकास कार्यों को गिनाते हुए कहा कि वर्षों से पिछड़े मेहनौन विधान सभा क्षेत्र में सड़कों का जाल बिछ गया है।
प्रदेश में सबसे पहले क्षेत्र के रुद्रगढ़नौसी में 200 बीघे में माडल गौशाला का निर्माण कराया गया। क्षेत्र में मिनी स्टेडियम बनाने हेतु भूमि की तलाश की जा रही है।
त्वरित विकास योजना में 1.77 करोड़ की लागत से मोतीगंज-दतौली मार्ग पर राजगढ़ पुल से भत्तीन के घर तक,
88.66 लाख से परवतीलाल खरिहा पक्की सड़क से धरखमु पुरवा हाते हुए बढ़ईपुरवा तक,
78 लाख से बंदरे बाबा मंदिर से राम सूरत के घर तक,
70 लाख से जूनियर हाईस्कूल पूरे बसालत प्रधानमंत्री सड़क से पंडितपुरवा गांव तक,
ये भी निर्माण कार्य पूरे हुए
56 लाख से धानेपुर रानीजोत प्रधानमंत्री सड़क से महेश भारी तक, 54 लाख से पृथ्वीनाथ लोनावा मार्ग पर पाइक पुरवा सरयू नहर पुल से मुंउेरवा सरहदी बार्डर तक
साढ़े 36 लाख से श्रीनगर बाबागंज नेहरा मार्ग से धनंजय सिंह नरसिंघवा तक मार्ग का निर्माण कराया जा चुका है।
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क्षेत्र में समुचित बिजली आपूर्ति के लिए एक ओर जहां मुजेहना के बेंदुली और इंटियाथोक में 40 करोड़ की लागत से 132 केवीए के बिद्युत उपकेन्द्र निर्माणाधीन है
मेहनौन व खरगूपुर में 33 केवीए के उपकेन्द्रों से विद्युत आपूर्ति चालू हो गई है।
500 मजरों में विद्युतीकरण का कार्य कराकर गांव के लोगों को विद्युत आपूर्ति की जा रही है।
पृथ्वीनाथ मंदिर और झालीधाम
विधायक के प्रयास से ही विश्व प्रसिद्ध पृथ्वीनाथ मंदिर और झालीधाम के लिए रद्धालुओं के आवागमन को सुलभ बनाने के लिए 57 करोड़ की लागत से आर्यनगर-गोकरन शिवाला-पृथ्वीनाथ-झालीधाम से बिशुनापुर मार्ग निर्माण की स्वीकृति के बाद निविदा प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है। निविदा सम्पन्न होते ही कार्य प्रारम्भ हो जाएगा।
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केन्द्र सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की योजना के तहत मेहनौन विधान सभा क्षेत्र के इंटियाथोक और मेहनौन ब्लाक का चयन किया गया है। इसके तहत दोनों ब्लाकों में डेढ़-डेढ़ करोड़ की लागत से कामन सर्विस सेंटर बनेंगे।
इनमें कौशल विकास केन्द्र, पुस्तकालय, मीटिंगहाल आदि बनाए जाएंगे। इसके अलावा जनता के स्वास्थ्य के लिए मेहनौन विधान सभा क्षेत्र में कुल नौ बेलनेस सेंटर भी बनाया जाएगा।
कार्य जो पूरे नहीं हो पाए
गोंडा-बलरामपुर रोड पर इंटियाथोक बाजार में बिसुही नदी पर बने पुराने और जर्जर पुल के स्थान पर नया पुल,
19 किमी लम्बा बाबागंज से इंटियाथोक मार्ग का चौड़ीकरण, इंटियाथोक से खरगूपुर मार्ग का नवीनीकरण,
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धानेपुर-दतौली मार्ग का उचचीकरण, पारासराय से धानेपुर मार्ग का पुर्ननिर्माण जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को शीघ्र ही सम्पन्न कराना उनकी प्राथमिकताओं में है।
उज्जैनी कला में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र और मजरों को जोड़ने के लिए एक दर्जन से अधिक माग्रों के निर्माण के लिए भी प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। इसके अलावा साल के अंत तक सभी छूटे मजरों का विद्युतीकरण, सड़कों का निर्माण तथा शिक्षा और स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं का निराकरण उनकी प्राथमिकताओं में है।