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UP Nikay Chunav: चोपन और घोरावल में भाजपा को अपनों ने दी सीधी चुनौती, कहीं मंत्री तो कहीं माननीय की फंसी साख

UP Nikay Chunav: चोपन और घोरावल में भाजपा को अपनों ने दी सीधी चुनौती, कहीं मंत्री तो कहीं माननीय की फंसी साख, बीजेपी के लिए बगावत का अनुभव अच्छा नहीं रहा है।

Kaushlendra Pandey
Published on: 25 April 2023 4:29 AM IST
UP Nikay Chunav: चोपन और घोरावल में भाजपा को अपनों ने दी सीधी चुनौती, कहीं मंत्री तो कहीं माननीय की फंसी साख
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सोनभद्र में निकाय चुनाव में चोपन और घोरावल में भाजपा को अपनों ने दी सीधी चुनौती: Photo- Newstrack

Sonbhadra News: सोनभद्र में नामांकन के आखिरी दिन जहां जिले के सभी नगर निकायों में उम्मीदवारी की तस्वीर स्पष्ट हो गई है। वहीं, कहीं मंत्री तो कहीं माननीयों की साख दांव पर लगने की चर्चाएं शुरू हो गई हैं। इस बार की सबसे दिलचस्प लड़ाई जिला मुख्यालय (नगरपालिका राबटर्सगंज), अनपरा नगर पंचायत, चोपन नगर पंचायत, घोरावल नगर पंचायत की बताई जा रही है। यहीं कारण है कि जिस तरह से चोपन और घोरावल में, भाजपा के ही मजबूत चेहरे माने जाने वाले संजय जैन और राकेश कुमार ने बगावत की ताल ठोंककर नामांकन दाखिल किया है, उसने पार्टी नेतृत्व में हड़कंप की स्थिति पैदा कर दी है। अन्य नगर पंचायतों में अंतर्विरोध की स्थिति को, सत्तापक्ष के लिए बड़ी चुनौती माना जा रहा है।

चोपन में उम्मीदवारी से पहले ही उठने लगे थे बगावत के स्वर:

सोनभद्र में पहली बार निषाद पार्टी की मजबूत इंट्री का जरिया बनने वाली चोपन नगर पंचायत में उम्मीदवारी की तस्वीर स्पष्ट होने से पहले ही बगावत के स्वर उठने लगे थे। तीन दिन पूर्व भाजपा के ही एक धड़े की तरफ से वाराणसी जाकर काशी प्रांत के क्षेत्रीय अध्यक्ष से मिलने, उम्मीदवारी को लेकर एतराज जताने का मामला सामने आया था। इसको लेकर एक पत्र के साथ ही, एक तस्वीर भी वायरल हुई थी। हालांकि पत्रक में जिन लोगों के हस्ताक्षर थे, उन लोगों ने, वायरल हो रहे पत्र को फर्जी बताकर मामले को ठंडा करने की कोशिश भी की लेकिन जिस तरह से पत्र-तस्वीर वायरल होने के कुछ घंटे बाद ही चोपन नगर पंचायत की उम्मीदवारी भाजपा के सहयोगी निषाद पार्टी के खाते में जाने और निषाद पार्टी की तरफ से उस्मान अली को उम्मीदवार घोषित करने का मामला सामने आया। वैसे ही वायरल पत्र-तस्वीर को लेकर दोबारा चर्चाएं शुरू हो गईं।

सोमवार को इन चर्चाओं में दम तब देखने को मिला, जब स्थानीय स्तर पर भाजपा के बड़े चेहरे और भाजपा की तरफ से यहां टिकट के प्रबल दावेदार माने जा रहे संजय जैन समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करने ओबरा तहसील मुख्यालय पहुंच गए। आम लोगों के बीच हो रही चर्चाओं में भी चोपन नगर पंचायत की लड़ाई उस्मान और संजय के बीच आमने-सामने की मानी जा रही है। हालांकि उस्मान के साथ नामांकन के वक्त पहुंचे राज्य मंत्री संजीव कुमार गोंड़ और वायरल तस्वीर में क्षेत्रीय अध्यक्ष से मिलते दिख रहे, संजीव त्रिपाठी की तस्वीर शेयर कर, मतदाताओं में, मजबूती का बड़ा संदेश देने की कोशिश की गई लेकिन यह कवायद कितनी कामयाब होगी? फिलहाल कुछ कह पाना मुश्किल है।

घोरावल में दोहराता दिख रहा बगावत का इतिहासः

घोरावल में जिस उम्मीदवार (राजेश कुमार) ने पिछले निकाय चुनाव में बगावत का झंडा बुलंद किया था। वह इस बार भाजपा के रथ पर सवार हैं। वहीं जिन्होंने (राकेश कुमार) ने भाजपा उम्मीदवार के रूप में चुनावी लड़ाई लड़ी थी। वह इस बार बागी उम्मीदवार के रूप में आमने-सामने चुनावी मैदान में है। घोरावल नगर पंचायत में उमर वैश्य मतदाता और मौर्य मतदाता इस बार भाजपा की बड़ी ताकत हैं लेकिन जिस तरह से भाजपा के ही पूर्व के नगर पंचायत में प्रत्याशी रहे राकेश कुमार ने सीधी लड़ाई की ताल ठोंक दी है। सपा प्रत्याशी रमेशचंद्र पांडेय के पक्ष में भी मजबूत समीकरण दिख रहा है। नामांकन के वक्त सपाई दिग्गजों का जमावड़ा भी देखने को मिला है, उससे यह तो स्पष्ट हो गया है कि पूर्व के निकाय चुनावों की तरह इस बार भी घोरावल में भाजपा के लिए जीत की राह आसान नहीं रहने वाली है। दिलचस्प मसला यह है कि राकेश और राजेश दोनों घोरावल नगर पंचायत से एक-एक बार अध्यक्ष निर्वाचित हो चुके हैं।

अपनों की बगावत देती रही है भाजपा को बड़ा दर्दः

सोनभद्र में अपनों की बगावत को लेकर भाजपा का अनुभव कुछ अच्छा नहीं रहा है। ओबरा विधानसभा के पहले चुनाव में भाजपा के अनिल सिंह की बगावत ने भाजपा की जीत को बसपा की झोली में डाल दिया था। वहीं पिछले बार के निकाय चुनाव में घोरावल में भाजपा के ही बागी उम्मीदवार ने भाजपा को करारी शिकस्त दी थी। रेणुकूट के उपचुनाव में कभी भाजपा का मजबूत धड़ा माने वाले, अनिल खेमे की निर्दल दावेदारी के चलते भाजपा को ऐसी हार मिली कि 2023 के निकाय चुनाव में उम्मीदवारों के चयन के मायने ही बदल गए।

जिला मुख्यालय पर भी मिलती दिख रही अच्छी चुनौतीः

जिला मुख्यालय यानी जिले की एकमात्र नगरपालिका जिसे, मोदी मैजिक के पहले से भाजपा का गढ़ माना जाता रहा है। वहां भी भाजपा को प्रतिद्वंदी दलों से अच्छी चुनौती मिलती दिख रही है। यहां से भाजपा ने दुद्धी की पूर्व विधायक रूबी प्रसाद को उम्मीदवार बनाया जा रहा है। मौजूदा समीकरण के लिहाज से रूबी को मजबूत प्रत्याशी भी माना जा रहा है लेकिन जिस तरह से स्थानीय नेताओं की उम्मीदें टूटी हैं और कुछ मजबूत नाम दरकिनार हुए हैं, उसको देखते हुए यहां भी अंतर्विरोध की चर्चाएं तेजी से शुरू हो गई हैं।

हालातों को देखते हुए ढील देने के मूड में नहीं है भाजपा:

बताते चलें कि निकाय चुनाव में जिस तरह से नामांकन के आखिरी दिन सोमवार को भाजपा की तरफ से दमदारी दिखाई गई, उससे यह तो स्पष्ट हो गया है कि भाजपा निकाय चुनाव में किसी तरह की ढील देने के मूड में नहीं है।.... लेकिन जिस तरह से चोपन और भाजपा में अपनों ने ही बागी तेवर अपनाए हैं। वहीं अन्य निकायों में अंतर्विरोध की स्थिति देखने को मिल रही है, उससे यह भी स्पष्ट है कि विधानसभा चुनाव की तरह, निकाय चुनाव में क्लीन स्विप का मिशन आसान नहीं रहने वाला है।



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Kaushlendra Pandey

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