संकट में ये व्यवसाय: लोगों पर आई ऐसी मुसीबत, खर्चा चलाना हुआ मुश्किल

लॉकडाउन के पहले डेढ़ से दो हजार स्क्वायर फीट का ऑर्डर मिलता था। अब तो सौ स्क्वायर फीट के लिए भी ऑर्डर मिलना मुश्किल है।

Rahul Joy
Published on: 4 Jun 2020 5:40 AM GMT
संकट में ये व्यवसाय: लोगों पर आई ऐसी मुसीबत, खर्चा चलाना हुआ मुश्किल
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बलिया। वैश्विक महामारी कोरोना से उपजे संकट ने लॉकडाउन में प्रचार सामग्री छापने वाले ऑफसेट प्रिंटिंग व्यवसाय के सामने घोर संकट खड़ा कर दिया है। इस व्यवसाय से जुड़े लोगों के सम्मुख भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है । इस कारोबार से ताल्लुक रखने वालों को अब पंचायत चुनाव से ही आस है।

लॉकडाउन के कारण ऑफसेट प्रिंटिंग व्यवसाय पर इस समय घोर संकट उत्पन्न हो गया है । सोशल मीडिया के इस युग में अभी भी दीवारों पर इबारत लिखने की परम्परा कायम है तो बदलते परिवेश में अब ब्रांडिंग या प्रचार के लिए फ्लैक्स बोर्ड छपवाने का चलन आम हो गया है। इसके लिए शहर-शहर ऑफसेट प्रेस स्थापित हो गए हैं। इस व्यवसाय में हजारों हाथों को काम मिलता है। लेकिन कोरोना का संकट पैदा होने से ऑफसेट प्रिंटिंग प्रेस में काम करने वाले लोग खाली बैठे हैं। लॉकडाउन पांच में ढील दिए जाने से ऑफसेट खुल तो गए हैं, पर उनके पास काम नहीं आ रहे। काम के अभाव में उनके समक्ष विकट स्थिति उत्पन्न हो गई है ।

आर्डर मिलना हो रहा मुश्किल

जिला मुख्यालय पर स्थित प्रिया कम्प्यूटर ऑफसेट प्रिंटिंग में पहले काम करने से इस काम में जुटे लोगों को फुर्सत नही मिलती थी , लेकिन अब फुर्सत ही फुर्सत है । इस प्रतिष्ठान पर प्रेस डिजाइन का काम करने वाले परवेज ने बताया कि हमारे यहां आठ लोग काम करते हैं। लॉकडाउन के पहले डेढ़ से दो हजार स्क्वायर फीट का ऑर्डर मिलता था। अब तो सौ स्क्वायर फीट के लिए भी ऑर्डर मिलना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के बाद अब हालात यह हो गए हैं कि अब इस व्यवसाय से दो लोगों का भी खर्च निकलना दूभर हो गया है।

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खर्च चलाना हो रहा मुश्किल

परवेज ने बताया कि हमलोगों को घर का खर्च चलाने में भी दिक्कतें आ रही हैं। उन्होंने बताया कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए प्रत्याशी आठ-दस महीने पहले से ही प्रचार-प्रसार सामग्री छपवाना शुरू कर देते थे । इस बार भी हमने यही उम्मीद लगाई थी। इसके लिए कच्चा माल मंगा भी लिया गया था , लेकिन लॉकडाउन ने हमारी सारी उम्मीदों पर तुषारापात कर दिया है । हम अब टकटकी लगाये हैं कि त्रि स्तरीय पंचायत चुनाव की कब घोषणा होती है ।

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सरकारी विज्ञापन से मिल रही संजीवनी

ऑफसेट वालों को लॉकडाउन में प्रचुर मात्रा में काम तो नहीं मिल रहा, लेकिन इस व्यवसाय को कोरोना से जुड़े सरकारी विज्ञापनों का फ्लैक्स बोर्ड बनाने से संजीवनी प्राप्त हो रहा है । जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इक्का-दुक्का ऑर्डर मिलने से ऑफसेट वाले राहत महसूस कर रहे हैं। हालांकि अनलॉक 1 में दुकानों को खोले जाने की अनुमति मिलने के बाद इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को आस है कि उनके दिन भी अब बहुरेंगे ।

रिपोर्टर - अनूप कुमार हेमकर,बलिया

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