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अयोध्या: राज्यपाल ने कहा- आजादी के लिए देश ने भीषण यातनाओं को झेला

Newstrack
Published on: 12 March 2021 2:19 PM GMT
अयोध्या: राज्यपाल ने कहा- आजादी के लिए देश ने भीषण यातनाओं को झेला
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अयोध्या: राज्यपाल ने कहा- आजादी के लिए देश ने भीषण यातनाओं को झेला

अयोध्या : आज ही के दिन 1930 में महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम से दांडी यात्रा का शुभारम्भ किया था। ब्रिटिश सरकार द्वारा नमक पर टैक्स लगाने का विरोध अहमदाबाद स्थित साबरमती आश्रम से प्रारम्भ हुआ यह आंदोलन देश का आंदोलन बन गया। 150 वर्षों से लगातार संघर्ष के बाद देश के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, विद्वजनों, युवाओं ने अपने जान को न्यौछावर कर आजादी पायी।

अमृत महोत्सव पर कुलाधिपति आनंदी पटेल ने कही यह बात

इस आजादी के लिए देश ने भीषण यातनाओं को झेला है। तब जाकर कही स्वराज की स्थापना हो पायी। भारत में देश का हित सर्वोपरि हो इसी संकल्प पर हमें कार्य करना होगा। साथ ही आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लेना होगा। आने वाली पीढ़ी को स्वतंत्रता संग्राम के सघर्षों की गाथा से परिचित कराना होगा जिससे वे समझ सके कि आजादी के क्या मूल्य है। उक्त बातें प्रदेश की राज्यपाल व डॉ राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्रीमती आनंदी पटेल ने 25 वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा आयोजित इस अमृत महोत्सव के दौरान प्रत्येक युवा स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी कथाओं पर अध्ययन कर आपसी चर्चा का विषय बनाये।

25 वां दीक्षांत समारोह

समारोह के मुख्य अतिथि प्रदेश के उपमुख्यमंत्री एवं उच्च शि़क्षा मंत्री डाॅ0 दिनेश शर्मा ने कहा कि दीक्षांत समारोह ग्रहण की शिक्षा को समर्पित करने का एक अवसर है। समाज के लिए शिक्षा का ज्यादा से ज्यादा उपयोग हो सके इस पर कार्य करने की आवश्यकता है। नई शिक्षा नीति में शिक्षा का स्तर बढ़े इसी लिए सरकार द्वारा राज्य विश्वविद्यालयों में काॅमन पाठ्यक्रम लागू करने की योजना पर कार्य कर रही है। वर्तमान समय में राज्य सरकार द्वारा डिजीटल लाइब्रेरी की स्थापना की गई है।

कोरोना महामारी के द्वारा 79 हजार ई-कंटेंट अपलोड

कोविड-19 के दौरान राज्य विश्वविद्यालयों ने 30 विभिन्न पाठ्यक्रमों में 79 हजार ई-कंटेंट अपलोड किए है इसमें वीडियों लेक्चर, वायस एवं टेक्स्ट को शामिल किया गया है। डिजीटल लाइब्रेरी के उपयोग के लिए देशभर के विद्यार्थी एवं शिक्षक शिक्षण एवं ज्ञान के लिए अपने उपयोग में ले रहे है। केन्द्र सरकार के साथ एमओयू किया गया है।

मुख्य अतिथि डाॅ0 लक्ष्मण सिंह राठौर

कार्यक्रम मुख्य अभ्यागत अतिथि डाॅ0 लक्ष्मण सिंह राठौर, स्थाई प्रतिनिधि (भारतीय राजदूत) विश्व मौसम विज्ञान संगठन यू0एन0ओ0, पूर्व महानिदेशक, मौसम विज्ञान, भारतीय मौसम विभाग, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय, नई दिल्ली ने कहा कि आधुनिक युग में ज्ञान की नवजागरणयुगीन ऐतिहासिक क्रांतिकारी भूमिका के व्यतीत हो जाने के बाद आज का वर्तमान समय कौशल विकास का ही है।

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11वीं पंचवर्षीय योजना में शैक्षिक योजना को लागू करने का संकल्प

ज्ञान एवं अर्थव्यवस्था एक दूसरे के पूरक है। भारतीय जनमानस में पाश्चात्य देशों के दबाव में आकर शिक्षण व्यवस्था को बड़े स्तर पर प्रभावित कर लिया है जिसका परिणाम सुखःद नही रहा। डाॅ0 राठौर ने कहा कि 11वीं पंचवर्षीय योजना में भारत की शैक्षिक योजना को लागू करने का संकल्प लिया गया था और इसे बारहवीं पंचवर्षीय योजना में भी 19 से 24 वर्ष आयु के सिर्फ 5 प्रतिशत से कम लोगों ने व्यवसायिक शिक्षा प्राप्त की।

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विश्वविद्यालय के कुलपति ने अतिथियों का किया स्वागत

दीक्षांत समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रविशंकर सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि महामहिम की उपस्थिति विश्वविद्यालय के लिए गौरव के साथ-साथ एतिहासिक भी है। समय पर महामहिम के दिशा-निर्देश से विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली, शैक्षिक वातावरण के निर्माण एवं कुशल नेतृत्व ने हम सभी का मार्ग-दर्शन किया है।

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25 नये पाठ्यक्रमों का संचालन करने का निर्णय

विश्वविद्यालय अपनी स्थापना से लेकर अब तक महत्वपूर्ण उपलब्धियों का साक्षी रहा है। वर्तमान समय में विश्वविद्यालय से सम्बंध 738 महाविद्यालय है। 6 लाख से अधिक विद्यार्थी इस विश्वविद्यालय विभिन्न पाठ्यक्रमों से जुड़े है। सत्र 2021-22 से परिसर में 25 नये रोजगारपरक पाठ्यक्रमों का संचालन करने का निर्णय लिया गया है। इस प्रकार नियमित एवं स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों की संख्या परिसर में लगभग 58 हो चुकी है।

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रिपोर्ट : नाथ बख्श सिंह

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