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CM योगी ने किया शिक्षकों को सम्मानित, प्रेरणा ऐप व वेब पोर्टल किया लांच

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेश के 49 शिक्षकों को सम्मानित किया और बेसिक शिक्षा विभाग के लिए प्रेरणा ऐप और प्रेरणा वेब पोर्टल को बटन दबा कर लांच किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अगली बार सभी 75 जिलों से एक-एक शिक्षक को सम्मानित किया जायेगा।

Dharmendra kumar
Published on: 4 Sep 2019 3:41 PM GMT
CM योगी ने किया शिक्षकों को सम्मानित, प्रेरणा ऐप व वेब पोर्टल किया लांच
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लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर प्रदेश के 49 शिक्षकों को सम्मानित किया और बेसिक शिक्षा विभाग के लिए प्रेरणा ऐप और प्रेरणा वेब पोर्टल को बटन दबा कर लांच किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अगली बार सभी 75 जिलों से एक-एक शिक्षक को सम्मानित किया जायेगा। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वह निर्धारित समय से एक घंटा पहले स्कूल पहुंचे और बच्चों के विकास के लिए रणनीति बनायें।

राजधानी लखनऊ में बुधवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्यमंत्री ने 49 शिक्षकों को 25-25 हजार रुपये नकद, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह दे कर सम्मानित किया। इसके साथ सभी शिक्षकों को मां सरस्वती की प्रतिमा भी भेंट की गई। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चे का सामाजिक दायरा सबसे पहले विद्यालय से ही शुरू होता है और यहां भी वह सबसे पहले शिक्षक के संपर्क में आता है।

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सीएम ने कहा कि प्राथमिक शिक्षा ही बच्चे को सबसे पहले तराशती है। प्राथमिक शिक्षा देने वाले शिक्षकों को छात्र कभी भूलते नहीं हैं। एक समाज में शिक्षक का बहुत योगदान होता है। उन्होंने कहा कि कोई बच्चा निरक्षर रह जाता है तो समाज पर असर पड़ता है। शिक्षा को समग्रता के साथ जनांदोलन बनाया जाए। बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान भी दिया जाए, जिससे बच्चा चुनौतियों से जूझ सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा के स्तर को सुधारने में महिलाओं की बड़ी भूमिका हो सकती हैं। महिलाए अगर नियमित विद्यालय आये तो वह अच्छी शिक्षक हो सकती है। उन्होंने कहा कि इस बार सम्मानित हुए शिक्षकों में केवल 20 शिक्षिकायें थी लेकिन मुझे खुशी होगी कि अगली बार सम्मान पाने वाली महिला शिक्षकों की संख्या बढ़े। उन्होंने बताया कि मेरिट के आधार पर शिक्षकों का सम्मान किया गया है।

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उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वह एक घंटे पहले विद्यालय पहुंचें और बच्चों के विकास के लिए रणनीति तैयार करें। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को बच्चों के घर जाने की शुरूआत करनी चाहिए, समाज से जुड़ कर काम करना चाहिए।

योगी ने बताया कि उन्होंने अपनी पहली विधायक निधि से प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के फर्नीचर के लिए योगदान किया था। उन्होंने कहा कि बीते ढ़ाई साल में यूपी में हुए काम की बदौलत ही भारत सरकार ने यूपी को अवार्ड दिया।

उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की तारीफ करते हुए कहा कि प्रेरणा ऐप पर शिक्षक शासन से जुड़ेगा और पारदर्शिता आएगी। उन्होंने शिक्षकों से जनगणना कार्य में जुटने की अपील करते हुए कहा कि इससे भागे नहीं, अपनी सोच को बदले। जनगणना कार्य से घरों और समाज से जुड़ने का मौका मिलता है। घर-घर जा कर लोगों से बात करें, उन्हे शिक्षा के लिए जागरूक करें और शासन की कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बतायें।

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इस मौके पर बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार सतीश द्विवेदी ने कहा कि हमारा संकल्प है कि अगले ढाई वर्ष में प्रदेश की बेसिक शिक्षा को इस स्तर तक पहुंचाया जाए कि सरकार के कार्यकाल के बाद देश और विदेश से लोग यूपी की बेसिक शिक्षा पर शोध और अध्ययन करने यहां आयें।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रदेश की बेसिक शिक्षा को गुणवत्तापूर्ण बनाने का संकल्प लिया है। विभाग इस संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाएगा और अगले ढाई वर्ष में बेसिक शिक्षा की तस्वीर बदल देंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सबसे बड़ी यूएसपी है कि सरकार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि बीते 10 दिन में लिए गये फैसलों का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को देते हुए कहा कि उन्होंने बताया कि अगले वर्ष से राज्य शिक्षक पुरस्कार के लिए बेसिक शिक्षा अधिकारी के जरिए आवेदन नहीं करना होगा बल्कि शिक्षक स्वयं विभाग में आवेदन कर सकेगा।

Dharmendra kumar

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