×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

कोयला की ब्लैक मार्केटिंग करने वाली कंपनियों को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत

इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने करोड़ों रुपये के कोयले की ब्लैक मार्केटिंग करने की आरोपी कम्पनियों व उनके अधिकारियों को राहत देने से इंकार करते हुए उनकी ओर से दायर करीब ढाई दर्जन याचिकायें बुधवार को खारिज कर दीं।

Dharmendra kumar
Published on: 14 Aug 2019 10:01 PM IST
कोयला की ब्लैक मार्केटिंग करने वाली कंपनियों को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत
X

लखनऊ: इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने करोड़ों रुपये के कोयले की ब्लैक मार्केटिंग करने की आरोपी कम्पनियों व उनके अधिकारियों को राहत देने से इंकार करते हुए उनकी ओर से दायर करीब ढाई दर्जन याचिकायें बुधवार को खारिज कर दीं। केार्ट ने सीबीआई की एंटी करप्शन केार्ट लखनउ को निर्देश दिया है कि वह याचियेां के खिलाफ विचारण की कार्यवाही आगे बढ़ाये और जितनी जल्दी हो सके उसे पूरा करे।

यह आदेश जस्टिस दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने फेट्रिको मार्केटिंग एंड इनवेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड, स्वास्तिक सीमेंट प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, ड्रोलिआ कोक इंडस्ट्रीज प्राइवेट लिमिटेड व जय दुर्गा इंडस्ट्रीज समेत कुल 27 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

यह भी पढ़ें…इस मंदिर में प्रार्थना करने से टल जाती है मौत, पूरी होती है सभी मनोकामना

याचियों के खिलाफ सीबीआई ने वर्ष 2011 के कोयला ब्लेक मार्केटिंग के मामलों में चार्जशीट दाखिल किया है। जिस पर सीबीआई एंटी करप्शन लखनउ की अदालत ने संज्ञान लेकर याचियों को तलब कर लिया था। उक्त चार्जशीट तथा तलबी आदेश को याचियों ने चुनौती दी थी।

याचियों का कहना था कि इसी मामले में आरोपी बनाए गए, सरकारी अधिकारियों के खिलाफ सक्षम अधिकारी से जांच से पहले सीबीआई ने अनुमति नहीं ली थी । इस आधार पर पूरी विवेचना बिना क्षेत्राधिकार के हुई अत: उनके खिलाफ भी अभियोजन नहीं चलाया जा सकता। कोर्ट ने याचियों के इस तर्क को स्वीकार नहीं किया।

यह भी पढ़ें…कांपे पाक पीएम इमरान, पीओके पर मोदी सरकार लेगी ये बड़ा फैसला

दरअसल मामले में मार्च 2011 में सीबीआई ने आरोपी कम्पनियों पर छापा मारा। छापे के दौरान पाया गया कि सरकारी स्माल स्केल इंडस्ट्रीज को सब्सिडी पर सप्लाई किये जाने वाले करोड़ों की कीमत के कोयले को, सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत से ब्लैक मार्केट भेजा जा रहा था। इस कोयले केा स्पेशल स्मोकलेस फ्यूल बनाने के लिए प्रयोगर किया जाना था। सीबीआई जांच में डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्रीज सेंटर, चंदौली के तत्कालीन महाप्रबंधक रामजी सिंह व सहायक प्रबंधक योगेंद्र नाथ पांडेय की सांठगांठ सामने आई। सीबीआई ने जांच के उपरांत उक्त दोनों अधिकारियों के खिलाफ भी चार्जशीट निचली अदालत में दाखिल किया।

यह भी पढ़ें…कश्मीर का खौफ: नेता जी भाग रहे थे छोड़कर देश, धरे गए एयरपोर्ट पर

कोर्ट ने याचियेां की दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि विवेचना की अनुमति या अभियोजन स्वीकृति का विषय ट्रायल के दौरान उठाया जा सकता है। चूंकि अभी यह प्री-ट्रायल स्टेज है इसलिए याचियों की इस दलील को स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के विषय का लाभ कम्पनियों व उसके अधिकारियों को नहीं दिया जा सकता।



\
Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story