×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

योगी-मोदी के शहर को जोड़ने वाली सड़क पर नहीं लगा सकते दूसरा गियर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहजनपद गोरखपुर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को जोड़ने वाले निर्माणाधीन फोरलेन पर कोई चलना नहीं चाहता।

Newstrack
Published on: 6 Aug 2020 9:35 PM IST
योगी-मोदी के शहर को जोड़ने वाली सड़क पर नहीं लगा सकते दूसरा गियर
X
Gorakhpur-Varanasi Fourlane

गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृहजनपद गोरखपुर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को जोड़ने वाले निर्माणाधीन फोरलेन पर कोई चलना नहीं चाहता। रोज दुर्घटनाएं हो रही हैं। दलदल में गाड़ियां फंस रही हैं। रोडवेज बसों के ड्राइवर वेतन कटौती की चेतावनी के बाद भी इस सड़क पर चलने को तैयार नहीं है। स्थिति यह है कि गोरखपुर से बड़हलगंज के बीच करीब 50 किमी में से 35 किमी के सफर में चालक फर्स्ट गियर में ही गाड़ी चलाने को मजबूर हैं।

ये भी पढ़ें: UP सरकार की अदूरदर्शिता व गलत नीतियों से बिगड़ रहे हालात: अखिलेश यादव

सड़क निर्माण को लेकर डाली गई मिट्टी बनी दलदल

तीन साल से निर्माणाधीन गोरखपुर-वाराणसी फोरलेन को लेकर सरकार में मंत्री से लेकर प्रशासनिक अफसरों की सख्ती बेमतलब साबित हो रही है। बाघागाड़ा के बड़हलगंज तक करीब 50 किमी की दूरी में बमुश्किल 15 किलीमोटर सड़क ठीक है। शेष सड़क पर फर्स्ट गियर में ही सफर तय करना मजबूरी है। सड़क निर्माण को लेकर डाली गई मिट्टी दलदल हो गई है। उसमें गाड़ियां फंस रही हैं व खराब हो रही हैं। अफसर यह बताने की स्थिति में नहीं हैं कि फोरलेन कब तक बन जाएगा।

गाड़ियां रेंगते हुए आगे बढ़ीं

गोरखपुर से वाराणसी रोड पर बाघागाड़ा तक सड़क पिछले वर्ष ही बनी है। लेकिन बाघागाड़ा से लेकर बड़हलगंज तक करीब 50 किमी दूरी का सफर मुश्किलों भरा है। बारिश में तो स्थिति नारकीय हो गई है। बीते रविवार को मौरंग लदा ट्रक बेलीपार के जंगल दीर्घन सिंह गांव के गेट के सामने दलदल में फंस गया। बुधवार तक किसी प्रकार की राहत नहीं मिली तो ट्रक से बालू दूसरी गाड़ी पर रखकर ट्रक को किसी तरह निकाला गया। वहां गाड़ियां रेंगते हुए आगे बढ़ीं। भाकियू हरपाल गुट के लक्ष्मी चन्द्र शुक्ला का कहना है कि माल वाहक ट्रक रोज फंस रहे हैं। इस वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम जैसी स्थिति बनी हुई है। यहां तक कि एंबुलेंस को भी जाने में असुविधा हो रही है।

ये भी पढ़ें: जिले में आउट ऑफ कंट्रोल कोरोना! 10 साल के बच्चे समेत इतने लोगों की हुई मौत

फोरलेन पर बराबर सफर करने वाले अधिवक्ता मनीष श्रीवास्तव कहना है कि करीब 50 किलोमीटर लंबी सड़क पर बमुश्किल 15 किलोमीटर ही ठीक स्थिति में है। शेष दूरी फर्स्ट गियर में ही तय करना पड़ता है। 50 किमी की दूरी तय करने में करीब 3 घंटे का समय लग रहा है। वहीं व्यापारी मनीष जायसवाल का कहना है कि बारिश से बदहाल हुई सड़क पर यात्रा करने से लोग डरने लगे है। यह सड़क पूर्णतया दुर्घटनायुक्त सड़क में तब्दील हो गई है। पलटने की डर से कोई गाड़ियों को ओवरटेक करने की हिम्मत नहीं जुटाता।

सड़क से बर्बाद हो रहा कारोबार

कौड़ीराम से हाटा के बीच करीब 20 किमी तक पड़ने वाले सभी प्रमुख बाजार के सामने की सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे हैं। गगहा, मझगांवा, रामकोला और भलुआन में सड़क की बुरी स्थिति है। करीब 20 किमी दूरी में बमुश्किल आठ किमी सड़क ही ठीक है। शेष 12 किमी सड़क पर सफर किसी बुरे सपने की तरह है। गगहा के किसान आनंद शंकर सिंह और मझगांवा के गुड्डू सिंह का कहना है कि कोरोना के चलते वैसे ही बाजार में डिमांड नहीं है, रही सही कसर खराब सड़क ने पूरी कर दी है। ऑटो चालक वीरेन्द्र मौर्या का कहना है कि सड़क के चलते बाघागाड़ा से लेकर बड़हलगंज के बीच सैकड़ों ऑटो चालकों ने काम धंधा छोड़ दिया।

ये भी पढ़ें: देश को सबसे ज्यादा राज्यपाल देने वाला प्रदेश बना UP, जानें अब तक बने गवर्नर के नाम

फोरलेन कब बनेगा, नहीं बता सकता

एनएचएआई के परियोजना प्रबंधक श्रीप्रकाश पाठक का कहना है कि बारिश और ट्रैफिक जाम से फोरलेन निर्माण में बाधा आ रही है। महीने के अंत तक काफी सुधार की उम्मीद है। फोरलेन कब पूरा होगा, अभी बताना संभव नहीं है। फर्म को निर्माण कार्य में तेजी को लेकर 31 जुलाई तक का समय दिया गया था। काम की प्रगति संतोषजनक नहीं दिखी रही। समीक्षा के बाद कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

गोरखपुर वाराणसी फोरलेन का हाल गोरखपुर वाराणसी फोरलेन का हाल

आकड़ों की नजर में फोरलेन

1030 करोड़ पार्ट एक की लागत

840 करोड़ रुपये पार्ट टू की लागत

131 किलोमीटर लंबाई में फोरलेन का निर्माण

2017 में शुरू हुआ था फोरलेन का निर्माण

रिपोर्ट: पूर्णिमा श्रीवास्तव

ये भी पढ़ें: UP में कोरोना से जंग हुई तेज, अब तक 27 लाख से ज्यादा लोगों की हुई जांच



\
Newstrack

Newstrack

Next Story