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IIT कानपुर ने बनाई ऐसी डिवाइस, अब छिपकर नहीं रह सकेंगे कोरोना वायरस

वहीं अब कोरोना की इस लड़ाई को आसान बनाने के लिए आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है, जो कपड़ों में छिपे कोरोना वायरस को खत्म करेगी।

Shreya
Published on: 22 April 2020 2:11 PM IST
IIT कानपुर ने बनाई ऐसी डिवाइस, अब छिपकर नहीं रह सकेंगे कोरोना वायरस
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लखनऊ: इस वक्त पूरा देश कोरोना वायरस जैसे चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर रहा है। कोरोना की इस लड़ाई में देश का हर व्यक्ति अपना योगदान दे रहा है। वहीं अब कोरोना की इस लड़ाई को आसान बनाने के लिए आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने एक ऐसी डिवाइस तैयार की है, जो कपड़ों में छिपे कोरोना वायरस को खत्म करेगी।

IIT कानपुर ने तैयार किया विशेष प्रकार का चैंबर

आईआईटी कानपुर द्वारा इसके लिए एक विशेष प्रकार का चैंबर तैयार किया गया है। इस डिवाइस को तैयार किया है आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने। इस डिवाइस का शॉपिंग मॉल, अस्पताल और सरकारी संस्थानों में इस्तेमाल किया जा सकता है।

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दो स्टेप्स में काम करेगा ये चैंबर

इस डिवाइस के बारे में IIT Kanpur के मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि, इस प्रोसेस में दो चैंबर्स- एटोमाइजेशन चैंबर और थर्मल शॉक चैंबर का यूज किया गया है। ये दोनों चैंबर साथ मिलकर वायरस को खत्म करने का काम करते हैं। दो स्टेप्स में काम करने वाले इस रैपिड डिसइंफेक्टेंट चैंबर प्रक्रिया में पहले पूरा शरीर सैनिटाइज होगा और फिर थर्मल शॉक चैंबर के अधिक टेम्परेचर में वायरस पूरी तरह से खत्म हो जाएगा।

पूरे प्रसोस में लगेगा केवल दो मिनट का समय

IIT Kanpur के प्रोफेसर दीपू फिलिप ने बताया कि इस पूरे प्रसोस में केवल दो मिनट का समय लगता है। पहले स्टेप में व्यक्ति को ऑटोमाइजेशन के तहत स्प्रे चैंबर में जाना पड़ता है। फिर डिसइंफेक्शन को पूरे शरीर पर स्प्रे किया जाता है, जिससे सभी वायरस नष्ट हो जाते हैं। इसके साथ ही थर्मल शॉक चैंबर भी लगाया गया है। जिसका तापमान (Temperature) 65 डिग्री तक होता है। यानि बाहर के तापमान से 30 डिग्री अधिक। स्प्रे चैंबर के बाद इस चैंबर में आने पर सारे वायरस लगभग खत्म हो जाते हैं।

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इस डिवाइस से क्या होगा फायदा?

इस डिवाइस से हॉस्पिटल, शॉपिंग मॉल और बड़े मार्केट्स में कोरोना के अलावा अन्य वायरस के प्रवेश को भी रोका जा सकेगा।

चैंबर में आने वाले व्यक्ति के शरीर या कपड़ों पर लगे 90 प्रतिशत जर्म मर जाएंगे।

चूंकि यह पूरा चैंबर सेंसर युक्त है, इसलिए इसे बिना किसी व्यक्ति के ही ऑपरेट किया जा सकता है।

इसमें किसी तरह का केमिकल नहीं है, इसलिए इसके कोई साइड इफेक्ट्स या फिर

-इसमें किसी तरह का केमिकल नहीं है ऐसे में इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।

कम कीमत में किया जा सकता है निर्माण

प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने बताया कि इस चैम्बर को 50 हजार रुपये में तैयार किया जा सकता है। इसे बनाने के लिए जितने भी उपकरण का यूज किया गया है, वो देश में आसानी से उपलब्ध हैं। साथ ही इसको 48 घंटे के अंदर तैयार किया जा सकता है। वर्तमान समय में आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) में इस यूनिट को लगाया गया है। जो कि लोगों को सैनेटाइज कर रही है। इसके अलावा IIT Kanpur कैंट हॉस्पिटल, जिला प्रशासन, कुछ अस्पतालों से लगातार संपर्क में है।

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पोर्टेबल वेंटिलेटर का भी निर्माण कर रहा IIT Kanpur

इसके अलावा IIT Kanpur ऐसे पोर्टेबल वेंटिलेटर का निर्माण कर रहा है, जो मार्केट में उपलब्ध जीवन रक्षक मशीनों से काफी सस्ता होगा। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह एक्यूट रिसपेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम से पीड़ित लोगों के लिए काफी मददगार साबित होगा। आईआईटी कानपुर के प्रोफेसरों का दावा है कि मार्केट में उपलब्ध इन्वेसिव वेंटिलेटर की कीमत करीब 4 लाख रुपये है, जबकि इस वेंटिलेटर के सारे कल-पुर्जे और घटक भारत में बने होने के चलते इसकी कीमत 70 हजार रुपये तक आएगी। टीम का लक्ष्य है कि 2020 तक इसके 30,000 यूनिट बाजार में मौजूद हो।

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