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UP में लगेगा संपूर्ण लॉकडाउन? इस संगठन ने की प्रदेश सरकार से मांग

इंडियन पब्लिक सर्विस इम्पलाइज फेडरेशन ने यूपी में कोरोना के बढ़ते संक्रमण और चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को देखते हुए पूरे प्रदेश में 15 दिन का लॉकडाउन करने का सुझाव दिया है।

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Published on: 30 July 2020 3:32 PM GMT
UP में लगेगा संपूर्ण लॉकडाउन? इस संगठन ने की प्रदेश सरकार से मांग
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मनीष श्रीवास्तव

लखनऊ: इंडियन पब्लिक सर्विस इम्पलाइज फेडरेशन ने यूपी में कोरोना के बढ़ते संक्रमण और चिकित्सकों व पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को देखते हुए पूरे प्रदेश में 15 दिन का लॉकडाउन करने का सुझाव दिया है। जिस पर अपर मुख्य सचिव गृह ने कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया और कहा कि इप्सेफ के सुझाव पर विचार तथा मुख्यमंत्री से चर्चा करके प्रभावी कार्यवाही तत्परता से की जाएगी।

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कोविड-19 की बीमारी से प्रदेश में भय का माहौल

इप्सेफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र ने गुरुवार को प्रदेश के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश अवस्थी से भेंट कर कहा कि निरंतर बढ़ रही कोविड-19 की बीमारी से प्रदेश में भय का माहौल व्याप्त है। इसका मुख्य कारण अनुभवी डाक्टर नर्सेज तथा पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है और आउटसोर्सिंग के कर्मचारियों से इस बीमारी का इलाज संभव नहीं है।

उन्होंने कहा कि हजारों पद रिक्त होने के कारण कार्यरत स्टाफ की अत्यधिक कमी हो गई है। नर्सेज फार्मासिस्ट लैब टेक्नीशियन एवं अन्य तकनीकी कर्मचारियों की कमी से अस्पतालों मे अन्य बीमारियों के इलाज में बाधा उत्पन्न हो रही है। जनता परेशान है, कर्मचारियों का भी इलाज नहीं हो पा रहा है। इप्सेफ अध्यक्ष ने अपर मुख्य सचिव गृह को सुझाव दिया की सेवानिवृत्त अनुभवी स्टाफ की सेवाएं ली जाए तथा प्रदेश में 15 दिन का पूर्ण लॉकडाउन किया जाए, तभी बीमारी पर रोक लगेगी।

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लिंब सेंटर को कोविड-19 अस्पताल घोषित नहीं किए जाने की मांग

अपर मुख्य सचिव गृह से वार्ता में इप्सेफ अध्यक्ष ने आरएएलसी (लिंब सेंटर) को कोविड-19 अस्पताल घोषित नहीं किए जाने की मांग करते हुए कहा कि लिंब सेंटर में दिव्यांगों व जेपेनीज इंसेफलाइटिस के मरीजों का इलाज होता है, दुर्घटनाओ में बहुत से लोगों के हाथ पैर कट जाते हैं उनका इलाज होता है तथा आर्टिफिशियल हाथ-पैर आदि बनाये जाते हैं तथा ऐसे मरीज भर्ती भी रहते हैं।

इसके अलावा आर्थोपेडिक,गठिया, संचारी रोग सहित अन्य महत्वपूर्ण विभाग भी वहां कार्यरत हैं। सभी विभागों के विभागाध्यक्ष ने इसका विरोध करते हुए लिखा है कि उनके लिए केजीएमयू के शताब्दी अस्पताल में पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं है इस पर पुनर्विचार किया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 अस्पताल वार्ड के लिए अन्य किसी स्थान पर व्यवस्था की जाए। इसके साथ ही वीपी मिश्र ने प्रदेश की कानून-व्यवस्था की स्थिति की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि प्रदेश में अपराध और हत्यायें बढ़ रही है इसपर भी सख्ती से नियंत्रित किया जाए क्योंकि इससे सरकार की छवि खराब हो रही है।

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