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इस जिले में आए कोरोना के इतने मरीज, जानिए कितने हुए ठीक

जनपद में आज 26 कोरोना पॉजिटिव आए। साथ ही 20 मरीज आज ठीक भी हुए हैं। वहीं एक्टिव कोरोना मरीज की संख्या अब 238 है। अब तक 591 मरीज

Newstrack
Published on: 17 July 2020 5:40 PM GMT
इस जिले में आए कोरोना के इतने मरीज, जानिए कितने हुए ठीक
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अयोध्या: जनपद में आज 26 कोरोना पॉजिटिव आए। साथ ही 20 मरीज आज ठीक भी हुए हैं। वहीं एक्टिव कोरोना मरीज की संख्या अब 238 है। अब तक 591 मरीज मिल चुके हैं। 346 मरीज अब तक ठीक भी हो चुके हैं।

जिला प्रशासन ने कई कदम उठाये

लगातार अयोध्या-जनपद में कोरोना वायरस के संक्रमण की हो रही वृद्धि को देखते हुए जिला प्रशासन ने कई कदम उठाये हैं। जिला मजिस्ट्रेट ने जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों व डाक्टरों की टीम के साथ किया विचार विमर्श। विचार विमर्श के दौरान भारत सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार ,स्वास्थ्य विभाग व जिला प्रशासन की गाइडलाइन का गम्भीरता से पालन करने हेतु शहर से ग्रामीण अंचल तक जनमानस को नियमित रूप से और अधिक जागरूक करने का लिया गया निर्णय।

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संक्रमण के फैलाव को रोकने हेतु जिला मजिस्ट्रेट अनुज कुमार झा ने ग्राम स्तर व मोहल्ला स्तर पर गठित निगरानी समितियो से जिला प्रशासन द्वारा सौपे गए उत्तरदायित्व का गम्भीरता से पालन करने के दिए निर्देश। उन्होंने कहा कि समितियां अपने यहाँ अन्य जनपदों व प्रदेशों से आ रहे लोगों को सबसे पहले 14 दिनों तक अनिवार्य रूप से करे होमकोरेन्टीन।

जिन ग्राम व मोहल्ले में संक्रमण के केस मिलेंगे, वहां यह पता किया जाएगा कि संक्रमित व्यक्ति कब और कहां से आया है। और क्या उसे निगरानी समिति द्वारा 14 दिन के लिए होम कोरेन्टीन किया गया। यदि नहीं तो निगरानी समिति पर होगी सख्त कार्रवाई।

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मास्क अनिवार्य रूप से पहना होगा

इसी के साथ जिला मजिस्ट्रेट ने सभी सरकारी, गैर सरकारी कार्यालयों, चिकित्सालय, अधिक संख्या वाले प्रत्येक कार्य स्थल के साथ व्यापारिक प्रतिष्ठानों, व्यापारिक समूहों, कांप्लेक्स, मार्केट, के मुख्य द्वार पर कॉविड हेल्प डेक्स का संचालन नियमित रूप से करते रहने के दिए निर्देश। जहां पर सेंसर युक्त सैनिटाइजर के साथ थर्मल स्कैनिंग थर्मामीटर, ऑक्सीमीटर, आगन्तुक अंकन रजिस्टर की व्यवस्था के साथ एक प्रशिक्षित व्यक्ति को तैनात किया जाए। जो प्रवेश करने वाले हर व्यक्ति की थर्मल स्कैनिंग व ऑक्सीमीटर से जांच करेगा। यदि सब कुछ नॉर्मल है तो हैंड सेनीटाइजर कराकर ही वह अंदर प्रवेश देगा। प्रवेश करने वाले व्यक्ति को मास्क अनिवार्य रूप से पहना होगा।

इस प्रक्रिया से कार्यालय, व्यापारिक कांप्लेक्स, व्यवसायिक समूह, आदि में कार्य करने वाले कर्मचारियों सहित सभी व्यक्तियों को संक्रमण से निशिचित रूप बचाया जा सकता है। निरीक्षण में कोविड़ हेल्प डेस्क की स्थापना न होने पर कार्यस्थल को बंद कराने पर जिला प्रशासन विचार कर सकता है।

...चिकित्सालय में भर्ती कराया जाए

जिला मजिस्ट्रेट ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी सहित उनके पूरे टीम को निर्देश दिए हैं कि किसी भी संक्रमित व्यक्ति के मिलने पर उसे, उसी दिन उपचार हेतु संबंधित चिकित्सालय में भर्ती कराया जाए, जिस दिन उसकी रिपोर्ट प्राप्त हुई हो। इसमें विलंब न होने पाएं, क्योंकि ऐसे व्यक्ति में संक्रमण बढ़ने के साथ पूरी संभावना बनी रहती है कि उसके द्वारा असावधानी वश संक्रमण को अन्य में फैलया जा सकता है।

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साथ ही उस व्यक्ति के कांटेक्ट ट्रेसिंग उसी दिन पूर्ण कर संपर्क में आए हुए, सभी व्यक्तियों व घर के परिवार के सदस्यों को, निगरानी समिति के माध्यम से रिपोर्ट प्राप्त होने की तिथि से ही होम कोरनटाइन के पोस्टर चस्पा कराने के साथ, 14 दिनों के लिए होमकोरेन्टीन कराया जाए। तथा जारी आदेश की प्रतीक्षा किए बिना संबंधित प्रभारी अधिकारी अपने अधीनस्थ को तत्काल प्रभाव से उस क्षेत्र को सील करने के साथ नगर निगम द्वारा या ग्राम पंचायत द्वारा विसंक्रमित का कार्य प्रारंभ करा दिया जाए।

उन्होंने कहा कि यदि हम संक्रमित व्यक्ति के सभी कांटेक्ट ट्रेसिंग तत्काल कराकर निगरानी समिति के माध्यम से उन सभी को जो संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं को होम कोरनटाइन कराने में सफल रहे, तो निश्चित रूप से संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है।

रिपोर्ट: नाथ बख्श सिंह

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