कोरोना महामारी में खड़ी बसों का टैक्स व बीमा माफ करने की मांग

कोविड 19 महामारी के चलते प्राइवेट बसें खड़ी है। इससे बस संचालकों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। इसके बावजूद सरकार द्वारा बसों का टैक्स व बीमा कराए जाने के आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों से परिवहन संचालक काफी परेशान हैं।

Dharmendra kumar
Published on: 16 Jun 2020 8:46 PM GMT
कोरोना महामारी में खड़ी बसों का टैक्स व बीमा माफ करने की मांग
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झांसी: कोविड 19 महामारी के चलते प्राइवेट बसें खड़ी है। इससे बस संचालकों को काफी आर्थिक नुकसान हुआ है। इसके बावजूद सरकार द्वारा बसों का टैक्स व बीमा कराए जाने के आदेश जारी किए हैं। इन आदेशों से परिवहन संचालक काफी परेशान हैं। जिला बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर खड़ी बसों का टैक्स व बीमा माफ करने की मांग की है।

कोविड 19 महामारी मे भारत सरकार के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश का बुन्देलखण्ड़ अति पिछड़ा क्षेत्र में व्यवसायियों की सभी यात्री बसें पूर्णयता खड़ी रही। भारत सरकार ने बसों के सभी प्रपत्रों की वैधता 30 सितम्बर 2020 तक बढाई गई है। इसी के साथ ही प्रमुख सचिव उत्तर प्रदेश ने पत्र संख्या 319/तीस-4-2020 दिनांक 26 मार्च 2020 को परिवहन आयुक्त उत्तर प्रदेश को निर्देशित किया था कि इन्टर स्टेट, स्टैज कैरिज, कान्ट्रेट कैरिज का संचालन बन्द रहेगा, और इनके परमिट अग्रिम आदेश तक निलम्बित रहेगे तथा संचालन बन्द रहेगा। परिवहन अनुभाग-4 द्वारा समस्त प्रपत्रों की वैधता बढ़ाते हुऐ निर्देश जारी हुआ कि नाँन यूज क्लोज फैसिलिटी की व्यवस्था की जा रही है और इस व्यवस्था के अंर्तगत ऐसे व्हीकल्स तथा टैक्सी बस जो लाकडाउन के दौरान नही चल रहे है, उनको नान यूज क्लोज फैसिलिटी का लाभ प्रदान किया जाऐगा, जो आज तक माफ नही किया गया।

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उत्तर प्रदेश का बुन्देलखण्ड़ अति पिछड़ा क्षेत्र है, यहाँ की गरीब जनता का बसों द्वारा ही आवागमन का साधन निजी बस आपरेटर द्वारा सस्ता एंव सुलभ संचालन कराया जाता है ज्यादातर निजी बसें ही उनका सस्ता यातायात का साधन है। शासन द्वारा समय समय पर इस क्षेत्र को प्रत्येक व्यवसाय मे रियायत देती रही है। बस व्यवसायी छोटे छोटे मार्गो पर संचालन कर अपनी रोजी-रोटी कमाते है। तथा बस स्टाफ व इससे लगे अन्य लोगो की जीविका वमुश्किल चला पाते है।

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लाॅकडाउन लगने से मुख्य त्यौहारो एवं शादी विवाह के सीजन में बसे खडी रही जिससे हम व्यवसायियो एवं इससे जुड़े कर्मचारी आदि की जीविका का इन्ही चार महीनो मे पूरे साल का इन्तेजाम होता है। बाकी बचे आठ महीने सर्दी व बरसात के कारण व्यवसाय घाटे में रहता है, जिस कारण यह व्यवसाय लगभग एक वर्ष पीछे चला गया है। धनाढ़्य व अग्रीणी राज्य गुजरात सरकार ने छह माह का यात्री बसों का टैक्स माफ कर दिया है तथा अन्य ज्यादातर राज्यो ने बसो का टैक्स माफ कर दिया है। इसी के साथ ही भारत सरकार को बीमा कम्पनियों को बीमा को उक्त समय अवधि में असंचालन का जिस प्रकार अन्य प्रपत्रो का समय बढाया है।

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इस संबंध में जिला बस ऑपरेटर्स एसोसिएशन ने मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में कहा गया है कि बुन्देलखण्ड़ वासी बस व्यवसायियो का छह माह का टैक्स माफ करने एवं व्यवसाय को पुर्नजीवित करने में तथा इससे जुडे व्यवसाय एंव कर्मचारियो की जीविका चल सके। ज्यादा से ज्यादा रियायत देने की कृपा करें। हम सभी बस व्यवसायी एंव कर्मचारी व व्यवसाय से जुड़े लोग बहुत आभारी रहेगे। एसोशियेशन ने मेल एवं पंजीकृत डाक द्वारा अनेको बार प्रत्यावेदन दिये है, परन्तु अभी तक हम बस व्यवसायियों का टैक्स माफ नही किया गया है। इस महामारी के कारण हमारी बसें आज भी खड़ी है । ज्ञापन के माध्यम से टैक्स माफ करने की मांग की है। ज्ञापन देने वालों अध्यक्ष अनूप कुमार यादव, महासचिव मोहम्मद जावेद, रवि यादव, सुरेश चौबे, ओम प्रकाश राय, राजीव श्रीनाथ, निखिल छावड़ा, पंकज तिवारी, भैयालाल, प्रदीप कुमार गुप्ता, गौरी शंकर सोनी आदि उपस्थित रहे।

रिपोर्ट: बीके कुश्वाहा

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