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मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ जिलाधिकारी ने की बैठक, आगामी रमजान के लिए जारी हुए दिशा-निर्देश

आगामी 24-25 अप्रैल से पवित्र रमजान का महीना शुरू होकर 24 मई तक चलेगा। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरुओं के साथ बैठक में उक्त जानकारी देते हुए...

Ashiki
Published on: 18 April 2020 10:06 PM IST
मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ जिलाधिकारी ने की बैठक, आगामी रमजान के लिए जारी हुए दिशा-निर्देश
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अयोध्या: आगामी 24-25 अप्रैल से पवित्र रमजान का महीना शुरू होकर 24 मई तक चलेगा। कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में मुस्लिम समुदाय के धर्मगुरुओं के साथ बैठक में उक्त जानकारी देते हुए जिलाधिकारी अनुज कुमार झा ने बताया कि मुस्लिम संप्रदाय के लोग चंद्र दर्शन के अनुसार अपने पवित्र रमजान माह की शुरुआत करते हैं।

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बैठक में जिलाधिकारी ने सभी मुस्लिम धर्मगुरुओं से अपील की कि वे इस पवित्र माह में रोजे के दौरान समाज की प्रदेश की एवं देश की भलाई के लिए कोरोना वायरस से सभी की सुरक्षा के लिए दुआ करें। इस अवसर पर उन्होंने सभी उपस्थित धर्मगुरुओं से यह भी अपील किया कि वे अपने-अपने क्षेत्र में लोगों से वार्ता कर प्रातः काल की शहरी तथा सायंकाल प्रतिदिन रोजा इफ्तार अपने अपने घरों पर ही करें।

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सामूहिक रूप से रोजा इफ्तार बिल्कुल न करें। इस समय पूरा देश प्रदेश शहर लॉकडाउन की स्थिति से गुजर रहा है और हर देश की सरकार, शासन एवं प्रशासन अपने लोगों को इस संक्रमण से बचाने में लगा है क्योंकि कोरोना वायरस ऐसा वायरस है जो एक दूसरे के संपर्क से फैलता है। उन्होंने धर्मगुरुओं से यह भी अपील की मस्जिदों में 1 या 2 ही लोग नमाज अदा करें।

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मस्जिदों में अत्यधिक भीड़ से वहां निवास करने वाले के लिए खतरे का सबब बन सकती है। कोरोना वायरस से एक ही संक्रमित व्यक्ति हजारों व्यक्तियों को संक्रमित कर सकता है। परिवार का एक ही सदस्य संक्रमित होने पर पूरे परिवार को कोरोना वायरस का संक्रमण दे सकता है। ऐसी स्थिति में यह आवश्यक है कि हम अपने घरों में ही रह कर पांचो टाइम की नमाज अदा करने के साथ सायं काल परिवार के सदस्यों के साथ ही रोजाअफ्तार करें।

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उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी धर्म गुरुओं से कहा कि आप लोग अपने अपने क्षेत्र के प्रभावशाली है और लोग आपकी बातों को अच्छी तरह से मानते हैं। आप सभी से गुजारिश है कि आप लोग जिला प्रशासन का हर तरह से सहयोग करें। लोगो को घरों में रहने के लिए कहे। उन्होंने हर अजान के बाद लोगों से घरों में रहने,गलियों में न निकलने, सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने, हाथों को साबुन से धोते रहने, साफ सफाई बनाए रखें, इसे देखने की अपील की। जो व्यवस्था वर्तमान में चल रही है उसका पालन करने की भी अपील की है।

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जिलाधिकारी ने शिया संप्रदाय से भी अपील की है कि इस संकट की घड़ी में फिलहाल 19वीं 20वीं और 21वीं को निकलने वाले जलूस को भी जनहित में स्थगित रखें। जिलाधिकारी ने इस संकट की घड़ी में आप सभी ने खाद्य सामग्री सहित जो सहयोग दिया है वह प्रशंसनीय है। बैठक में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आशीष तिवारी ने कहा कि शासन एवं प्रशासन का यह प्रयास है हम-आप, हमारा परिवार तथा हमारे समाज के लोग सभी सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें, इसी वजह से शासन ने लॉकडाउन लगाया है।

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पवित्र रमजान माह त्याग एवं आपसी भाईचारे का महीना है। वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए अपने-अपने क्षेत्रों में आप लोग, लोगों से अपील करें कि वह गलियों में न निकलें। लोगों को जागरूक करें । जिला प्रशासन तथा पुलिस सदैव आपके साथ हैं। कोई भी परेशानी हो प्रशासन को तत्काल बताएं। बैठक में उपस्थित मुस्लिम धर्मगुरुओं ने एक स्वर में प्रशासन और स्वास्थ् विभाग के दिशा निर्देश व जारी एडवाइजरी का पालन स्वयं करने के साथ अपने क्षेत्र में हर किसी से पालन कराने के लिए आश्वासन दिया।

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धर्मगुरुओं ने कहा कोरोना वायरस किसी धर्म, अमीरी-गरीबी में कोई भेद नहीं करता है। हमें तो बचना ही है साथ ही अपने तथा अपने क्षेत्र के लोगो को भी बचाना है। उपस्थित धर्मगुरुओं ने एक स्वर में जिला प्रशासन का हर तरह से सहयोग करने की आश्वासन दिया। सभी ने कहा कि विगत कई वर्षों से दोनों संप्रदाय के त्यौहार एक साथ पड़े हैं। और इस शहर के दोनों संप्रदाय के गणमान्य लोगों ने आपसी सामंजस बिठाकर दोनों धर्मों के त्योहारों को शांति एवं भाईचारे के माहौल में संपन्न कराया है।

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जिले में गंगा जमुनी तहजीब वर्षों से चली आ रही है और इस को कायम रखने में हम सभी शासन व प्रशासन के साथ हैं। बैठक में अपर जिलाधिकारी नगर, डॉ वैभव शर्मा, पुलिस अधीक्षक नगर सहित शमसुल, कमर कादरी, मोहम्मद इस्माइल, डॉक्टर नजमुल हसन गनी, मौलाना सुल्तान अशरफ, हाजी मोहम्मद हनीफ, सिराजउल हक ,जमाल खान ,मोहम्मद कमर कामिल, हसनैन ,हामिद जफर ,जाकिर हुसैन पाशा ,जफर अब्बास, मुनीर अहमद, मोहम्मद फरीद कुरेशी, अहमद अफजाल, अहमद वारसी, जाहिद खां वारसी, मोहम्मद सदरे आलम, मोहम्मद बशीर खान, गुलाम अली, आदि मुस्लिम धर्मगुरु उपस्थित थे।

रिपोर्ट: नाथ बख्श सिंह

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