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पराली को जलाएं नहीं, गोवंश आश्रय स्थल पर गायों के चारे के रूप में इस्तेमाल हो

पिछले साल पराली को जलाए जाने के बाद उत्पन्न हुए संकट से बचने के लिए योगी सरकार ने अभी से सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा है कि पराली को गोवंश आश्रय स्थल में चारे के रूप में इस्तेमाल करने को कहा है।

Ashiki
Published on: 8 Jun 2020 1:25 PM GMT
पराली को जलाएं नहीं, गोवंश आश्रय स्थल पर गायों के चारे के रूप में इस्तेमाल हो
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श्रीधर अग्निहोत्री

लखनऊ: पिछले साल पराली को जलाए जाने के बाद उत्पन्न हुए संकट से बचने के लिए योगी सरकार ने अभी से सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा है कि पराली जलाने की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक तैयारियां समय से सुनिश्चित करने तथा पराली को गोवंश आश्रय स्थल में चारे के रूप में इस्तेमाल करने के लिए भी गोवंश आश्रय स्थल तक भेजने की कार्ययोजना अभी से तैयार करने को कहा है।

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उन्होंने कहा है कि ईएसआई हाॅस्पिटल के साथ बैठक कर हाॅस्टिपल में रेफर करने के लिए रेफरल प्रोटोकाॅल निर्धारित कर लिया जाये, जिससे कि मरीज को हाॅस्पिटल एडमिशन में किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।

उन्होंने कहा है कि प्रवासी श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए प्रत्येक जनपद में एक रोजगार समिति का गठन किया जाये, जो रोजगार सृजन पर विशेष बल देते हुये सेक्टरवार रोजगार सृजन की सम्भावनाओं को चिन्हित कर, बाहर से आये हुये प्रवासी श्रमिकों को उनके कौशल एवं आवश्यकतानुसार रोजगार उपलब्ध कराने की कार्यवाही सुनिश्चित करे। प्रवासी श्रमिकों के स्किल मैपिंग का डाटा सेवायोजन पोर्टल से भी जोड़ा जाये।

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मुख्य सचिव ने कहा है कि अन्य राज्यों के प्रदेश में निर्वासित भट्ठा श्रमिक, जो अपने प्रदेश वापस जाना चाहते हैं, उनकी सूची भट्ठा मालिकों से प्राप्त कर उन्हें श्रमिक स्पेशल ट्रेन से भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये। भेजने से पूर्व इन श्रमिकों से लिखित रूप में वेतन बकाया न होने का प्रमाण पत्र भी प्राप्त कर लिया जाये। उन्होंने कहा है कि पराली जलाने की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए आवश्यक तैयारियां समय से सुनिश्चित करा ली जायें। पराली को गोवंश आश्रय स्थल में चारे के रूप में इस्तेमाल करने के लिए भी गोवंश आश्रय स्थल तक भेजने की कार्ययोजना अभी से तैयार कर ली जाये।

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उन्होंने यह भी कहा है कि पिछले वर्ष सर्वाधिक पराली जलाने वाले क्षेत्रों का डाटा एकत्रित कर उन स्थानों पर पराली जलाने की घटना को रोकने के लिए विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि आगामी खरीफ फसलों की बुवाई हेतु खाद एवं बीज इत्यादि की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए समीक्षा कर ली जाये।

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अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्य सचिव ने कहा है कि एम्स की प्रवेश परीक्षा आयोजित कराने हेतु प्रदेश के 30 शहरों में परीक्षा केन्द्र बनाये गये हैं। इन केन्द्रों पर सुचारु रूप से परीक्षा संपन्न कराने के लिए सभी आवश्यक तैयारियों की समीक्षा कर ली जाये। उन्होंने यह भी कहा है कि पीजीआई, चण्डीगढ़ की प्रवेश परीक्षा के लिए नोएडा में परीक्षा केन्द्र बनाया गया है। केन्द्र पर परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र को ही मूवमेंट पास समझा जाये, ताकि उन्हें परीक्षा केन्द्रों पर पहुंचने में कोई असुविधा न हो।

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