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आतंकियों की कांपी रूह: 9 खूंखारों का हुआ ऐसा हाल, लेकिन अभी भी मंडरा रहा खतरा

देश में कोरोना महामारी के संकट के बीच आतंकी भी अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रहे हैं। आए दिन कश्मीर में शांति भंग करने और मातम मचाने के इरादे से ये नापाक हरकतें कर रहे हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 8 Jun 2020 1:16 PM GMT
आतंकियों की कांपी रूह: 9 खूंखारों का हुआ ऐसा हाल, लेकिन अभी भी मंडरा रहा खतरा
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आतंकियों की कांपी रूह: 9 खूंखारों का हुआ ऐसा हाल, लेकिन अभी भी मंडरा रहा खतरा

श्रीनगर। देश में कोरोना महामारी के संकट के बीच आतंकी भी अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रहे हैं। आए दिन कश्मीर में शांति भंग करने और मातम मचाने के इरादे से ये नापाक हरकतें कर रहे हैं। जब से कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर केंद्र सरका ने फैसला लिया है तब ही पाकिस्तान बहुत ज्यादा बौखलाया हुआ है और कश्मीर के पीछे हाथ धोकर पड़ गया है। ये बात भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कही। आगे उन्होंने कहा कि दक्षिण कश्मीर में करीब 25 विदेशी और 100 स्थानीय आतंकवादी एक्टिव हैं।

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दो मुठभेड़ों में नौ आतंकवादी मारे गए

भारतीय सेना के लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू ने अवंतीपोरा में कहा, 'अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान समाप्त करने के बाद की स्थिति सहित, मेरा मानना है कि लोगों ने फैसले को सकारात्मक तरीके से लिया। हमने लंबे समय बाद शांति देखी।'

बता दें, लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू के साथ दक्षिण कश्मीर स्थित सेना के विक्टर फोर्स के जनरल आफिसर कमांडिंग मेजर जनरल ए सेन गुप्ता और सीआरपीएफ के महानिरीक्षक भी थे।

सेना लेफ्टिनेंट जनरल बीएस राजू दक्षिणी कश्मीर के शोपियां जिले में 24 घंटे से कम समय में दो मुठभेड़ों में नौ आतंकवादियों के मारे जाने के बाद मीडिया से वार्ता कर रहे थे। तभी उन्होंने कहा कि इस वर्ष फरवरी तक घाटी में सामान्य स्थिति लगभग लौट आयी।

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व्यापक साजिश

आगे उन्होंने कहा, 'जनवरी-फरवरी में लोग बाहर घूमने लगे और स्कूल खुल गए, गुलमर्ग में शीतकालीन पर्यटन शुरू हो गया। इसलिए कोविड-19 की स्थिति शुरू होने से पहले हम सामान्य स्थिति के सभी संकेत देख रहे थे और हमें केवल जीवन बचाने के लिए लॉकडाउन लागू करना पड़ा।'

इसी कड़ी में लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने कहा, 'पाकिस्तान घाटी में शांतिपूर्ण स्थिति से खुश नहीं है।' उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान नाखुश है क्योंकि वह घाटी को अशांत रखने की अपनी व्यापक साजिश में लगा है।

इसी तरह से पाकिस्तान में सेना की प्रासंगिकता बनी रहती है। जहां तक यहां हिंसा में पाकिस्तान का हाथ होने का सवाल है तो यह दो चीजों का समिश्रण है- जमीनी मोर्चे पर नियंत्रण रेखा से हथियार भेजना और दूसरा दुष्प्रचार युद्ध जो पाकिस्तान लड़ना चाहता है।'

पाकिस्तान दुष्प्रचार में लिप्त

इसके साथ ही लेफ्टिनेंट जनरल राजू ने लोगों से अपील की कि वे पाकिस्तान से होने वाले दुष्प्रचार से भ्रमित नहीं हों। उन्होंने कहा, 'यह बहुत महत्वपूर्ण है। पाकिस्तान दुष्प्रचार में लिप्त है। कश्मीर घाटी में शांति से संबंधित जो हो रहा है, उससे अगर कोई खुश नहीं है तो वह पाकिस्तान है। इसलिए हमें इसका मुकाबला करना है।'

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आगे उन्होंने कहा, 'मैं कहना चाहूंगा कि पाकिस्तान से होने वाले दुष्प्रचार को असफल करने में देश के 120 करोड़ लोगों को एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। हम जमीन पर लड़ रहे हैं, हमें दुष्प्रचार को असफल करने और सही सूचना के प्रसार में निश्चित रूप से जनता के सहयोग की अपेक्षा है।'

कोरोना के इस संकट में आर्थिक तंगी और महामारी के प्रकोप से पाकिस्तान की हालत बहुत नाजुक है, लेकिन फिर भी ये देश अपनी फ्रिक करे बिना भारत में नापाक चाले चलने से बाज नहीं आ रहा है।

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