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छात्रों के लिए बड़ा मौका: शुरू हुआ 'स्मार्ट इंडिया हैकथॉन', अब मिलेगी ये सुविधा

डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आईईटी संस्थान में आज ''स्मार्ट इंडिया हैकथान 2020'' का ऑनलाइन आयोजन किया गया।

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Published on: 1 Aug 2020 3:30 PM GMT
छात्रों के लिए बड़ा मौका: शुरू हुआ स्मार्ट इंडिया हैकथॉन, अब मिलेगी ये सुविधा
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अयोध्या: डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के आईईटी संस्थान में आज ''स्मार्ट इंडिया हैकथान 2020'' का ऑनलाइन आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए अध्यक्षता कर रहे विश्वविद्यालय के नवागत कुलपति प्रो रवि शंकर सिंह ने बताया कि स्मार्ट इंडिया हैकथान एक एकेडमिक स्पोर्ट्स है। जिसमें खेल-खेल में ही बच्चे समस्याओं का हल निकाल लेते हैं। ऐसा करने से छात्रों के अंदर एक उत्साह पैदा होता है जिसके कारण वह भविष्य में अपने दिमाग का संपूर्ण इस्तेमाल करके नई-नई खोज भी विकसित कर सकते हैं।

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विश्वविद्यालय के लिए सम्मान की बात

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मेम्बर ऑफ गवर्निग कॉउन्सिल ऑफ इंडियन रेलवे के विनीत गोयनका ने स्मार्ट इंडिया हैकथान कराने के लिए आईईटी अवध विश्वविद्यालय को ढेर सारी बधाई दी और कहा कि हैकथान होना किसी भी विश्वविद्यालय के लिए बहुत ही सम्मान की बात है। इसके साथ-साथ छात्रों द्वारा अपनी सोच को पेटेंट कराना तथा जो नए-नए आविष्कार उनके द्वारा किए जा रहे हैं, उसके बारे में जानना रिसर्च करना है। उनका पेटेंट कराकर उसकी संपूर्ण जानकारी अपने पास रखना बहुत ही आवश्यक है।

प्रतिभागियों को नियमों से परिचिय

विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर पीएम खोडगे, चीफ प्रोजेक्ट एडवाइजर एनपीआईयू, नई दिल्ली ने बताया कि हैकथान का उपयोग क्या है तथा इसके द्वारा क्या-क्या कार्य किया सकता है। कार्यक्रम में अजय सिंह राजावत, एमएचआरडी इनोवेशन सेल ने सभी प्रतिभागियों से इनोवेशन में क्या करना है और क्या नही करना है इसके बारे में बताया। उन्होंने प्रतिभागियों को नियमों से भी परिचिय कराया।

कार्यक्रम में विशेष सहयोगी के रूप में डॉ. अनिल कुमार, एसपीआईयू, लखनऊ ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के निदेशक प्रो रमापति मिश्र द्वारा किया गया। धन्यवाद ज्ञापन शांभवी मुद्रा शुक्ला ने किया।

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चार सत्रों में बाटा गया कार्यक्रम

उद्घाटन सत्र के उपरांत कार्यक्रम को चार सत्रों में बाटा गया। इनमें मिनिस्ट्री की अपनी-अपनी समस्याएं थी जिन का निवारण छात्रों के द्वारा किया जाना था। सबसे पहले मिनिस्ट्री ऑफ रेलवे, दूसरी मिनिस्ट्री ऑफएमएसएमई, तीसरी ट्रैवल अफेयर्स मिनिस्ट्री और चैथी डायरेक्टर आफ टेक्निकल एजुकेशन चंडीगढ़ रही। इन चारों सत्रों का संचालन संस्थान के शिक्षकों जो कि मेंटर के रूप में कार्य कर रहे है उनके द्वारा किया जा रहा है।

शिक्षकों में मुख्यतः इंजीनियर अमितेश कुमार पंडित, इं दीपक कोरी इं शोभित श्रीवास्तव, इंजीनियर आस्था सिंह कुशवाहा, इं पारितोष त्रिपाठी, इं विनीत सिंह, इं महेश चैरसिया, इं नवीन पटेल, इं अखिलेश मौर्या इं अखिल विक्रम सिंह, कार्यक्रम में जज की भूमिका में रहे।

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प्रोफेसर नरेंद्र कोहली, डॉ पारूल यादव डॉ मुनेश चंद्र त्रिवेदी, प्रोफेसर आभा भार्गवा, इंजीनियर रोहित कुमार, प्रोफेसर एम बी मंडी, प्रोफेसर नीलेंद्र बादल, डॉक्टर मुजम्मिल हसन, इं अंकित सिंह प्रोफेसर के वी आर्य ,प्रो नंदनी प्रसाद के एस प्रो सिद्ध राजू, इं पूर्णेन्दु पुष्कर इंजीनियर के एल पांडे इत्यादि लोगों ने कार्यक्रम में मुख्य भूमिका निभाते हुए कार्यक्रम को सुचारू रूप से चलाने में मदद की।

प्रतिभागियों के लिए विशेष हैल्प लाइन की व्यवस्था

कार्यक्रम के समन्वयक इंजीनियर परिमल त्रिपाठी ने बताया कि कार्यक्रम में सहभागिता कर रहे सभी प्रतिभागियों के लिए एक विशेष हैल्प लाइन की भी व्यवस्था की गई जिसके द्वारा कभी भी प्रतिभागी अपनी समस्या सिंगल विंडो पर जूम ऐप के माध्यम से दर्ज कर सकता है।

रिपोर्ट: नाथ बख्श सिंह

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