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UP News: प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करना जरुरी

Education System in UP: भारत में प्राथमिक शिक्षा एक महत्वपूर्ण स्तर है जो बच्चों को नैतिक, सामाजिक, वैज्ञानिक, और गणितीय ज्ञान के साथ बेहतर जीवन के लिए तैयार करता है। इसलिए, प्राथमिक शिक्षकों की उचित प्रशिक्षण एवं शिक्षा महत्वपूर्ण है। वे बच्चों के शिक्षण का जिम्मा लेते हैं

Yogesh Mishra
Published on: 11 May 2023 3:55 PM IST
UP News: प्राथमिक शिक्षकों को प्रशिक्षित करना जरुरी
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Education System in UP (social media)

Education System in UP: नई दिल्ली, 06 जुलाई, 2000, आखिर सरकार ने यह मान ही लिया है कि यदि देश में प्राथमिक शिक्षा के प्रति बच्चों का आकर्षण पैदा करना है तो इससे जुड़े शिक्षकों को फिर से प्रशिक्षित करना होगा। लिहाजा आजादी के 50 साल बाद अब सरकार ने प्राथमिक शिक्षकों को आज के माहौल के अनुरुप प्रशिक्षित करने की एक योजना तैयार की है। साथ ही सरकार ने पुरुष अध्यापकों के बजाये प्राथमिक शिक्षा के मामले में महिला शिक्षकों के प्रति ज्यादा सहानुभूति दिखाई है।

मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने अपनी महत्वकांक्षी सर्व शिक्षा अभियान योजना में प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे अध्यापकों को फिर से प्रशिक्षित किए जाने का फैसला लिया है। साथ ही मंत्रालय यह भी मान चुका है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाएं बच्चों को पढ़ाने में ज्यादा कारगर हैं। मंत्रालय ने यह तय किया है कि इस अभियान के लिए नियुक्त किए जाने वाले अध्यापकों में पचास फीसदी स्थान महिलाओं के लिए आरक्षित रखे जाएंगे।

इस योजना में सरकार ने तय किया है कि 40 छात्रों में एक अध्यापक की नियुक्ति की राष्ट्रीय नीति पर गंभीरता से पालन किया जाए। सौ बच्चों से अधिक के नामांकन पर प्रत्येक प्राइमरी स्कूल में एक नया अध्यापक दिया जाएगा। साथ ही एक प्राथमिक विद्यालय में कम से कम दो अध्यापक रखे जांए । सरकार इस बात पर भी एकमत है। प्राथमिक स्कूल में कम से कम दो कमरे होने चाहिए और दो प्राथमिक स्कूलों पर एक उच्च प्राथमिक स्कूल हो। उच्च प्राथमिक स्कूल में कक्षा वर्ग के लिए अलग अध्यापक होगा। गणित और विज्ञान के अध्यापक इसके अतिरिक्त होंगे। इस स्कूल में प्रधानाध्यापक होगा जिस पर प्राथमिक स्कूल की जिम्मेदारी भी होगी। स्कूलों में शिक्षकों के लिए अलग कमरों की व्यवस्था की जाएगी। इस येाजना के लिए शिक्षकों की नियुक्ति और उन पर आने वाला खर्च राज्य सरकार वहन करेगी। राज्य सरकारों को शिक्षकों की नियुक्ति में एनसीटीई के मानदंडों का पालन करना होगा।
साथ ही प्राथमिक शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे अध्यापकों की वेतन विसंगति को दूर करने का भी निर्देश गया है।

मंत्रालय ने इस अभियान में काम करने के लिए सेवारत 31 लाख अध्यापकों को 20 दिन का, नई भर्ती वाले गैर प्रशिक्षित अध्यापकों के लिए 60 दिन का और नई भर्ती वाले प्रशिक्षित अध्यापकों के लिए 30 दिन के अनिवार्य प्रशिक्षण की व्यवस्था की है। अध्यापकों के प्रशिक्षण पर प्रतिवर्ष कुल 1047 करोड़ रुपये व्यय किए जायेंगे। इसमें में से गैर प्रशिक्षित अध्यापकों के पुनश्चर्या प्रशिक्षण पर 420 करोड़ रुपये और तात्कालिक तौर पर भर्ती किए गए अध्यापकों को प्रशिक्षित करने के लिए 32 करेाड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। इस अभियान के लिए अध्यापकों के वेतन आदि पर खर्च करेन के लिए 4140 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।

इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए 3000 ब्लाक संसाधन केंद्र और 30,000 सामुदायिक संसाधन केंद्र भी खोले जायेंगे। इनमें काम करने के लिए भी लोगों को अलग से प्रशिक्षित किया जाएगा। इस पर 2.5 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया है।
(मूल रूप से दैनिक जागरण के नई दिल्ली संस्करण में दिनांक- 07 जुलाई, 2000 को प्रकाशित)



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Yogesh Mishra

Yogesh Mishra

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