TRENDING TAGS :
चने वाले बाबा: संवेदनशील दिखी सरकार, न्यूजट्रैक की खबर का हुआ असर
रायबरेली के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने चने वाले बाबा से मिलकर उनके दर्द पर मरहम लगाया, उन्हें 11 हजार रुपये नकद और शॉल देकर सम्मानित किया। सरकारी योजनाओं के तहत शौचालय व राशन कार्ड का इंतजाम भी जिलाधिकारी ने तुरंत किया।
रायबरेली: 98 साल के बुजुर्ग की चने बेचने वाली तस्वीरें और दर्द की दास्तां जब न्यूजट्रैक पर प्रसारित हुई तो प्रदेश की योगी सरकार ने भी संवेदनशील रुख दिखाया है। बृहस्पतिवार को रायबरेली के जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने चने वाले बाबा से मिलकर उनके दर्द पर मरहम लगाया, उन्हें 11 हजार रुपये नकद और शॉल देकर सम्मानित किया। सरकारी योजनाओं के तहत शौचालय व राशन कार्ड का इंतजाम भी जिलाधिकारी ने तुरंत किया। जिलाधिकारी ने भरोसा दिलाया है कि उनकी भविष्य में भी मदद की जाएगी।
सामाजिक सरोकारों से जुड़ी न्यूजट्रैक की मुहिम
सामाजिक सरोकारों से जुड़ी न्यूजट्रैक की मुहिम अपना असर दिखा रही है। समाज के कमजोर व पीडि़त लोगों की समस्याओं को प्रमुखता से आम जन तक पहुंचाने के क्रम में इस बार न्यूजट्रैक ने रायबरेली जिले के बुजुर्ग विजयपाल सिंह की स्टोरी साझा की थी। अपने घर के सदस्यों का पेट भरने के लिए बुजुर्ग विजयपाल सिंह इस उम्र में भी काम करने के लिए मजबूर हैं। वह रायबरेली शहर में सडक़ के किनारे भीगे चने बेचते हैं।
न्यूजट्रैक डॉट कॉम पर सामाजिक मुद्दों से जुड़ी ख़बरों की प्राथमिकता
न्यूजट्रैक डॉट कॉम (newstrack.com) ने चने बेचने वाले बाबा विजय पाल सिंह की समस्या को न सिर्फ लोगों तक पहुंचाया बल्कि अपने स्तर से भी उनकी मदद की। न्यूजट्रैक ऐसी समस्याओं को आवश्यक और समाज के लिए जरूरी मानते हुए इस दिशा में लगातार पहल करता रहता है। आपको बता दें कि जब 'न्यूज़ट्रैक' संवाददाता नरेंद्र सिंह ने विजय पाल सिंह के घर जाकर स्टोरी की तो पूरी दुनिया ने देखा कि वह किस तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं।
विजय पाल के घर जाकर ये भी मालूम हुआ कि इनके घर के बाहर न तो पीने के पानी के लिए नल की व्यवस्था है, ना इनको सरकारी योजना के तहत आवास मिला, और अब तक स्वच्छता अभियान के तहत शौचालय की सुविधा भी नहीं मिल पाई है। इनको देखकर ये महसूस हो रहा है कि गरीबों का साथी सिर्फ़ ख़ुदा ही होता है।
ये भी देखें: IAS की दरियादिली: बुजुर्ग चने वाले बाबा को किया सम्मानित, दिए 11 हजार कैश
सीएम के मीडिया सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने डीएम से की सिफारिश
बता दें कि बुजुर्ग बाबा विजय पाल सिंह की समस्या पर आधारित रिपोर्ट जब न्यूज़ट्रैक में प्रकाशित हुई तो प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार राजकुमार सिंह ने सोशल मीडिया पर इसका जिक्र किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मीडिया सलाहकार शलभमणि त्रिपाठी ने संबंधित जिले के जिलाधिकारी को बताया। उन्होंने जिलाधिकारी से मदद के लिए अनुरोध किया।
न्यूजट्रैक की खबर देखने के बाद प्रशासन ने लिया संज्ञान
न्यूज़ट्रैक की खबर का जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने भी संज्ञान लिया है उन्होंने बुजुर्ग विजय पाल सिंह को अपने ऑफिस बुलाकर चाय पिलाई इसी के साथ उनको ₹11000 रुपये की नकद राशि, एक छड़ी और शाल देकर सम्मानित किया। उन्होंने तुरंत सरकारी योजना के तहत शौचालय निर्माण भी स्वीकृत कर दिया और आगे हर संभव मदद करने का वादा किया।
जब विजय पाल सिंह को ये सारे सम्मान मिले तो उनकी आंखें भर आईं और तहे दिल से डीएम वैभव श्रीवास्तव को धन्यवाद किया। इसके बाद डीएम ने उनको अपने ऑफिस से हरचंदपुर बीडीओ की गाड़ी पर बैठाकर घर के लिए भेजवाया।
ये भी देखें: झारखंड में नक्सिलयों का हमला, 3 जवान शहीद, कड़ी कार्रवाई कर सकती है पुलिस
न्यूजट्रैक वीडियो का असर, दिया ये सन्देश
न्यूजट्रैक के इस वीडियो में बहुत छोटा सा संदेश छिपा है कि 98 साल का बुजुर्ग न सिर्फ अपनी आर्थिक जरूरतों के लिए भीगे चने बेच रहा है बल्कि खुद अपने स्वस्थ जीवन के लिए कर्म को पूजा मानते हुए चना बेच रहा है। उन्होंने न्यूजट्रैक डॉट कॉम को बताया कि "वह चना इसलिए बेच रहे हैं क्योंकि घर में पड़े हाथ पैर जकड़ रहे थे। स्वस्थ रहने के लिए चना बेच रहा हूं।"
विधायक अदिति सिंह ने दिये 11 हजार
बता दें कि चना बेचने वाले 98 के बुजुर्ग के बारे में newstrack.com ने सबसे पहले खबर प्रकाशित की। 98 साल का बुजुर्ग बेच रहा था चने, विधायक अदिति सिंह ने दिये 11 हजार रुपये की मदद की और उनके बनाए हुए चने भी खाए।
ये भी देखें: बंगाल में अब शिव बनाम राम! ममता का हिदुत्व कार्ड, शिवरात्रि के दिन करेंगी ये काम
26 लाख से अधिक लोगों ने देखा
मात्र चार दिन के अंतराल में इस वीडियो को 26 लाख से अधिक लोगों द्वारा देखा गया। इस वीडियो पर 2800 लोगों के कमेंट आए हैं। जो हमारे व्यूअर्स की संवेदनशील भावना को व्यक्त करते हैं। इससे एक बात साबित होती है कि अर्थ प्रधान इस युग में जब सब कुछ रुपये पैसे के तराजू पर तौला जा रहा है, लोगों का आज भी रिश्तों-नातों और मानवीय मूल्यों से भावनात्मक जुड़ाव सर्वाधिक है।
दोस्तों देश दुनिया की और को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।