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इटावा: डीएम कार्यालय पर धरना, राजस्व कर्मी के खिलाफ हुए अधिवक्ता
इटावा में सैकड़ों की तादात में वकील जिलाधिकारी आफिस के मुख्य गेट के बाहर जमीन पर बैठ कर धरना देने में जुट गए। जिलाधिकारी के ना मिलने पर गुस्साए वकीलों ने उनके कार्यालय के बाहर जमीन पर बैठकर के नारेबाजी शुरू की।
इटावा। इटावा कचहरी में तैनात भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे राजस्व कर्मी मनोज श्रीवास्तव को हटाने की मांग को लेकर के जिलाधिकारी श्रुति सिंह का वकीलों ने घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया । करीब एक घंटे तक सभी वकील डीएम के आफिस के बाहर जमीन पर बैठ कर नारेबाजी करते रहे । अधिवक्ताओं ने नाराज होकर जिलाधिकारी कार्यलय पर बैठकर डीएम मुर्दाबाद के नारे लगाए।
सैकड़ों की तादात में वकील जिलाधिकारी आफिस के मुख्य गेट के बाहर जमीन पर बैठ कर धरना देने में जुट गए। जिलाधिकारी के ना मिलने पर गुस्साए वकीलों ने उनके कार्यालय के बाहर जमीन पर बैठकर के नारेबाजी शुरू की। सिटी मजिस्ट्रेट उमेश मिश्रा के समझाने पर भी अधिवक्ता नही हुए शान्त सदर विधायक सरिता भदौरिया व पुलिस अधिकारियों के समझाने पर भी प्रदर्शन करते रहे अधिवक्ता ।
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भ्रष्टाचार के आरोप
प्रदर्शनकारी वकील शिव किशोर दुबे ने बताया कि माल खाने में तैनात कलेक्ट्रेट कर्मी मनोज श्रीवास्तव पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप है। लेकिन पूर्व अपर जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव का रिश्तेदार होने के कारण भ्रष्टाचार के आरोप में उसको मुक्त करके उसी सीट पर दोबारा फिर से पोस्ट कर दिया गया है। लेकिन अब मनोज श्रीवास्तव पूरी तरीके से निरंकुश हो गए हैं और 1 महीने से कोई भी कामकाज उस सीट का नहीं होने दे रहे हैं।
जिस वजह से कलेक्ट्रेट का कामकाज काफी प्रभावित हो रहा है । वकील लोग इससे बुरी तरह से प्रभावित है और आज इसी वजह से नाराजगी स्वरूप जिलाधिकारी से मिलने के लिए सभी लोग आए थे।
लेकिन जिलाधिकारी ने मिलने से इनकार कर दियाष जिसके परिणाम स्वरूप सभी को धरना प्रदर्शन पर बैठना पड़ गया। राजस्व बार एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवकिशोर दुबे की अगुबाई में सैकड़ो वकीलों ने धरना डीएम कार्यालय प्रदर्शन किया।
वकीलो के गुस्से को देखते हुए नगर मजिस्ट्रेट उमेश मिश्रा ने इस बात का भरोसा दिया कि डीएम साहब ने तीन दिन के भीतर हटाने को निर्देश दे दिया है इस बात के भरोसे के बाद गुस्साए वकील शांत हो वापस लौट गये।
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एक घंटे तक कचहरी मे हंगामे
पिछल साल दिसंबर माह मे मनोज श्रीवास्तव को एक हजार रूपये की रिश्वत लेने के का वीडियो वायरल किया गया था उसके बाद तत्कालीन डीएम जे.बी.सिंह ने जांच के बाद निलंबित कर दिया था। लेकिन अपर जिलाधिकारी ज्ञान प्रकाश श्रीवास्तव ने अपनी जांच मे क्लीन चिट दे दुबारा उसी सीट पर पोस्ट कर दिया था ।
दुबारा उसी सीट पर पोस्ट होने के बाद निरंकुश हो उसने वकीलो और वादकारियो को परेशान करना शुरू कर दिया । जिससे परेशान हो वकीलो ने डीएम ने मिलने का समय मांगा लेकिन मुलाकात ना होने पर डीएम के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। करीब एक घंटे तक कचहरी मे हंगामे जैसा माहौल बना रहा।
मनोज श्रीवास्तव जिलाधिकारी कार्यलय के बगल में बैठकर नकल सवाल के कागज को प्राप्त करने की एवज में पीड़ित संजय तोमर से 1 हजार से लेकर 2 हजार की रिश्वत और महंगे उपहार मांगता हुआ, दिसंबर 2019 में कैमरे में कैद हुआ था । जिस पर तत्कालीन एडीएम ने बाबू को तत्काल निलंबित किया था।
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रिपोर्ट- उवैश चौधरी