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उमड़ा मजदूरों का हुजूम: कहीं ये गलती पड़ न जाए भारी, फेल हुआ सोशल डिस्टेंसिंग

सोमवार से शुरू लॉकडाउन के चौथे चरण में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गयी। गाजियाबाद में श्रमिक ट्रेन के लिए वेरिफिकेशन करवाने के लिए हजारों की तादात में मजदूर एक साथ रामलीला मैदान में एकत्रित हुए।

Vidushi Mishra
Published on: 18 May 2020 8:49 AM GMT
उमड़ा मजदूरों का हुजूम: कहीं ये गलती पड़ न जाए भारी, फेल हुआ सोशल डिस्टेंसिंग
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नई दिल्ली। सोमवार से शुरू लॉकडाउन के चौथे चरण में उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गयी। गाजियाबाद में श्रमिक ट्रेन के लिए वेरिफिकेशन करवाने के लिए हजारों की तादात में मजदूर एक साथ रामलीला मैदान में एकत्रित हुए। यहां से आज शाम तीन श्रमिक ट्रेनें उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों और बिहार के लिए रवाना होनी हैं।

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एक-दूसरे के ऊपर चढ़े हुए

ऐसे में ट्रेनों में जाने से पहले प्रशासन की ओर से मजदूरों को थर्मल स्क्रीनिंग और पेपर वेरिफिकेशन के लिए रोका गया था। लेकिन मौके पर हजारों की संख्या में मजदूर एक साथ इकट्ठा हो गए। स्थानीय प्रशासन की सभी व्यवस्था नाकाम हो गई और एडीएम-मजिस्ट्रेट के सामने सभी नियम होते दिखाई दिए।

गाजियाबाद के घंटाघर के पास रामलीला मैदान लोगों की हजारों में भीड़ इकट्ठा हो गई है। सभी लोगों को ट्रेन या बस से घर भेजे जाने का भरोसा प्रशासन द्वारा दिया गया था। सड़क पर जितने लोग पैदल चल रहे थे सभी को वहां ले जाकर रखा गया है और अब इस कदर भीड़ हो गई है कि लोग एक-दूसरे के ऊपर चढ़े हुए हैं।

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36 सौ मजदूरों को बिहार

इस पर गाजियाबाद एडीएम के अनुसार, बिहार के लिए गाजियाबाद से तीन ट्रेनें चलाई गई हैं जोकि 12 सौ प्रति मजदूर ट्रेन से लेकर बिहार जाएंगी। आज करीब 36 सौ मजदूरों को बिहार भेजा जाएगा। इसके अलावा लखनऊ, गोरखपुर के मजदूरों को भी यहां से भेजा जाएगा।

साथ ही उन्होंने कहा कि सुबह तक स्थिति नियंत्रण में थी, लेकिन अब जो हालात हैं उन्हें संभाला जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ मजदूरों का कहना है कि वह लंबे वक्त से धूप में ही खड़े हैं ऐसे में काफी परेशानी है। कुछ मजदूरों ने कहा कि वो कल भी आए थे, लेकिन नंबर नहीं आ पाया था।

अपने-अपने घर जा रहे श्रमिक ट्रेनों में बैठने से पहले सभी मजदूरों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। इसके साथ ही वेरिफिकेशन भी करवाया जा रहा है, क्योंकि जहां से ट्रेन जा रही है और जहां ट्रेन को पहुंचना है, वहां दोनों ओर प्रशासन की ओर से व्यवस्था की जा रही हैं।

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Vidushi Mishra

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