साहब पैसे भी नहीं दिए! धक्का देकर सड़क पर छोड़ दिया भूखा मरने के लिए...

बेचारे बेबस और लाचार मजदूर पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े और बोले कि साहब खेती ही कर लेंगे लेकिन अब वापस फैक्ट्री में काम पर नहीं आएंगे।

Vidushi Mishra
Published on: 18 May 2020 7:55 AM GMT
साहब पैसे भी नहीं दिए! धक्का देकर सड़क पर छोड़ दिया भूखा मरने के लिए...
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नई दिल्ली। कोरोना जैसी भयंकर महामारी से जहां पूरे देश भर में लोक डाउन है और लोक डाउन में फंसे लोगों के लिए सरकार तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध करा रही है और समाजसेवी संगठन भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो मजदूरों को धक्के देकर फैक्ट्री से भगा रहे है। लखीमपुर खीरी के रहने वाले करीब 2 दर्जन मजदूर जब शामली पहुँचे तो उनका दर्द जुबान से छलक गया और बोले की फैक्ट्री मालिक ने उन्हें उनकी मेहनत का पूरा पैसा भी नहीं दिया और धक्के देकर बाहर निकल दिया।

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बेबस और लाचार मजदूर

ऐसे में बेचारे बेबस और लाचार मजदूर पैदल ही अपने घरों के लिए निकल पड़े और बोले कि साहब खेती ही कर लेंगे लेकिन अब वापस फैक्ट्री में काम पर नहीं आएंगे।

आपको बता दें कि मामला जनपद शामली के रोडवेज बस स्टैंड का है जहां पर लखीमपुर खीरी जिले के रहने वाले कुछ लोग घर जाने के लिए गाड़ी की तलाश में बस अड्डे पर खड़े थे।

किसी तरीके से वह घर पहुंच जाएं

जब उनसे बात की तो पता चला कि वह जनपद लखीमपुर खीरी के रहने वाले हैं और पानीपत में धागा फैक्ट्री में काम करते हैं बस अड्डे पर करीब दो दर्जन मजदूर खड़े थे।

जिनमें की छोटे बच्चे से लेकर बड़ों तक सभी शामिल थे जिन्हें बस एक ही बात की धुन थी कि किसी तरीके से वह घर पहुंच जाएं मजदूरों ने बताया कि वह पानीपत में धागा फैक्ट्री में काम करते थे।

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लेकिन धागा फैक्ट्री बंद होने के बाद अब उन्हें फैक्ट्री मालिक ने फैक्ट्री से धक्के देकर बाहर निकाल दिया और उन्हें उनकी मेहनत का पूरा पैसा भी नहीं दिया। किसी को दो हजार और किसी को 3000 देकर फैक्ट्री से निकाल दिया और सड़क पर मरने के लिए छोड़ दिया।

4 से 5 दिन का सफर तय करने के बाद

ऐसे में लाचार बेबस मजदूर आखिर कहां जाते तो उन्होंने सोचा कि वह अपने घर चलते हैं और पैदल ही पानीपत से घर जाने के लिए निकल पड़े 4 से 5 दिन का सफर तय करने के बाद वह शामली पहुंचे और बस अड्डे पर अब वह बस की तलाश में खड़े थे।

मजदूरों का कहना है कि अब वह अपने घर जाकर खेती-बाड़ी करेंगे लेकिन जो हाल उनका हुआ है उसके बाद वह एक बात तो तय कर चुके हैं कि दोबारा से फैक्ट्री में काम करने के लिए नहीं आएंगे।

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अभी काम बंद है घर चले जाओ

पानीपत धागा फैक्ट्री से आए बाल मजदूर ललित ने बताया कि वह लखीमपुर खीरी जिले के रहने वाला है और पानीपत में धागा फैक्ट्री में काम करता था और उसका काम का 20000 अब तक बना था जिसमें से उसे महज 2000 ही दिया है और धक्के देकर बाहर निकाल दिया कहा कि अभी काम बंद हो गया है घर चले जाओ।

शामली पहुँचे प्रवासी मजदूर सुनील ने बताया कि राय पानीपत में धागा फैक्ट्री में काम करते थे और दीपावली पर पानीपत फैक्ट्री में आए थे । अब उन्हें मालिक ने फैक्टरी से निकाल दिया है बोला कि काम बंद हो गया है अब तुम घर चले जाओ।

सुनील ने बताया कि उनका 30- 40 हज़ार रुपए बनता था लेकिन उन्हें 2 हज़ार रुपए देकर ही फैक्ट्री से निकाल दिया। अब घर पर ही रहेंगे खेती बाड़ी करेंगे अपनी पर फैक्ट्री नही आएंगे।

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रिपोर्ट- पंकज प्रजापति

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