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24 घंटे 9709 केस: अमेरिका के बाद इस देश की हालत खराब, लगातार बिछ रही लाशें
कोरोना की त्राही-त्राही से जूझ रहे रूस की राजधानी मॉस्को को देखे तो यहां का आंकड़ा सबसे अधिक डराने वाला है जहां कुल संक्रमितों की संख्या 142,824 हो गई है जो कि देश के कुल संक्रमितों की संख्या का आधा है।
नई दिल्ली। कोरोना का कहर त्राही मचाना कम ही नही कर रहा है। दुनियाभर के देश इसकी तबाही से बाहर आने के लिए हर मुमकिन प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में रूस में बीते 24 घंटों में कोरोना के 9709 नए मामले सामने आए हैं। इन नए मामलों को जोड़कर रूस में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2,81,752 तक पहुंच गई है जोकि अमेरिका के बाद दूसरी सबसे बड़ी संख्या है। वहीं 24 घंटे में 94 लोगों की मौतें भी हुईं हैं जिससे मृतकों की संख्या 2631 हो गई है।
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संक्रमितों की संख्या 142,824
कोरोना की त्राही-त्राही से जूझ रहे रूस की राजधानी मॉस्को को देखे तो यहां का आंकड़ा सबसे अधिक डराने वाला है जहां कुल संक्रमितों की संख्या 142,824 हो गई है जो कि देश के कुल संक्रमितों की संख्या का आधा है।
मतलब रूस के कुल कोरोना मरीजों में आधे मरीज राजधानी मॉस्को से है। मिली रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस मॉस्को में तबाही मचाने के बाद अब दूरस्थ एवं बीमार क्षेत्रों में अपना संक्रमण फैला रहा है। ऐसे में रूस की सरकार के लिए काफी चिंताजनक स्थिति हो गई है।
इन हालातों में सोमवार को रूस के 85 क्षेत्रीय प्रमुखों के साथ एक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अब स्थानीय लोगों को तय करना होगा कि क्या लॉकडाउन को अब भी जारी रखना है या अर्थव्यवस्था को फिर से खोलने के लिए सावधानीपूर्वक कुछ प्रतिबंधों के साथ इसमें ढ़ील देनी चाहिए।
सभी घटक भागों में महामारी पहुंच चुकी
आगे उन्होंने कहा कि हमारा देश बहुत बड़ा है और विज्ञान के अनुसार महामारी का प्रभाव हर क्षेत्रों में अलग-अलग होता है। उन्होंने आगे कहा कि अगले चरण में हमें सावधानीपूर्वक कदम उठाने होंगे।
वहीं आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अलास्का से लेकर बेरिंग जलसन्धि एवं पोलैंड और लिथुआनिया के बीच कैलिनिनग्राद एक्सक्लेव से लेकर रूस के लगभग सभी घटक भागों में महामारी पहुंच चुकी है।
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लेकिन इन आधिकारिक आंकड़ों के बाद भी रूस में कोरोना से मरने वालों वालों की संख्या कम होने को लेकर लगातार लोगों ने शक भरी निगाह से देखा है और ऐसे संकेत दिए हैं कि रूस मौत के आंकड़ों को छुपा रहा है लेकिन अधिकारियों ने इससे इनकार किया और ऐसे बयानों को झूठा एवं भ्रामक बताया।
साथ ही रूस में ही कई संस्था संक्रमितों एवं मृतकों की संख्या को लेकर अलग-अलग आंकड़े पेश कर रहे हैं। एक वेबसाइट स्टॉपकोरोनोवायरस.आरएफ और स्थानीय सरकारी वेबसाइटों पर प्रकाशित मृत्यु दर और संक्रमितों की संख्या अलग-अलग हैं।
महामारी के संक्रमण का खतरा
ऐसे में इस हफ्ते की शुरुआत में, पुतिन ने स्थानीय नेतृत्व से सलाह लेकर देश भर में प्रतिबंधों में ढील देने की घोषणा की थी लेकिन मॉस्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन ने बाद में स्पष्ट किया कि वह लॉकडाउन को समाप्त करने की कोई जल्दी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि प्रतिबंधों का समयपूर्व हटाने से दूसरे बार महामारी के संक्रमण का खतरा बना रहता है।
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मॉस्को के मेयर ने आगे कहा कि मॉस्को के पास उपयुक्त बजट है और हम इस बजट से कोरोना के इलाज के लिए समुचित व्यवस्था वाला अस्पताल एक महीनें के अंदर इसका निर्माण करवा दिया।
आगे उन्होंने आगे कहा कि हमने लॉकडाउन को कड़ाई से पालन करवाने के लिए इलेक्ट्रोनिक पास भी जारी करवाया है। यहां अब रूस में एक दिन में 40 हज़ार से अधिक लोगों के टेस्ट किए जा रहे हैं।
आगे उन्होंने कहा कि जल्द मामलों को पकड़ना और अस्पताल में भर्ती करके इलाज शुरू करना भी रूस के लिए मददगार साबित हो रहा है जिससे बहुत ज़्यादा मौतों से भी बचा जा सका है। यूरोप के कई हिस्सों में मरने वालों की संख्या इतनी अधिक रही है कि मुर्दाघरों में भी जगह नहीं रही।
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बेरोज़गारी के आँकड़े दोगुना
महामारी के इस दौर में रूस में बेरोज़गारी लगातार बढ़ रही है। महामारी की शुरुआत से अब तक में बेरोज़गारी के आधिकारिक आँकड़े दोगुना हो चुके हैं।
वहीं स्वतंत्र पोलिंग फर्म लेवाडा ने इस मंत्र अपने पोल में पाया कि हर चार में से एक शख़्स की नौकरी जा चुकी है या नौकरी जाने के संकट में है। एक तिहाई लोगों की सैलरी काटी जा रही है या उनके काम के घंटे कम कर दिए गए हैं।
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