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फतेहपुर: करोड़ों की मोरंग थाने से उठा ले गए चोर, डीएम भी हो गए हैरान
नदियों से निकलकर आने वाली करोड़ों रुपये की जब्त की गई मोरंग पुलिस थाने की सुरक्षा से निकलकर कैसे गायब हो गई। यह बताने वाला कोई नहीं है। पुलिस की इस कारस्तानी से हैरत में पड़े जिलाधिकारी फतेहपुर को भी समझ में नहीं आ रहा है कि चोरी चली गई मोरंग-बालू को वापस कैसे बरामद कराएं।
लखनऊ। यूपी पुलिस के कारनामे अजब-गजब हैं। योगी सरकार ने अवैध खनन रोकने के लिए अगस्त महीने में अभियान चलाकर जो बालू-मोरंग बरामद कराई उसे थाना पुलिस की हिफाजत से चोर निकालकर ले गए और पुलिस को भनक तक नहीं मिली। करोड़ों रुपये की मोरंग को ट्रकों पर लादकर खनन माफिया उठा ले गए और पुलिस यह भी नहीं जानती है कि यह काम किसने किया। मोरंग चोरी के किस्से से हैरान जिलाधिकारी फतेहपुर ने पुलिस अधीक्षक से कहा है कि वह दोषियों पर कार्रवाई करें।
पुलिस की इस कारस्तानी से हैरत में पड़े जिलाधिकारी
नदियों से निकलकर आने वाली करोड़ों रुपये की जब्त की गई मोरंग पुलिस थाने की सुरक्षा से निकलकर कैसे गायब हो गई। यह बताने वाला कोई नहीं है। पुलिस की इस कारस्तानी से हैरत में पड़े जिलाधिकारी फतेहपुर को भी समझ में नहीं आ रहा है कि चोरी चली गई मोरंग-बालू को वापस कैसे बरामद कराएं। जिलाधिकारी संजीव सिंह ने मीडिया बाइट में बताया है कि मोरंग-बालू के अवैध भंडारण के खिलाफ सरकार के आदेश अगस्त महीने में एक अभियान चलाया गया था।
फतेहपुर-लखनऊ राजमार्ग पर 27 स्थानों पर अवैध तरीके से मोरंग का भंडारण पाया गया था। बरामद मोरंग का कोई भी दावेदार सामने नहीं आया तो हुसैनगंज पुलिस की अभिरक्षा में मोरंग को सुरक्षित छोड़ दिया गया। अब पता चला है कि वहां से 80 प्रतिशत मोरंग चोरी हो गई है। यह बेहद आश्चर्यजनक है। इस बारे में पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा है कि संबंधित मामले में दोषी की पहचान कर उसकी जिम्मेदारी तय की जाए और इसके अनुरूप दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
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क्या है पूरा मामला
फ़तेहपुर जिले में खनन माफिया लंबे अरसे से मोरंग-बालू के अवैध कारोबार को संचालित कर रहा है। माफिया की पुलिस से भी सांठ-गांठ है। करोड़ों रुपये की मोरंग चोरी का मामला हुसैनगंज थाना क्षेत्र का है, जहाँ छह अगस्त को खनन विभाग ने अवैध रूप से 27 स्थानों पर मोरंग-बालू का भंडारण पाया था। जिलाधिकारी के निर्देश पर हुई इस कार्रवाई में कुल 8 हजार 3 सौ घन मीटर मोरंग-बालू को सीज किया था। जिला प्रशासन ने सीज की गई मोरंग की निगरानी का उत्तरदायित्व सम्बंधित थाना प्रभारी को सौंपा था, लेकिन पुलिस की हिफाजत में रखी गई करोड़ों रुपये की मोरंग अब चोरी हो गई है।
कागजों पर पुलिस ने की हेराफेरी
मिली जानकारी के अनुसार करोड़ों रुपये की मोरंग की चोरी होने के बाद थाना पुलिस ने अपनी गरदन बचाने के लिए चोरी का मामला दर्ज कर लिया है। मोरंग को सीज करने के बाद जब खनन विभाग के अधिकारियों ने देखा कि खनन माफिया उसे उठाकर ले जा रहा है तो इसकी शिकायत थाना पुलिस में मौखिक तौर पर की लेकिन पुलिस ने खनन माफिया पर कार्रवाई करने के बजाय सितंबर माह में ही अज्ञात चोरों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले का पटाक्षेप कर दिया है। दिलचस्प है कि आज तक पुलिस न तो चोरी हो चुकी मोरंग- बालू बरामद कर सकी है और न ही चोर पकड़ पाई है।
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बालू भंडारण की निगरानी में लापरवाही
डीएम संजीव सिंह के मुताबिक राजस्व को नुकसान पहुचाएं जाने के मामले में एसपी प्रशांत वर्मा को पत्र लिखा गया है। पत्र में कहा गया है कि सर्व प्रथम सीज किए गए बालू भंडारण की निगरानी में लापरवाही बरतने वाले तत्कालीन थाना प्रभारी व पुलिस कर्मियों का उत्तरदायित्व तय कर उनके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए, और दौरान विवेचन बालू चोरी करने वाले माफियाओं को चिन्हित कर उन्हें अरेस्ट कर जेल भेजा जाए, जिससे राजस्व के रकम की रिकवरी की जा सके।
बता दें कि डीएम के सख्त एक्शन के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। ऐसे में अब पुलिस के सामने भी बड़ी चुनौती है कि आखिर करोड़ो के राजस्व का नुकसान पहुचाने वाले चोर-माफियाओं को वह कब तक गिरफ्तार कर पाती है।
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रिपोर्ट- अखिलेश तिवारी
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