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थप्पड़बाज महिला इंस्पेक्टर: अधिकारी की हालत देख कांप उठा विभाग, हो गयी बत्ती गुल  

महिला इंस्पेक्टर के तानाशाही रवैये से कस्बे में शाम होते ही अंधेरा छा गया। घटना की जानकारी होने पर पावर कारपोरेशन के कर्मचारियों में उबाल आ गया। उन्होंने कस्बा सहित 35 गांवों की बिजली सप्लाई भी बंद कर दिया।

Newstrack
Published on: 24 Nov 2020 8:49 AM GMT
थप्पड़बाज महिला इंस्पेक्टर: अधिकारी की हालत देख कांप उठा विभाग, हो गयी बत्ती गुल  
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थप्पड़बाज महिला इंस्पेक्टर: अधिकारी की हालत देख कांप उठा विभाग, हो गयी बत्ती गुल  

बदायूं: चेकिंग कर रहीं महिला इंस्पेक्टर ने पेट दर्द की दवा लेने जा रहे एसएसओ को चौराहे पर रोक लिया, मास्क न लगाने पर उसका चालान कर दिया। एसएसओ ने जब जेई से मोबाइल पर बात कराना चाही तो महिला इंस्पेक्टर ने मोबाइल छीन लिया और उसके थप्पड़ जड़ दिया। फिर पिटाई करते हुए हवालात में ले जाकर बंद कर दिया।

35 गांवों की बिजली सप्लाई भी बंद

घटना की जानकारी होने पर पावर कारपोरेशन के कर्मचारियों में उबाल आ गया। पहले कर्मचारियों ने थाने जाकर प्रदर्शन किया। फिर वहां से आकर विद्युत उपकेंद्र पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कस्बा सहित 35 गांवों की बिजली सप्लाई भी बंद कर दिया, जिससे इलाके में खलबली मच गई। शाम को सीओ सिटी मौके पर पहुंचे और कर्मचारियों को कार्रवाई का आश्वासन देकर विद्युत आपूर्ति सुचारु कराई। इस दौरान करीब छह घंटे बिजली गुल रही।

मास्क न लगाने वालों का हो रहा था चालान

कुंवरगांव थाने में तैनात इंस्पेक्टर शर्मिला शर्मा सोमवार सुबह करीब दस बजे कस्बे के मुख्य चौराहे पर मास्क न लगाने वालों के चालान कर रही थीं। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक उसी समय विद्युत उपकेंद्र पर तैनात एसएसओ (सब स्टेशन ऑपरेटर) सुनील कुमार पेट दर्द की दवा लेने चौराहे पर पहुंचे। वह दवा लेने को जैसे ही मेडिकल स्टोर पर पहुंचा कि तभी इंस्पेक्टर ने उसे पकड़ लिया और उसका चालान करने को कहा। सुनील कुमार की जेब में रुपये नहीं थे।

सौ रुपये उधार लिए और इंस्पेक्टर को दिए

उसने चौराहे से ही एक परिचित से सौ रुपये उधार लिए और इंस्पेक्टर को दे दिए। इसी दौरान उसने जेई सतीश चंद्र को फोन किया। बताया कि उसे इंस्पेक्टर ने रोक लिया है। जेई ने इंस्पेक्टर से बात कराने को कहा तो इंस्पेक्टर ने मोबाइल छीनकर रख लिया और उसको थप्पड़ जड़ दिया। एसएसओ ने कहा कि चालान करो, मारपीट क्यों कर रहीं हैं। इससे इंस्पेक्टर आक्रोशित हो गईं। उन्होंने कर्मचारी को पकड़कर पुलिस की गाड़ी में डाल लिया। उसे थाने ले जाकर हवालात में बंद कर दिया।

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पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारी भड़क गए

पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों को मामले की जानकारी हुई तो वे इकट्ठे होकर थाने पहुंच गए। इंस्पेक्टर ने उन्हें भी हड़का दिया और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की धमकी दी, इस पर कर्मचारी भड़क गए। उन्होंने पहले थाने के गेट पर प्रदर्शन किया। फिर विद्युत उपकेंद्र में जाकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। उन्होंने कुंवरगांव के अलावा आसपास के 35 गांवों की सप्लाई बंद कर दी। शाम साढ़े पांच बजे तक कर्मचारी धरने पर बैठे रहे। तब तक विद्युत व्यवस्था बहाल नहीं हो सकी। शाम को सीओ सिटी विनय कुमार द्विवेदी मौके पर पहुंचे और उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर कर्मचारियों का धरना समाप्त कराया। इसके बाद गांवों की आपूर्ति सुचारु की गई। इस दौरान लगभग छह घंटे आपूर्ति बंद रही।

आपूर्ति ठप होने से साढ़े आठ हजार कनेक्शन प्रभावित

महिला इंस्पेक्टर के तानाशाही रवैये से कस्बे में शाम होते ही अंधेरा छा गया। कर्मचारियों ने सोमवार दोपहर लगभग एक बजे सप्लाई बंद की जो शाम सात बजे सुचारु हुई। इस विद्युत उपकेंद्र से इलाके के साढ़े आठ हजार से ज्यादा कनेक्शनों को विद्युत आपूर्ति सप्लाई होती है। इनमें करीब सात हजार घरेलू कनेक्शन हैं। 124 कॉमर्शियल कनेक्शन, 26 आटा चक्की, डेढ़ हजार ट्यूबवेल शामिल हैं। इस विद्युत उपकेंद्र से कस्बा और आसपास के 35 गांव में सप्लाई जाती है। इससे पूरे इलाके में अंधेरा फैल गया और लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा।

कर्मचारी बोले- महिला इंस्पेक्टर माफी मांगे, चालान करें वापस

कुंवरगांव विद्युत उपकेंद्र में धरने पर बैठे कर्मचारियों से बात करने इंस्पेक्टर संजय गर्ग पहुंचे थे। उन्होंने कर्मचारियों से बात की। इस दौरान कर्मचारियों ने बताया कि महिला इंस्पेक्टर को चालान करने का हक है। बगैर मास्क वालों का चालान करें। उसने चालान करना स्वीकार भी किया था, लेकिन उन्होंने मारपीट कर दी। उसे ले जाकर थाने में बंद कर दिया। जब महिला इंस्पेक्टर आकर माफी नहीं मांगती हैं। कर्मचारी को नहीं छोड़ती हैं। तब तक धरना प्रदर्शन चलता रहेगा। कर्मचारियों के न मानने पर सीओ सिटी को वहां पहुंचना पड़ा।

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एसडीएम और जेई भी उतरे पक्ष में

विद्युत विभाग के कर्मचारी से मारपीट के मामले को एसडीओ विपिन मौर्य और जेई सतीश चंद्र भी धरने पर बैठ गए। उन्होंने भी यही कहा है कि आखिर महिला इंस्पेक्टर ने कर्मचारी के साथ मारपीट क्यों की।

चार दिन पहले ही इंस्पेक्टर बनी हैं

कुंवरगांव थाने में तैनात शर्मिला शर्मा चार दिन पहले ही इंस्पेक्टर बनी हैं। इससे पहले वह फैजगंज बेहटा में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात रही हैं। वहीं से ट्रांसफर होकर कुंवरगांव थाने आईं हैं। शर्मिला शर्मा महिला थानाध्यक्ष भी रहीं। कुछ दिन सिविल लाइंस में तैनात रहीं। 18 नवंबर को उनका प्रमोशन हुआ है।

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इन्होंने बताई अपनी राय

"एसएसओ सुनील कुमार ड्यूटी पर था। उसके पेट में दर्द हो रहा था। इससे वह चौराहे तक दवा लेने गया था। वहां इंस्पेक्टर ने रोक लिया। सुनील ने जब मुझसे बात कराने की बात कहा तो उसका मोबाइल छीन लिया और उसके साथ मारपीट की। उसे हवालात में बंद कर लिया गया। इंस्पेक्टर का यह व्यवहार सही नहीं है।"- सतीश चंद्र, जेई

"पावर कॉरपोरेशन के कर्मचारियों को उचित कार्रवाई का आश्वासन देकर धरना समाप्त करा दिया गया है। उनसे लिखित शिकायत देने को कहा गया है जिसके बाद कर्मचारियों ने आपूर्ति सुचारु कर दी है। शिकायत आने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। - विनय कुमार द्विवेदी, सीओ सिटी"

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