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मिशन सशक्तिकरण यूपी महोत्सव में लोकगीत कवि सम्मेलन, इन कलाकारों ने बांधा समा

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आशियाना के बंगला बाजार में मिशन सशक्तिकरण यूपी महोत्सव 2020 का आगाज हो चुका है। इसमें सोमवार को मां विंध्यवासिनी ट्रस्ट ने लोकगीत कवि सम्मेलन का आयोजन किया।

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Published on: 22 Dec 2020 1:54 PM IST
मिशन सशक्तिकरण यूपी महोत्सव में लोकगीत कवि सम्मेलन, इन कलाकारों ने बांधा समा
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कार्यक्रम में प्रदेश की तमाम प्रतिभावान बालिकाओं एवं महिलाओं ने अपनी विलक्षण कला एवं काव्य सृजन क्षमता से कार्यक्रम में चार चांद लगा दी।

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आशियाना के बंगला बाजार में मिशन सशक्तिकरण यूपी महोत्सव 2020 का आगाज हो चुका है। इसमें सोमवार को मां विंध्यवासिनी ट्रस्ट ने लोकगीत कवि सम्मेलन का आयोजन किया। लोकगीत कवि सम्मेलन में कवित्री साधना मिश्र विंध्य, ज्योत्सना सिंह, गीता पांडे, रश्मि लहर, शशि तिवारी, अलका स्थाना, अनीता बाला त्रिपाठी, पुष्प लता लक्ष्मी, दिव्या त्रिवेदी शामिल हुईं। इस काव्य गोष्ठी में देश-प्रदेश से आईं अनेक कवित्रीयों ने काव्य पाठ किया। यूपी लोक संगीत में सभी ने अपनी भागीदारी दी।

इस कार्यक्रम में प्रदेश की तमाम प्रतिभावान बालिकाओं एवं महिलाओं ने अपनी विलक्षण कला एवं काव्य सृजन क्षमता से कार्यक्रम में चार चांद लगा दी। संस्था प्रमुख शारदा सिंह की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि शोभा दीक्षित “भावना” निजी सचिव उत्तर प्रदेश सरकार, विशिष्ट अतिथि सीमा गुप्ता समीक्षा अधिकारी उत्तर प्रदेश सरकार, जी .एल. गांधी वरिष्ठ साहित्यकार व समाज सुधारक, आमंत्रित कविगण पण्डित बेअदब लखनवी, श्रीकांत त्रिवेदी, कवयित्री पण्डित विजय लक्ष्मी मिश्रा जैसे प्रसिद्ध साहित्यकारों की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन व वाणी वन्दना से कार्यक्रम का सुव्यवस्थित शुरुआत की गई।

इन कलाकारों ने दी प्रस्तुति

मिशन की प्रभारी व संरक्षक डॉ. ज्योत्सना सिंह “साहित्य ज्योति” के संचालन में कार्यक्रम ने पूरे पंडाल को बांधकर रखा। महिलाओं के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास में सतत प्रयत्नशील मिशन सशक्तिकरण संस्था की तरफ से मिथिका द्विवेदी एवम् श्रुति तिवारी ने शास्त्रीय गायन, यशिका शुक्ला एवम् प्रतिष्ठा ने भरतनाट्यम , श्रद्धा तिवारी ने सूफी शैली में कत्थक, जया तोलानी ने लोक नृत्य, संतोष सिंह , सुषमा सिंह, प्रियंका सिन्हा, साधना मिश्रा, विंध्य, लक्ष्मी सिंह, आभा मिश्रा ने प्रदेश की संस्कृति को संजोए हुए लोक गीतों की प्रस्तुति दी।

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श्रोताओं का जीता दिल

इसके अलावा प्रसिद्ध कवियत्री डाॅ.ज्योत्सना सिंह “साहित्य ज्योति” के संचालन एवम् शिवानी त्रिपाठी के सह संचालन में पंडित विजय लक्ष्मी मिश्रा, गीता पांडे, रश्मि लहर, शशि तिवारी , साधना मिश्रा, अल्का अस्थाना , दिव्या त्रिवेदी, गरिमा पंत, अनुपमा, अपर्णा मासूम, वंदना तिवारी, पुष्प लता ने अपनी कविताओं से श्रोताओं का मनमोह लिया।

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कविता सुनकर हंसी नहीं रोक पाए लोग

पण्डित बेअदब लखनवी की हज़ल खुद को बचाने में मेरी उम्र कट गई, बेलन से रोज करती वो मेरी पिटाई है सुनकर लोग हंसते–हंसते लोट पोट हो गए। अंत में समस्त प्रतिभागियों को संस्था अध्यक्ष व मुख्य अतिथि द्वारा मेडल व प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।

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