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विकास दुबे एनकाउंटरः पूर्व डीजीपी ने पुलिस को घेरा, उठाए सुरक्षा पर सवाल

पूर्व डीजीपी ने कहा कि विकास दुबे दुर्दांत अपराधी था और उसे कानपुर ले जाते समय सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था की जानी चाहिए थी। पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए था एनकाउंटर जैसी कोई नौबत ही न आ पाए।

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Published on: 11 July 2020 11:08 AM IST
विकास दुबे एनकाउंटरः पूर्व डीजीपी ने पुलिस को घेरा, उठाए सुरक्षा पर सवाल
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अंशुमान तिवारी

नोएडा। उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने कानपुर में विकास दुबे के एनकाउंटर की घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि यह समझ से परे है कि जब आप इतने दुर्दांत अपराधी को ले जा रहे हैं तो समुचित सुरक्षा व्यवस्था क्यों नहीं की गई। पूर्व डीजीपी ने कहा कि विकास दुबे के मारे जाने के साथ ही तमाम राज दफन हो गए। दुर्दांत अपराधी से पूछताछ में कई ऐसे लोगों के नाम सामने आते जो उसे संरक्षण देते थे।

समुचित सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई

पूर्व डीजीपी ने कहा कि विकास दुबे दुर्दांत अपराधी था और उसे कानपुर ले जाते समय सुरक्षा की मुकम्मल व्यवस्था की जानी चाहिए थी। पुलिस को यह सुनिश्चित करना चाहिए था एनकाउंटर जैसी कोई नौबत ही न आ पाए। सुरक्षा व्यवस्था इतनी कड़ी होनी चाहिए थी कि कोई बदमाश न तो उसे छुड़ा सके और न उसके भागने की कोई संभावना रहे। उन्होंने कहा कि पूरे घटनाक्रम को देखने से लगता है कि पुलिस की ओर से इतनी सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई थी।

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पूछताछ में होता अहम खुलासा

पूर्व डीजीपी प्रकाश सिंह ने कहा कि इस बार विकास दुबे ने ऐसा अपराध किया था कि उसे निश्चित रूप से सजा हो जाती। सबसे बड़ी बात तो यह है कि पूछताछ में कई ऐसे लोगों के नाम का खुलासा होता है जिनसे विकास दुबे का गहरा संबंध था। ऐसे लोगों का नाम सामने आता जो उसे समर्थन देते थे और जिनके संरक्षण में वह काम करता था। पूछताछ में ऐसे लोगों के नाम का खुलासा होने पर उनकी जिम्मेदारी तय होती और पर्याप्त प्रमाण मिलने पर उनके खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाती मगर विकास दुबे के मारे जाने के बाद अब ऐसा कुछ भी नहीं हो पाएगा।

विकास के मारे जाने से खत्म हो गए सारे राज

उन्होंने कहा विकास दुबे से पूछताछ के बाद जो बहुत बड़ा पर्दाफाश होना था, वह एनकाउंटर में उसके मारे जाने के बाद अब कभी नहीं हो पाएगा। वे सारे राज विकास दुबे के मारे जाने के साथ ही पूरी तरह खत्म हो गए। उन्होंने कहा कि विकास दुबे की तरह कोई अन्य अपराधी पुलिस के खिलाफ इतना बड़ा कदम उठाने का साहस न कर सके, इसके लिए पुलिस को अपना दामन साफ रखना होगा। पुलिसकर्मी गलत तत्वों से मिलीभगत ना रखें और जो लोग अपराधी या गलत तत्वों से सांठगांठ करते हैं, उन्हें पुलिस महकमे से तुरंत निकाला जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ऐसे पुलिसकर्मियों को चिन्हित किया जाना चाहिए जो इस प्रकार की घटना में मददगार बनते हैं। इससे समाज और पुलिस विभाग दोनों का नुकसान होता है।

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पुलिस महकमे से गलत तत्वों को निकाला जाए

पूर्व डीजीपी ने कहा कि पुलिस महकमे में बहुत से गलत तत्व घुस गए हैं। इसलिए पुलिस विभाग की सफाई करना भी जरूरी है। अगर पुलिस महकमे में घुसे गलत लोगों की पहचान कर उन्हें नहीं निकाला गया तो जो घटना कानपुर में हुई है वैसी ही घटना कल कहीं और हो सकती है। उन्होंने कहा कि नोएडा में पुलिस ठोस कार्रवाई कर रही है और यहां कमिश्नरी बनने के बाद पुलिस विभाग में प्रभावी ढंग से काम हो रहा है।

बेसिक पुलिसिंग को मजबूत बनाने की जरूरत

रिटायर्ड आईपीएस आरके चतुर्वेदी ने कहा कि विकास दुबे ने जिस प्रकार की घटना की थी, वैसी घटना की पुनरावृत्ति रोकने के लिए बेसिक पुलिसिंग को मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पुलिस महकमे में बीट व्यवस्था को मजबूत बनाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि विकास दुबे ने बिकरू गांव में दिल दहलाने वाली घटना की थी और उसे किसी भी सूरत में जीवित रहने का अधिकार नहीं था। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस अपनी व्यवस्था दुरुस्त कर ले तो भविष्य में ऐसे अपराधों को रोका जा सकता है।

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