TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

जानिए कहां का नेहरू स्टेडियम निजी फर्म के होगा हवाले

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में 37 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए, जबकि तीन प्रस्ताव स्थगित कर दिए गए। विरोध के वावजूद नेहरू स्टेडियम को लीज पर देने के प्रस्ताव को सशर्त हरी झंडी दे दी गई।

Dharmendra kumar
Published on: 25 Jun 2019 9:50 PM IST
जानिए कहां का नेहरू स्टेडियम निजी फर्म के होगा हवाले
X

लखनऊ: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की बोर्ड की मंगलवार को हुई बैठक में 37 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए, जबकि तीन प्रस्ताव स्थगित कर दिए गए। विरोध के वावजूद नेहरू स्टेडियम को लीज पर देने के प्रस्ताव को सशर्त हरी झंडी दे दी गई। एंट्री फीस और नीतिगत फैसले जीडीए के हाथ में रहेंगे। इसके लिए जीडीए अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक संचालन समिति का गठन किया जाएगा। जिसमें उन दो निगम पार्षदों को भी शामिल किया जायेगा जो जीडीए बोर्ड के मेम्बर भी हैं। इसके अलावा एक हजार वर्ग मीटर से ज्यादा के भूखंड में सोलर प्लांट अनिवार्य किये जाने, आरडीसी को व्हीकल फ्री जोन करने का भी प्रस्ताव पारित कर दिया गया।

जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में एक बहुउद्देश्यीय स्टेडियम है। इस मैदान का उपयोग मुख्य रूप से फुटबॉल, क्रिकेट और अन्य खेलों के मैचों के आयोजन के लिए किया जाता है। स्टेडियम ने 1992 में छह प्रथम श्रेणी मैचों की मेजबानी की जब उत्तर प्रदेश क्रिकेट टीम रेलवे क्रिकेट टीम के खिलाफ खेलती थी। नेहरू क्रिकेट स्टेडियम को लीज पर देने के जीडीए के प्रस्ताव का विरोध पहले से ही शुरू हो गया। इसके बावजूद नेहरू स्टेडियम को लीज पर देने के प्रस्ताव को सशर्त हरी झंडी दे दी गई। एंट्री फीस और नीतिगत फैसले जीडीए के हाथ में रहेंगे। इसके लिए जीडीए अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को शामिल करते हुए एक संचालन समिति का गठन किया जाएगा।

यह भी पढ़ें…दिग्विजय ने PM मोदी पर कसा तंज, बोले- मोदी सरकार में बढ़े आतंकी हमले

बैठक के बाद जीडीए अध्यक्ष अनिता सी. मेश्राम ने मीडिया को बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जीडीए बोर्ड ने गाजियाबाद में विकास को गति देने के मद्देनजर वेयर हाउसिंग हब बनाने के प्रस्ताव को शासन को भेजने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि जीडीए की कौशांबी और वैशाली योजना की अनिस्तारित संपत्ति को ‘पहले आओ, पहले पाओ’ की स्कीम लाकर बेचा जाएगा। जीडीए एक तिथि नियत करके मौके पर ही संपत्तियों का निस्तारण करेगा। यानी उसी दिन आवेदन करके फ्लैट खरीदा जा सकेगा। जीडीए बोर्ड ने हाईटेक सिटी की संशोधित डीपीआर के लिए उप्पल चड्ढा ग्रुप का प्रस्ताव इसलिए रद्द कर दिया क्योंकि टाउनशिप का मामला हाईकोर्ट के आदेश के बाद शासन स्तर पर लंबित है।

यह भी पढ़ें…जागते रहो! चैन से सो रहे हैं तो जाग जाईये, यूपी पुलिस का ये सायरन सोने नहीं देगा

बोर्ड की बैठक में अंसल प्रापर्टी एंड इंफ्रास्ट्क्चर प्रा. लिमिटेड और लैंडक्राफ्ट के पुनरीक्षित लेआउट प्लान को हरी झंडी दे दी गई है। इतना ही नहीं, लैंडक्राफ्ट डेवपलर्स द्वारा ग्राम महरौली में विकसित किए जा रहे गोल्फ लिंक इंटीग्रेटेड सिटी के लेआउट प्लान में संशोधन का प्रस्ताव भी पारित कर दिया गया। जीडीए की मधुबन-बापूधाम आवासीय योजना का पुनरीक्षित लेआउट प्लान को बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। इंदिरापुरम विस्तार की 35 एकड़ भूमि को डी-नोटिफाई करने के जीडीए के प्रस्ताव पर बोर्ड ने मुहर लगाकर शासन को भेजने का निर्णय किया गया है। इसमें वह भूमि सम्मिलित की जाएगी जिसका अवार्ड नहीं हो सका है। इसके साथ ही जीडीए लैंड पूलिंग का काम तेज करेगा।

यह भी पढ़ें…साल में सिर्फ 1 दिन खुलती है यूपी की ये दुकान, 100% चोखे माल की है गैरंटी

अनिता सी. मेश्राम ने कहा कि मुआवजा बढ़ जाने के बाद योजना काफी महंगी हो जाएगी, जो व्यवहारिक नहीं है। जीडीए अब तीन सौ वर्गमीटर से बड़े सभी नक्शे ऑनलाइन पास करेगा। इसके अलावा एक हजार वर्गमीटर के भूखंडों पर सोलर प्लांट लगाना जरूरी कर दिया गया है। कर्पूरीपुरम में 192 स्टाफ क्वार्टरों को जीडीए आम लोगों को आवंटित करेगा। इसके साथ ही बोर्ड ने आरडीसी (राजनगर डिस्ट्रिक्ट सेंटर) को नो व्हीकल जोन घोषित करने के प्रस्ताव को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। साथ ही खन्ना नगर में सिनेमा घर की भूमि पर सीएनजी पम्प के प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल सकी। इतना ही नहीं 11 शिक्षण संस्थानों को दिए गए पार्कों पर एक रुपये से सौ रुपये करने का प्रस्ताव भी पारित नहीं हो सका ।

बैठक की अध्यक्षता मंडलायुक्त और जीडीए अध्यक्ष अनिता सी. मेश्राम ने की। बैठक में जिलाधिकारी रितु माहेश्वरी, जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा, नगरायुक्त दिनेश चंद्र, यूपीएसआईडी की क्षेत्रीय प्रबंधक स्मिता सिंह और जीडीए बोर्ड सदस्य व जीडीए अधिकारी मौजूद रहे।



\
Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story