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लाश बन बचाई 4 जिंदगियां: मौत से हारी ये महिला, लेकिन जीता पूरी दुनिया का दिल

यूपी के गाजियाबाद में एक महिला ने जिंदगी गंवा कर चार लोगों को जीवन को बेशकीमती उपहार दिया। जिसको वो हमेशा याद रखेंगे। असल में 41 साल की महिला रफत परवीन को बीते हफ्ते ब्रेन हेमरेज के बाद वैशाली के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल में भर्ती कराया गया।

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Published on: 27 Dec 2020 9:16 AM GMT
लाश बन बचाई 4 जिंदगियां: मौत से हारी ये महिला, लेकिन जीता पूरी दुनिया का दिल
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आगे उन्होंने बताया कि हमारे अस्पताल में भर्ती दो जरूरतमंद मरीजों में एक को किडनी और दूसरे मरीज के शरीर में लीवर का प्रत्यारोपण किया गया था।

नई दिल्ली: दिल्ली से लगे हुए यूपी के गाजियाबाद में एक महिला ने जिंदगी गंवा कर चार लोगों को जीवन को बेशकीमती उपहार दिया। जिसको वो हमेशा याद रखेंगे। असल में 41 साल की महिला रफत परवीन को बीते हफ्ते ब्रेन हेमरेज के बाद वैशाली के मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल में भर्ती कराया गया। जहां उसकी हालत लगातार बिगड़ती गई। जिसको डॉक्टरों की एक पूरी टीम ने बचाने की काफी कोशिशें की, लेकिन वो महिला को किसी कीमत पर बचा नहीं पाए और उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।

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चार मरीजों को नया जीवन

सामने आई रिपोर्ट्स के अनुसार, इस महिला के मस्तिष्क में ब्लड क्लॉट्स यानी खून के थक्के जमा हो जाने की वजह से उसे बचाया नहीं जा सका। इसके बाद मृतक महिला रफत परवीन के परिवार वालों की मंजूरी के बाद उसके दिल (हर्ट), गुर्दे (किडनी) और जिगर (लीवर) को ऑपरेशन के जरिए बाहर निकाला गया, जिससे चार मरीजों को नया जीवन मिल गया।

इस बारे में मैक्स अस्पताल के आपरेशनल हेड डॉ गौरव अग्रवाल ने बताया कि परिवार की इजाजत मिलने के बाद, उन्होंने तुरंत राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन को सूचित किया, जिसने अंगों को जरूरतमंद मरीज के लिए आवंटित किया गया।

इसके बाद अलग-अलग टीमों ने रात में ही ऑपरेशन के जरिए अंगों को ब्रेन डेड महिला के शरीर से निकाला और उसे दूसरे मरीज में प्रत्यारोपित किया गया। फिर वहीं हर्ट को एम्बुलेंस के माध्यम से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत में स्थानांतरित किया गया था, जहां मरीज की प्रत्यारोपण सर्जरी की गई।

Human organ फोटो-सोशल मीडिया

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लीवर का प्रत्यारोपण

आगे उन्होंने बताया कि हमारे अस्पताल में भर्ती दो जरूरतमंद मरीजों में एक को किडनी और दूसरे मरीज के शरीर में लीवर का प्रत्यारोपण किया गया था।

ऑपरेशनल डॉ गौरव ने बताया कि दूसरी किडनी को एंबुलेंस में सिर्फ 45 मिनट में आर्टेमिस अस्पताल, गुरुग्राम पहुंचाया गया। मैक्स हेल्थकेयर के अधिकारियों ने कहा कि हर्ट के निर्बाध हस्तांतरण के लिए वैशाली और साकेत अस्पतालों के बीच गाजियाबाद और दिल्ली पुलिस द्वारा एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया था। शुक्रवार को 1.58 बजे केवल 18 मिनट में 23.8 किमी की दूरी तय की गई थी।

वहीं इस बारे में मैक्स साकेत में हार्ट ट्रांसप्लांट और एलवीएडी कार्यक्रम के निदेशक डॉ केवल कृष्ण ने कहा, “हर्ट को उत्तराखंड के 56 वर्षीय एक मरीज में प्रत्यारोपित किया गया है। जबकि मरीज के हर्ट ने काम करना बंद कर दिया था। लेकिन अब ट्रांसप्लांट के बाद मरीज रिकवर कर रहा है। उसकी तबीयत में सुधार भी हुआ है।

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