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Gorakhpur University: इस्तीफा दें गोरखपुर यूनिवर्सिटी के तानाशाह कुलपति, छात्रों की यही माँग, पूर्व कुलपतियों ने भी बताई हिंसा की वजह
Gorakhpur University News: छात्रों का बड़ा वर्ग ऐसा है, जो चाहता है कि पढ़ाई का माहौल बनने के लिए जरूरी है कि कुलपति अपने पद से इस्तीफा दें। या फिर उन्हें कुलाधिपति द्वारा बर्खास्त किया जाना चाहिए।
Gorakhpur News: डीडीयू में हुई हिंसा को लेकर देशभर में चर्चाएं हैं। सोशल मीडिया पर कुलपति प्रो.राजेश सिंह को लेकर चटखारे वाले वीडियो बन रहे हैं। पूर्णिया यूनिवर्सिटी में उनके कारगुजारियों की अखबारों में छपी कटिंग वायरल हो रही हैं। पूर्व कुलपति संवादहीनता की पराकाष्ठा तक पहुंचे प्रो.राजेश सिंह की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। तो वहीं छात्रों का बड़ा वर्ग ऐसा है, जो चाहता है कि पढ़ाई का माहौल बनने के लिए जरूरी है कि कुलपति अपने पद से इस्तीफा दें। या फिर उन्हें कुलाधिपति द्वारा बर्खास्त किया जाना चाहिए।
उधर, पूर्व कुलपति वर्तमान कुलपति की कार्यशैली को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं। पूर्व कुलपति प्रो.अशोक कुमार कहते हैं कि प्रति दिन संवाद होगा तो समस्याएं इकट्ठा नहीं होतीं।निर्णायक पद पर बैठे व्यक्ति को हमेशा इस नजरिए से सोचना चाहिए कि यदि मैं छात्र होता और मेरी समस्या होती तो प्रशासक से क्या आशा होती। पूर्व कुलपति प्रो.वीके सिंह पूरे घटना के लिए कुलपति के साथ ही छात्रों को भी दोषी मानते हैं। उनका मानना है कि विश्वविद्यालय की आय को बढ़ाने के लिए फीस में बढ़ोतरी जरूरी है। पूर्व कुलपति का कहना है कि शुक्रवार को हुई घटना में शामिल आधे विश्वविद्यालय के छात्र हैं और आधे बाहरी हैं। बाहरी लोगों का आंदोलन में आना गलत है, विद्यार्थियों को अपनी समस्याएं खुद रखनी चाहिए। पूर्व कुलपति प्रो.आरके मिश्रा का कहना है कि शुक्रवार को हुई घटना अनुशासनहीनता की पराकाष्ठा है। सत्तारुढ़ दल से सम्बंधित छात्र संगठन ने कुलपति, कुलसचिव और पुलिस पर हमला किया है। वे शासन के माध्यम से समस्याओं का समाधान करा सकते थे। वहीं पूर्व कुलपति प्रो.पीसी त्रिवेदी का कहना है कि मानवताविहीन व्यक्ति किसी भी पद पर बैठ जाएगा तो सिस्टम खराब होगा। किसी भी समस्या के समाधान के लिए मानवीय दृष्टिकोण रखना जरूरी है। छात्र संगठनों से संवाद बनाना गुरु का फर्ज है।
मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे, विभागाध्यक्षों पर निंदा प्रस्ताव जारी करने का दबाव
कुलपति प्रो.राजेश सिंह किस मिट्टी के बने हैं इसे शुक्रवार को हुई घटना के बाद उनकी गतिविधियों से समझा जा सकता है। प्रो.राजेश सिंह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने गोरखनाथ मंदिर पहुंचते हैं। चर्चा है कि इसके बाद छात्रों पर पुलिस की सख्ती बढ़ी। इतना ही नहीं कुलपति कार्यालय की तरफ से सभी विभागाध्यक्षों के पास फोन गया कि वह छात्रों और शिक्षकों के साथ घटना को लेकर निंदा प्रस्ताव परित करें। मजबूरी में कई विभागाध्यक्षों को ऐसा करना भी पड़ा।
भ्रष्टाचार में लिप्त कुलपति को इस्तीफा देना चाहिए
छात्र संगठन से लेकर आम छात्रों का कहना है कि भ्रष्टाचार में लिप्त कुलपति को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। कुलाधिपति को भी पूरे प्रकरण में सरंक्षण के बजाए हस्तक्षेप करना चाहिए। छात्र संगठन से जुड़े पूर्व छात्र नेता योगेश प्रताप सिंह कुलपति की कारगुजारियों का कच्चा चिट्ठा फेसबुक पर पेस्ट कर चुके हैं। योगेश सिंह का कहना है कि कुलपति की मर्यादित कुर्सी पर शिक्षक को बैठना चाहिए। प्रो.राजेश सिंह की पूर्व की कारगुजारियों को देखते हुए उन्हें शिक्षक नहीं माना जा सकता है। महंत अवेद्यनाथ महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.भगवान सिंह का कहना है कि तानाशाहों का ऐसा ही हश्र होता है। जैसा कुलपति प्रो.राजेश सिंह का हुआ है। विश्वविद्यालय की अभी और व्यवस्था नहीं बिगड़े इसे देखते हुए इन्हें तत्काल पद से हटाया जाना चाहिए।