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कब खुलेगी आंख: भ्र्ष्टाचार रोकने में सरकार फेल, सचिव सहित ग्राम प्रधान कर रहे खेल

सरकार और शासन को गुमराह करने के लिये गाँव के बाहर खुले में शौंच मुक्त का बोर्ड लगा दिया। वहीं मीडिया द्वारा भ्र्ष्टाचार का मामला संज्ञान में लेने के बाद जनपद के डीएम ने कार्यवाही करने की बात कही है।

SK Gautam
Published on: 16 Feb 2020 3:55 PM IST
कब खुलेगी आंख: भ्र्ष्टाचार रोकने में सरकार फेल, सचिव सहित ग्राम प्रधान कर रहे खेल
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कानपुर: प्रदेश की योगी सरकार ग्राम पंचायतों में तेजी से विकास कार्य कराने को लेकर जिले के अधिकारियों को दिशा निर्देश दे रही है और विकास कार्य के लिये धन भी आवंटित किया जा रहा है। जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में गरीब जनता को सरकार की योजनाओं का लाभ मिल सके। गाँव स्तर पर तेजी से विकास कराया जा सके लेकिन पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान मिलकर गरीबों के लिये भेजे गए सरकारी पैसों का दुरुपयोग करा रहे हैं। यह पैसा जरूरतमंद गरीब तक न पहुंचाकर खुद ही अपनी जेब भरने में लगे गए है।

सरकार और शासन को गुमराह करने के लिये गाँव के बाहर खुले में शौंच मुक्त का बोर्ड लगा दिया। वहीं मीडिया द्वारा भ्र्ष्टाचार का मामला संज्ञान में लेने के बाद जनपद के डीएम ने कार्यवाही करने की बात कही है।

योगी सरकार की जीरो टालरेंस नीति पर विकासठेंगा

गाँव के एक निवासी से बात करने पर उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भले ही जीरो टालरेंस की बात कर रहे हों लेकिन योगी सरकार की जीरो टालरेंस नीति पर विकास विभाग के अफसर ही पानी फेरते नजर आ रहे है ग्राम पंचायतों में शौचालय, आवास, और स्कूल के कायाकल्प के लिये बाउंड्री वाल, इंटरलॉकिंग, टायल्स के लिये आये सरकारी पैसे को पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान बंदरबांट कर भ्र्ष्टाचार करने में लगे हुए।

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कानपुर देहात में कराये जा रहे विकास कार्यो की हकीकत जानने के लिये मीडिया की टीम सबसे पहले सरवनखेड़ा ब्लाक के भरतपुर पियासी गाँव पहुंची वहां देखा कि गाँव के बाहर ही खुले में शौंच मुक्त का बोर्ड लगा था। इसके बाद जब गाँव में घूम-घूमकर देखा तो पता चला कि गाँव में बहुत से घरों में शौचालय बने ही नही थे गाँव के लोग खुले में शौंच जाने को मजबूर है। इसका पता लगाने के लिये जब लोगो से बात की तो लोगों ने बताया कि शौचालय नही बने है। जबकि एलओबी के तहत गाँव के सभी लोगो को कागजो पर शौचालय दिए जा चुके है।

एक महीने पहले बनाई गई बाउंड्री पूरी तरह से जर्जर

वहीं ग्रामीणों ने बताया कि शौचालय के लिये आया पैसा पंचायत सचिव अमिता मिश्रा और ग्राम प्रधान कमलेश कुमार खा गए है। इसके बाद हम गाँव के स्कूल में पहुंचे जहाँ देखा कि स्कूल में एक महीने पहले बनाई गई बाउंड्री पूरी तरह से जर्जर है। बाउंड्री में कई जगह बड़ी बड़ी दरारें आ गयी है स्कूल की बाउंड्री कभी भी गिर सकती है। स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों और खेलने के लिये आये गाँव के बच्चों को भी खतरा है। अगर स्कूल में कोई घटना हुई तो इसका कौन जिम्मेदार होगा वही जब हमने वहाँ के स्कूल टीचर से बात की तो दबी जुबान से बताया कि बाउंड्रीवाल बनाने में घटिया मैटीरियल लगा है डस्ट का प्रयोग किया गया है।

इसके बाद हमारी टीम ग्राम पंचायत आलापुर पहुंची वहाँ भी बहुत से घरों में शौचालय नही बने थे। गाँव के लोग आ भी खुले में शौंच जाने को मजबूर है इस गाँव में भी हर घर को शौचालय दिए जा चुके है पूछने पर बताया गया कि शौचालय का पैसा पंचायत सचिव अमिता मिश्रा और ग्राम प्रधान संतोष नायक खा चुके है इसके बाद हमारी नजर कुछ कच्चे मकानों पर पड़ी तो हमने उनसे आवास मिलने के बारे में पूछा तो पता चला कि आवास मिला है लेकिन अभी पूरी तरह बना नही है।

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स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिये बहुत बड़ा खतरा

अधूरा पड़ा है जब इसका कारण पूछा तो पता चला कि जो आवास के पैसा खाते में आया था उसमें ग्राम प्रधान संतोष नायक ने बैंक से निकलवा लिए हर क़िस्त में 20 हजार रुपये ले लिए इसलिये इसलिये बनवा नही पाये और कच्चे मकान में रह रहे है इसके बाद जब हम इसी गाँव के मजरे नन्दपुर गये तो वहां भी यही हालत मिले फिर हम वहाँ के स्कूल में पहुंचे और कायाकल्प के तहत बाउंड्रीवाल का कार्य देखा वहाँ भी 15 दिन पहले बनाई गई बाउंड्री में बड़ी बड़ी दरारें थी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों के लिये बहुत बड़ा खतरा है जो हादसे को दावत देती है इसमें भी खराब मैटेरियल की शिकायत मिली। इसमें भी भ्र्ष्टाचार साफ दिखाई दिया।

इसके बाद हमारी टीम ग्राम पंचायत हिलौटी के स्कूल में जा पहुंची वहाँ बिना पिलर दिए लम्बी बाउंड्री बनाई जा रही थी पता नही किस मानक से बनाई जा रही थी और जेई ने इस बाउंड्री को कैसे पास कर दी । इसके हम गाँव में घूमे यहाँ भी हर ग्राम पंचायत की तरह शौचालय कम बने थे लोग खुले में शौंच को जाते है फिर हमारी टीम आगे बढ़ी और इसी गाँव के मजरे मुर्रा पहुंची जहां बहुत से लाभार्थियों को 12 हजार की जगह 6 हजार रुपये दिए गए और बाकी के 6 हजार पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान श्री मती अरुणा देवी ने हजम कर लिए।

बहुत से शौचालय आधे बने खड़े थे किसी में सीट नही तो किसी में छत नही

इसके बाद हमारी टीम ग्राम पंचायत सैंथा पहुंची वहाँ हमने देखा कि स्कूल में कायाकल्प के तहत कार्य कराया जा रहा था और स्कूल में डस्ट पड़ी थी जो अवैध था गाँव में बहुत से शौचालय आधे बने खड़े थे किसी में सीट नही तो किसी में छत नही थी यहाँ भी जब लोगो से पूछा तो पता चला पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान सुधीर मिश्रा द्वारा सब गोलमाल किया गया है शौचालय के लिये लोगो के मिलने वाले रुपये इन लोगो ने हड़प लिए है।

सभी गाँव देखने के बाद जब हम गाँव के बाहर आये तो वहां भी कुछ लोग मिले जब हमने उनसे पूछा कि सरकार की योजनाओं का पैसा गरीबो को क्यों नही दिया गया तो उन सभी लोगो ने बताया कि यहाँ किसी गरीब को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिलता यहाँ तो पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान ही गरीबो के पैसो पर डाका डाल रहे है।

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फर्जी विकास कार्य दिखा देते है हकीकत में यहाँ कुछ भी नही है इन गरीबो को बातें सुनकर दिल दहल उठा और सोचा कि सरकार द्वारा गाँव के इन गरीब लोगो के लिये आयी सरकारी योजनाओं को और उनके आये पैसे को किस तरह पंचायत सचिव और ग्राम प्रधानों ने भ्र्ष्टाचार किया और इन गरीबो का पैसा बंदरबांट कर खा गए ।

गरीब को सरकार की किसी योजना का लाभ नही मिल पा रहा है

इसकी ये दास्ताँ सुनकर लग रहा कि किस तरह ये योगी के अधिकारी विकास कार्य के लिये आये पैसे को कागजो में विकास कार्य दिखाकर गरीबो का पैसा हड़प रहे है और सरकार को कागजो में अच्छी रिपोर्ट बनाकर भेज देते है जिससे विकास के नाम पर सरकार की वाहवाही हो और हकीकत में गरीब को सरकार की किसी योजना का लाभ नही मिल पा रहा है बल्कि गाँव के बाहर खुले में शौंच मुक्त का बोर्ड लगा देते है जिससे गाँव आने जाने वाले अधिकारियो को पता चल सके कि गाँव खुले में शौंच मुक्त है।

वहीं ग्राम प्रधान आलापुर संतोष नायक ने बताया कि स्कूल की बाउंड्री में दरार पढ़ गयी है उसे ठीक कराया जायेगा वही जब उनसे मैटीरियल के बारे में पूछा तो प्रधान जी स्वीकार किया कि बाउंड्री निर्माण में डस्ट का प्रयोग किया गया है।

वहीं जब ग्राम प्रधान सैंथा सुधीर मिश्रा से गाँव के विकास कार्य को लेकर बात की गयी तो प्रधान जी ने बताया कि ग्राम पंचायत मे कराये जा रहे विकास कार्य में डस्ट का प्रयोग नही हो रहा है जबकि उनके स्कूल सैंथा में डस्ट पायी गयी शौचालय सबको दिए गए है शौचालय के हालात क्या है आप खुद ही देखिये।

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प्रधान पति रामबाबू ने मीडिया को गुमराह करना शुरू दिया

वही जब हिलौटी ग्राम पंचायत में स्कूल की बाउंड्री निर्माण का कार्य करा रहे प्रधान पति रामबाबू से बात की तो रामबाबू ने मीडिया को गुमराह करना शुरू दिया स्कूल की बाउंड्री निर्माण कराने पर इनसे पूछा गया तो इनके द्वारा जवाब दिया कि प्रधान जी बाउंड्री बनवा रहे है इस समय वो बाहर गए है।

जब हमने इनसे पूछा कि आप कौन है। तो बताया कि प्रधान के करीबी है गाँव में ही रहते है बाउंड्री के बारे में पूछा कि बिना पिलर के बाउंड्री खड़ी कर रहे हो जेई ने नक्शा कैसे पास कर दिया और बाउंड्री में जगह दरारे पड़ गयी तो उनके द्वारा जवाब दिया कि जानवरो के कारण चटक गयी है बाउंड्री निर्माण कितने की लागत से बनायी जा रही है इसका जवाब नही दे पाए । इन्होंने मीडिया को गुमराह किया जबकि ये खुद ही प्रधान पति है आप खुद ही सुन लीजिये।

जब हमने से बात की तो इन ग्राम पंचायतों में रह रहे गरीब लोगों की आवाज बनकर जनपद के डीएम से बात की तो उनके द्वारा बताया कि आपके द्वारा मामला संज्ञान में आया है। जाँच कराई जाएगी अगर इस तरह का मामला प्रकाश में आया तो पंचायत सचिव और ग्राम प्रधान के अलावा जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कार्यवाही की जायेगी।



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