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गुड न्यूजः स्कूली बच्चों को अब पैसा और राशन देगी सरकार

पत्र में कहा गया है कि 24 मार्च से 30 जून तक की अवधि के रविवार एवं सार्वजनिक अवकाशों को छोड़कर कुल दिनों की गणना की गई। इस प्रकार कुल 76 दिनों का राशन एवं परिवर्तन लागत बच्चों को देने का निर्णय लिया गया है।

Rahul Joy
Published on: 9 Jun 2020 11:22 AM IST
गुड न्यूजः स्कूली बच्चों को अब पैसा और राशन देगी सरकार
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government school children

झाँसी। कोरोना काल में मध्याह्न भोजन योजना से आच्छादित प्रदेश के समस्त विद्यालयों के विद्यार्थियों को लॉकडाउन एवं ग्रीष्मावकाश की अवधि के दिनों का राशन एवं परिवर्तन लागत (कन्वर्जन कास्ट) शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी। प्राथमिक स्तर के बच्चों को 374 रूपये और 7.60 किग्रा राशन मिलेगा जबकि उच्च प्राथमिक स्तर के बच्चों को 561 रूपये और 11.40 किग्रा राशन दिया जाएगा। इस सम्बन्ध में आदेश जारी हो गया है और अब इन स्कूलों में हलचल भी बढ़ गई है। शिक्षक बच्चों के अभिभावकों का खाता संख्या एकत्रित करने के लिए गांव-गांव घूम रहे हैं। इससे डेढ़ करोड़ से अधिक बच्चे लाभान्वित होंगे।

अपर मुख्य सचिव ने ज़ारी किया पत्र

सरकार ने कोविड -19 महामारी की स्थिति में एमडीएम से आच्छादित विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम और मध्याह्न भोजन नियमावली के अंतर्गत लॉकडाउन एवं ग्रीष्मावकाश के दिनों का खाद्य सुरक्षा भत्ता उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। इसके लिए अपर मुख्य सचिव रेणुका कुमार ने समस्त जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र जारी किया है। पत्र में कहा गया है कि 24 मार्च से 30 जून तक की अवधि के रविवार एवं सार्वजनिक अवकाशों को छोड़कर कुल दिनों की गणना की गई। इस प्रकार कुल 76 दिनों का राशन एवं परिवर्तन लागत बच्चों को देने का निर्णय लिया गया है।

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बच्चों को उपलब्ध कराया जाएगा राशन

प्राथमिक स्तर (कक्षा 1 से 5 तक) के बच्चों को प्रतिदिन 100 ग्राम राशन के हिसाब से कुल 7.60 किग्रा राशन दिया जाएगा। वहीं उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा 6 से 8 तक) के बच्चों को 150 ग्राम के हिसाब से कुल 11.40 किग्रा राशन देने के निर्देश दिए गए हैं। ये राशन कोटेदार के माध्यम से बच्चों को उपलब्ध कराया जाएगा।

प्रधानाध्यापक बच्चों का प्राधिकार पत्र देंगे जिसे कोटेदार को जमा करने पर उन्हें राशन दिया जाएगा। इसी प्रकार प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को 374.29 रुपये एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चों को 561.02 रुपये उनके अभिभावकों के खाते में भेजे जाएंगे। इसके लिए विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे विद्यालय में उपस्थित होकर बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाता नम्बर सहित अन्य आवश्यक कागज़ात एकत्रित करें। इसके अलावा दो-तीन बच्चों के अभिभावकों को थोड़े-थोड़े अंतराल पर विद्यालय में बुलाकर राशन का वितरण सुनिश्चित करें। इस सभी कार्यों में उन्हें सोशल डिस्टेनसिंग के दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा।

डेढ़ करोड़ से अधिक बच्चों को मिलेगा लाभ

अपर मुख्य सचिव के पत्र के बाद लगभग ढाई महीने बाद स्कूल खुल गए हैं और वहाँ हलचल तेज हो गई है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि इससे डेढ़ करोड़ से अधिक बच्चों को लाभ मिलेगा। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हरिवंश कुमार ने भी समस्त प्रधानाध्यापकों को निर्देश दिए हैं कि वे बच्चों के अभिभावकों के बैंक खाता संबंधी प्रपत्र शीघ्र भरकर जमा करें। इससे जिले के हजारों विद्यार्थियों को लाभ होगा।

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खाता संख्या जुटाने में छूट रहे पसीने

स्कूलों के प्रधानाध्यापकों एवं शिक्षकों को बच्चों के अभिभावकों की बैंक पासबुक जुटाने में पसीने छूट रहे हैं। स्कूल बंद होने के कारण शिक्षकों को गांवों में बच्चों के घर-घर जाना पड़ रहा है। इससे अधिक छात्र संख्या वाले स्कूलों के शिक्षकों को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि कुछ बच्चे स्कूल भी पहुंच रहे हैं।

10 दिन का एमडीएम कहां गया सरकार?

सरकार ने लॉकडाउन की तिथि से बच्चों को राशन व परिवर्तन लागत देने का निर्णय लिया है किन्तु स्कूल तो 25 मार्च को लॉकडाउन शुरू होने के लगभग दस दिन पहले से भी बंद हो गए थे। कुछ अभिभावकों का कहना है कि सरकार को उन दस दिनों का भी राशन और परिवर्तन लागत बच्चों को देनी चाहिए। आपदा की इस घड़ी में सरकार को गरीबों की हर संभव मदद करनी चाहिए।

रिपोर्टर- बी के कुशवाहा , झांसी

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