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राज्यपाल ने खेती को प्रोत्साहन देने के लिए कृषि विश्वविद्यालय से की ये अपील
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में आयोजित कृषि विभाग उत्तर प्रदेश एवं कृषी एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपतिगण के साथ आयोजित...
लखनऊः उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने आज राजभवन में आयोजित कृषि विभाग उत्तर प्रदेश एवं कृषी एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कुलपतिगण के साथ आयोजित बैठक में कहा कि ‘एक जनपद एक उत्पाद’ की तरह ही ‘एक जनपद एक विशेष फसल’ प्रोजेक्ट तैयार किया जाए।
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जिससे जनपद में होने वाली फसल विशेष को प्राथमिकता मिल सके। इसके साथ ही कृषि विश्वविद्यालय अपने उन विद्यार्थियों को खेती से सीधे जोड़े, जिनके पास खेती योग्य भूमि उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि इससे विद्यार्थी स्वयं का व्यवसाय कर सकेंगे और दूसरों को भी नौकरी दे सकेंगे।
जैविक खेती को बढ़ावा देने को प्रेरित किया जाए
राज्यपाल ने कहा कि स्वास्थ्य एवं पर्यावरण की दृष्टि से आज जैविक खेती को बढ़ावा दिये जाने की आवश्यकता है। अत्यधिक कृषि रासायनों एवं उर्वरकों के उपयोग से खाद्यान्न पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों के बारे में किसानों को जागरूक किया जाये और उन्हें जैविक खेती को बढ़ावा देने को प्रेरित किया जाये।
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जैविक खेती द्वारा मृदा की प्राकृतिक उर्वरता भी बनी रहती है और पर्यावरण का क्षरण भी न्यूनतम होता है। आनंदीबेन पटेल ने कहा कि कृषकों को पारम्परिक खेती में नवीनतम तकनीकों का समावेश कर प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
मोटे अनाज मानव स्वास्थ्य के लिये बहुत लाभदायक हैं
इसके साथ ही उन्हें मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ाने हेतु प्रेरित करना चाहिए, क्योंकि वैज्ञानिक दृष्टि से यह सिद्ध हो चुका है कि मोटे अनाज मानव स्वास्थ्य के लिये बहुत लाभदायक हैं। राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इनकी मांग बढ़ रही है।
फसल अवशेष न जलाने तथा पर्यावरण बचाने हेतु भी प्रेरित करें
राज्यपाल ने कहा कि कृषि विश्वविद्यालय सरकार पर निर्भरता कम कर आर्थिक उन्नयन का प्रयास करें तथा पब्लिक और किसान को एक साथ जोडने में अपनी भूमिका निभायें। इसके साथ ही विश्वविद्यालय किसानों को मृदा स्वास्थ्य परीक्षण के अनुसार फसलों की बुआई करने, फसल अवशेष न जलाने तथा पर्यावरण बचाने हेतु भी प्रेरित करें।
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प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन प्रसाद ने बैठक में कहा कि प्रदेश के 18 मण्डलों में किसानों की सब्जियों तथा अन्य फसलों के जैविक उत्पादों को बेचने के लिए मण्डियों में एक स्थान उपलब्ध कराया जायेगा, जिसमें किसान अपने कृषि उत्पादों को सीधे बेच सकते हैं। इसके लिये प्रत्येक माह के पहले और तीसरे शनिवार-रविवार का दिन निश्चित किया गया है।
उन्होंने बैठक में यह भी बताया कि ‘द मिलियन फार्मर्स स्कूल’ के माध्यम से किसानों को खेती के बारे में नवीनतम जानकारी कृषि विशेषज्ञों द्वारा दी जाती है।