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सरकारी अवास बना उपले रखने व पशु बाधने का केन्द्र
जिले के विकासखंड बाराचावर के स्थानीय गांव में स्थित विद्युत उपकेंद्र में लाखों से निर्मित भवन जो विद्युत विभाग के कर्मचारियों के लिए बनाया गया था।
रजनीश कुमार मिश्र
गाजीपुर: जिले के विकासखंड बाराचावर के स्थानीय गांव में स्थित विद्युत उपकेंद्र में लाखों से निर्मित भवन जो विद्युत विभाग के कर्मचारियों के लिए बनाया गया था। इस समय विभागीय उपेक्षाओं के कारण दैनीय स्थिति में है, इसके चलते उपकेंद्र में काम कर रहे हैं कर्मचारियों को रहने के लिए कोई भी व्यवस्था विभाग की तरफ से नहीं किया गया है। किसी तरह यहां के कर्मचारी उपकेंद्र के ऑफिस को ही अपना आश्रय केंद्र बनाए हुए हैं। यहां के कर्मचारियों का कहना है कि बारिश के समय में ऑफिस भी टपकने लगता है जब भी रात को बारिश होती है तब छत से पानी टपकने के कारण पूरी रात जागकर बितानी पड़ती है।
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सन्1979या80 मे बना था उपकेंद्र
सन 1960 70 के दशक के दौरान विद्युत की सप्लाई बहुत कम ही गांवो में होती थी ।लेकिन आने वाले 5 से 10 सालों में समय बदला सरकारे बदली और धीरे-धीरे गांव की तरफ विकास भी बढ़ने लगा, उसी समय शासन के निर्देशानुसार कुछ जगहों पर विद्युत उपकेंद्र खोले गए गांव के बुजुर्ग बताते हैं। की सन 1979 या 80 में यहां उप केंद्र बनाया गया था।।
कर्मचारियों के लिए बनाये गये थे पांच से छः कमरे
आज से 39 या 40 साल पहले सन 1979 या 80 के समय जब यहां विद्युत उपकेंद्र बनाया गया था। उस समय विभाग के कर्मचारियों को रहने के लिए पांच से छः कमरों का निर्माण किया गया था। उस समय विद्युत उपकेंद्र पर नियुक्त कर्मचारियों को ध्यान में रखकर आवास बनाया गया था ।की कर्मचारी अपने परिवार के साथ रहेंगे आवास बनकर तैयार हो गया, लेकिन उस समय भी विभाग ने उस पर ध्यान नहीं दिया। जिससे धीरे धीरे कर्मचारियों के लिए बना अवास खंडहर में तब्दील होता गया जो आज ग्रामीणों के लिए पशु बाघ ने व उपले रखने का केंद्र बन चुका है ।
तत्कालीन ब्लाक प्रमुख व प्रधान ने दान किया था ढाई बीघा जमीन
ब्रितानी हुकूमत के समय रहे गांव के बड़े जमीदार इंद्रदेव सिंह के पुत्र व तत्कालीन ब्लाक प्रमुख राज नारायण सिंह ने विद्युत उपकेंद्र खोलने के लिए ढाई बीघा जमीन विभाग को दान में दिया था। इन्हीं के वंशज भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजेंद्र सिंह बताते हैं कि करीब 1979 झांसी में मैं हाई स्कूल में पढ़ रहा था। केंद्र सरकार के निर्देश पर 132 उप केंद्र लगाने के लिए आए थे। उन्होंने कहा कि अच्छी तरह से याद तो नहीं कि जिले में आया था या राज्य में उस समय विद्युत उपकेंद्र खोलने के लिए कहीं भी जगह नहीं था।
मेरे परिवार के तत्कालीन प्रमुख राज नारायण सिंह व मेरे बड़े भाई तत्कालीन ग्राम प्रधान जगदीश नारायण सिंह ने उप केंद्र खोलने के लिए ढाई बीघा जमीन दान में दिया था ,बृजेंद्र सिंह बताते हैं कि उस समय जिले के ही। थाना नोनहरा के परावा गांव व बाराचवर में उप केंद्र खोले गए थे।
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विद्युत उपकेंद्र बना चारागाह
करीब 40 साल पहले बना उपकेंद्र विभागीय उपेक्षा के चलते चरागाह बन चुका है। कर्मचारियों के लिए बनाए गए आवास खंडहर में तब्दील हो चुका है। जिसके चलते कर्मचारियों के लिए बना आवास उपले रखने व पशु बांधने के ग्रामीणों के काम आ रहा है। उपकेंद्र पर तैनात कर्मचारी नाम न छापने की शर्त पर बताया कि चारदीवारी व गेट ना होने के कारण यहां छुट्टा पशु अंदर चले आते हैं ,जिसके चलते काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है और रात में जंगली जानवरों से भी डर बना रहता है।।
विद्युत उपकेंद्र से 60 से 70 गांव को किया जाता है रोशन
ब्लॉक मुख्यालय के स्थानीय गांव बना विद्युत उपकेंद्र से करीब 60 से 70 गांव को रोशन किया जाता है। यहां के जेई अनिल यादव ने बताया कि इस केंद्र से 60 से 70 गांव को सप्लाई किया जाता है। क्योंकि 60 से 70 गांव के बीच यह इकलौता उपकेंद्र है, अनिल यादव ने बताया कि सप्लाई रूम भी काफी दयनीय दशा में है। सप्लाई चलाते वक्त काफी डर का माहौल बना रहता है अनिल यादव ने कहा कि यहां के कर्मचारी अपने पैसों से थोड़ा बहुत काम कराये हैं ।बारिश के दिनों में सप्लाई रूम मे पानी टपकने के कारण आए दिन मशीनों में फाल्ट की स्थिति बनी रहती है।
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विद्युत विभाग ने अवास को कर चुका है निष्क्रिय घोषित
विद्युत विभाग के जेई अनिल यादव ने बताया कि जो निर्माणाधीन आवास खंडहर में तब्दील हो चुका है ।उसे बिभाग ने निष्क्रिय घोषित कर दिया है।
तत्कालीन विधायक व मंत्री सुरेंद्र सिंह लेकर आए थे विद्युत उपकेंद्र
बुजुर्ग ग्रामीणों का कहना है कि उस समय के कांग्रेश के दिग्गज नेता और जहुराबाद से विधायक व मंत्री सुरेंद्र सिंह बाराचवर में विद्युत उपकेंद्र लेकर आए थे। लेकिन वहीं कुछ बुजुर्ग ग्रामीणों का कहना है कि केंद्र सरकार की तरफ से हर राज्यों के हर जिलों में उपकेंद्र लगाने के लिए आया था। उस समय जिस जगह जमीन उपलब्ध हुआ वहा विद्युत उपकेंद्र लगाया गया।