होलिका दहन से पहले यहां निकलती है हथौड़े की बारात, इस परंपरा का रोचक है इतिहास

यूपी के प्रयागराज में होली की अजीबो गरीब परंपरा है हथौड़े की बारात। अनूठी परंपरा वाली इस शादी में दूल्हा होता है एक भारी-भरकम हथौड़ा। जिसकी शादी की पूरी परंपरा निभाने के बाद सड़कों पर हथौड़े की बारात निकालने से पहले होता है कद्दू भजन।

Aditya Mishra
Published on: 9 March 2020 7:54 AM GMT
होलिका दहन से पहले यहां निकलती है हथौड़े की बारात, इस परंपरा का रोचक है इतिहास
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प्रयागराज: यूपी के प्रयागराज में होली की अजीबो गरीब परंपरा है हथौड़े की बारात। अनूठी परंपरा वाली इस शादी में दूल्हा होता है एक भारी-भरकम हथौड़ा। जिसकी शादी की पूरी परंपरा निभाने के बाद सड़कों पर हथौड़े की बारात निकालने से पहले होता है कद्दू भजन।

शहर की गलियों में जैसे दूल्हे राजा की भव्य बारात निकाली जाती है वैसे इस हथौड़े की बारात में सैकड़ो लोग बैंड बाजे के साथ इसमें शामिल होते हैं, डांस भी होता है।

हथौड़े की बारात निकालकर संसार की बुराइयों को खत्म करने और हथौड़े के प्रहार से आतंकवाद खत्म करना का संदेश दिया जाता है. संगम नगरी में इसी के साथ शुरू हो जाती है रंगपर्व होली।

होली पर होने वाली इस बारात में सैकड़ों बाराती शामिल हुए। हथौड़े की बारात में वही भव्यता देखने को मिली जो कि किसी शाही शादी में देखने को मिलती है।

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आयोजक संजय सिंह ने बताया कि सदियों से चली आ रही इस परंपरा के मुताबिक हथौड़े और कद्दू का मिलन शहर के बीचों-बीच हजारों लोगों की मौजूदगी में कराया जाता है।

इसका मकसद समाज मे फैली कुरीतियों को खत्म करना है और लोगों के मुताबिक इसी हथौड़े से आतंक का भी अंत होगा। इस अनूठी शादी के साथ ही प्रयागराज में होली की औपचारिक तौर पर शुरूवात भी हो जाती है।

सदियों से चली आ रही इस परंपरा के मुताबिक हथौड़े और कद्दू का मिलन शहर के बीचों-बीच हजारों लोगों की मौजूदगी में कराया जाता है इसका मकसद समाज मे फैली कुरीतियों को खत्म करना है।

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क्या है इतिहास

आयोजकों के मुताबिक प्रयागराज में ही हथौड़ा पैदा हुआ था /प्रलय काल के बाद भगवन विष्णु अक्षयवट की टहनी पर बैठे हुए थे। उन्होंने विश्कर्मा को बुलाया और कहा अब प्रलयकाल ख़त्म हुआ अब विश्व निर्माण होना चाहिए।

विश्कर्मा जी ने हवन और यज्ञ किया। लंबे समय तक हवन करने बाद एक यंत्र पैदा हुआ यानि हथौड़ा तब से आज तक प्रयागराज वासी इस हथौड़े से प्रेम करने लगे ,फिलहाल इस अनूठी शादी के साथ ही प्रयागराज में होली की औपचारिक तौर पर शुरूआत भी हो जाती है।

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