×

Hardoi News: हरदोई में भी हुआ मिनी जालियाँवाला कांड, मिट्टी आज भी है लाल, 15 अगस्त को जनपद के लोग देते श्रद्धांजलि

Hardoi News: हम सभी ने पंजाब के जलियांवाला बाग का नरसंहार जरूर पढ़ा होगा जहां अंग्रेजों ने बर्बरता के साथ गोलियां चलाई थी जहां सैकड़ों की संख्या में क्रांतिकारी शहीद हुए थे। ऐसा ही कुछ हरदोई जनपद में भी घटित हुआ था। हरदोई जनपद में सन 1932 में आजादी की मांग कर रहे लोगों को भी अंग्रेजी हुकूमत की बर्बरता का शिकार होना पड़ा था।

Pulkit Sharma
Published on: 15 Aug 2023 11:09 AM GMT
Hardoi News: हरदोई में भी हुआ मिनी जालियाँवाला कांड, मिट्टी आज भी है लाल, 15 अगस्त को जनपद के लोग देते श्रद्धांजलि
X
Mini Jallianwala Incident (Photo - Social Media)

Hardoi News: देश को आजाद कराने के लिए हमारे वीर क्रांतिकारियों ने अंग्रेजों के आगे घुटने नहीं टेके बल्की अपना सर उठाकर अंग्रेजी हुकूमत का सामना किया। देश आज भी क्रांतिकारी शहीदों की वजह से स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। क्रांतिकारियों ने खुद शहीद होकर देश को आजाद कराया है। कई क्रांतिकारी शहीद होते-होते भारत देश के अंदर आजादी को लेकर युवाओं में एक जुनून भर गए थे जिस जुनून के चलते अंग्रेजों को हार माननी पड़ी और अंग्रेज भारत छोड़कर भाग गए।अंग्रेजी हुकूमत ने भारत के क्रांतिकारी आंदोलन को कुचलने का काफी प्रयास किया था।

हम सभी ने पंजाब के जलियांवाला बाग का नरसंहार जरूर पढ़ा होगा जहां अंग्रेजों ने बर्बरता के साथ गोलियां चलाई थी जहां सैकड़ों की संख्या में क्रांतिकारी शहीद हुए थे। ऐसा ही कुछ हरदोई जनपद में भी घटित हुआ था। हरदोई जनपद में सन 1932 में आजादी की मांग कर रहे लोगों को भी अंग्रेजी हुकूमत की बर्बरता का शिकार होना पड़ा था। अंग्रेज यहीं तक नहीं रुके थे उन्होंने अपने को बचाने के लिए बेकसूर लोगों तक को अपराधी बनाकर मुकदमा चलाया और उन्हें दंडित किया था।

शहीदों के खून से ज़मीन हो गई थी सुर्ख़ लाल

हरदोई जनपद के सांडी में 26 जनवरी सन 1932 को जनपद के लोग भारत की पूर्ण आजादी की मांग शांतिपूर्ण तरीके से बैठकर कर रहे थे।भारत के लोगों की यह मांग अंग्रेजी हुकूमतों को रास नहीं आ रही थी।अंग्रेजी हुकूमत ने पूर्ण आजादी की मांग कर रहे लोगों पर बर्बरता के साथ गोलियां चलवाई।अंग्रेजों द्वारा चलाई गई गोलियों में 300 लोग शहीद हुए थे। अंग्रेज हुकूमत यहीं नहीं रुके थे। अंग्रेजी हुकूमत ने 300 लोगों पर गोलियां चलाने के आरोप लगाते हुए 24 लोगों पर मुकदमा चलाया और उन्हें बिना किसी अपराध से दंडित किया।हरदोई जनपद के सांडी में 300 लोगों के शहीद होने पर इसको मिनी जलियांवाला बाग के नाम से भी जाना जाता है।कहां जाता है कि सांडी के सेमरिया गांव में जहां प्रदर्शन हो रहा था वहां की मिट्टी शहीदों के खून से सुर्ख लाल हो गई थी।

शहिद महेश्वनाथ गुप्ता की अगुवाई में हुआ था सत्याग्रह

सांडी के सेमरिया गांव में महेश्वर नाथ गुप्ता की अगवाई में लोग सत्याग्रह कर रहे थे।सत्याग्रह में लोगों की संख्या देख अंग्रेजी हुकूमत की चूड़ी हिल गई थी।अंग्रेजी हुकूमत को सेमरिया में चल रहा सत्याग्रह बिल्कुल रास नहीं आ रहा था। अंग्रेजी शासन के मजिस्ट्रेट के सत्याग्रहियों से सत्याग्रह न करने का फरमान सुनाया था लेकिन अंग्रेजी हुकूमत के आदेशों को दरकिनार कर भारत को पूर्ण आजादी दिलाने के लिए सत्याग्रह जारी रहा था।सत्याग्रहियों द्वारा अंग्रेजी हुकूमत की बात ना मानने पर उन पर गोलियों की बौछार अंग्रेजी हुकूमत द्वारा की गई थी।इसके बाद शहीद हुए भारतीयों के शव को रामगंगा नदी और पास में बह रही नदी में फेंकवा दिए थे।

सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत सन 1932 में कांग्रेस के लाहौर अधिवेशन से प्रस्ताव पारित होने के बाद हुई थी।अधिवेशन में प्रस्ताव पारित हुआ था कि पूरे देश के लोगों को भारत के पूर्ण आजादी को लेकर जागरूक किया जाएगा।भारत की पूर्ण आजादी को लेकर उन स्थानों को चुना जाएगा जहां लोगों की भीड़ ज्यादा रहती हैं जहां लोगों को भारत के संपूर्ण आजादी के लिए जागरूक किया जा सके। इसी उद्देश्य के साथ हरदोई समेत प्रदेश के कई अन्य जनपदों में भारत की आजादी के दीवाने जब सेमरिया में लगने वाले पशु मेले में आए तो अंग्रेजों ने उन्हें रोकना चाहा था लेकिन भारत को पूर्ण आजादी दिलाने के लिए सत्याग्रहियों ने अंग्रेजों की एक ना सुनी जिसका परिणाम उनको भारत की आजादी को लेकर शाहिद होकर चुकाना पड़ा।

शहीदों की याद में 2010 में बनाया गया था स्मार्क

हरदोई जनपद के सांडी कस्बे के सेमरिया गांव में समाजसेवियों और क्षेत्र के लोगों ने 14 अगस्त सन 2010 में सामूहिक अंशदान कर सेमरिया में शहीद स्थल का निर्माण कराया था।यहां प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त और 26 जनवरी को कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं साथ ही जनपद के लोग सेमरिया पहुंचकर शहीदों की शहादत को नमन करते हैं और उनको विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। भारत आज 77 वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है उसके पीछे हमारे देश के वीर क्रांतिकारी व सीमा पर हमारी रक्षा करने वाले हमारे देश के वीर सैनिक है जिनकी हिम्मत,साहस,वीरता और शहादत के चलते हम लोग चैन की सांस ले रहे हैं।

Pulkit Sharma

Pulkit Sharma

Next Story