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हाथरस मामले में CM योगी का बड़ा एक्शन, SP, DSP और इंस्पेक्टर सस्पेंड
हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार और एसपी ने जिस तरह से कार्रवाई की उसके बाद से विपक्ष लगातार योगी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा रहा था। जिलाधिकारी प्रवीण कुमार पर तो गैंगरेप पीड़िता के परिवार ने गंभीर आरोप भी लगाए हैं।
लखनऊ: पिछले चार दिनों से हाथरस कांड को लेकर विपक्ष के निशाने पर आई योगी सरकार ने आखिरकार हाथरस के पुलिस अधीक्षक के खिलाफ बड़ा एक्शन लेते हुए उन्हे निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही डीएसपी और इंस्पेक्टर को भी संस्पेंड किया है। अधिकारियों के गैर जिम्मेदाराना भूमिका पर लगातार सवाल उठ रहे थे। तो वहीं अब शामली एसपी विनीत जायसवाल को एसपी हाथरस बनाया गया।
पूरे मामले में हाथरस के जिलाधिकारी प्रवीण कुमार और एसपी ने जिस तरह से कार्रवाई की उसके बाद से विपक्ष लगातार योगी सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठा रहा था। जिलाधिकारी प्रवीण कुमार पर तो गैंगरेप पीड़िता के परिवार ने गंभीर आरोप भी लगाए हैं। पीड़िता के परिजनों ने प्रशासन पर धमकाने और दबाव डालने का आरोप लगाया था। इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था।
बताते चलें कि दिल्ली से सटे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जिले हाथरस में गत 14 सितंबर को एक दलित युवती के साथ गैंगरेप हुआ था। गैंगरेप के बाद आरोपियों ने युवती का गला दबाया और कहा तो यह भी जा रहा है कि उसकी रीढ़ की हड्डी भी तोड़ दी थी। वारदात के बाद वह एक हफ्ते से ज्यादा बेहोश रही थी। हालत खराब होने के बाद किशोरी को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां 29 सितम्बर को उसकी मौत हो गयी।
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इसके बाद जब राजनीतिक दलों ने हो-हल्ला किया तो पुलिस ने मामले को दबाने के लिए जल्दबाजी में रात के ढाई बजे पीड़िता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद पुलिस की भूमिका पर सवाल उठना स्वाभाविक था। स्थानीय प्रशासन की इसी चूक को लेकर विपक्षी दल लगातार योगी सरकार को घेरने का काम कर रहे थे।
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हालांकि एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बात को संभालने का पूरा प्रयास किया और मीडिया से कहा कि चूंकि पीड़िता का शव खराब हो रहा था, इसलिए परिवारवालों की मर्जी से अंतिम संस्कार किया गया था। लेकिन इस तर्क से कोई भी सहमत नहीं दिखा। क्योंकि दाह संस्कार घर वालों को बिना बताए ही कर दिया गया था।
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इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी हाथरस के डीएम, एसपी पर पर कार्रवाई कर एफआईआर दर्ज कराने की मांग की थी। इसके अलावा घटना पर इलाहाबाद हाई कोर्ट हाथरस के डीएम और एसपी को नोटिस जारी किया है।
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