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योगी सरकार को कोर्ट ने दी बड़ी राहत: दंगाइयों के पोस्टर हटाने की मिली मोहलत

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसा में हुए शामिल लोगों के पोस्टर लगाने के बाद योगी सरकार को कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई थी और पोस्टर हटाने के निर्देश दिए थे। हालाँकि सरकार ने इसके बाद भी दंगाइयों के पोस्टर नहीं हटाए। इस बाबत कोर्ट ने अब सरकार को राहत देते हुए पोस्टर हटाने की मोहलत दे दी है। 

Shivani Awasthi
Published on: 18 March 2020 5:28 AM GMT
योगी सरकार को कोर्ट ने दी बड़ी राहत: दंगाइयों के पोस्टर हटाने की मिली मोहलत
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लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हिंसा में हुए शामिल लोगों के पोस्टर लगाने के बाद योगी सरकार को कोर्ट ने जमकर फटकार लगाई थी और पोस्टर हटाने के निर्देश दिए थे। हालाँकि सरकार ने इसके बाद भी दंगाइयों के पोस्टर नहीं हटाए। इस बाबत कोर्ट ने अब सरकार को राहत देते हुए पोस्टर हटाने की मोहलत दे दी है।

दंगाइयों के पोस्टर हटाने की 10 अप्रैल की मोहलत

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दंगाइयों के पोस्टर लगाये जाने के मामले में योगी सरकार को इलाहाबाद हाईकोर्ट से फौरी तौर पर राहत मिल गई है। चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और राकेश सिन्हा की पीठ ने सरकार को 10 अप्रैल तक की मोहलत दी है। सरकार को यह राहत सोमवार को दाखिल की गई अर्जी पर मिली।

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सरकार ने कोर्ट से माँगा था समय:

गौरतलब है कि सरकार ने लखनऊ में CAA प्रदर्शन के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले दंगाईयों के पोस्टर सड़क से हटाने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट से और समय मांगा था।

बता दें कि मामले में इलाहबाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए पोस्टर को हटाने के निर्देश दिए लेकिन सरकार हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी। अब राज्य सरकार को रिपोर्ट पर हाईकोर्ट के अगले निर्देश का इंतजार है।

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क्या है मामला

दरअसल 19 दिसंबर को अचानक लखनऊ की सड़कों पर सीएए विरोध के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। पुराने लखनऊ से लेकर हजरतगंज तक हिंसक भीड़ ने इस दौरान जमकर उत्पात मचाया। पुलिस से लेकर मीडिया पर भी हमला हुआ। दर्जनों गाड़ियां फूंक दी गईं, पुलिस चैकी को भी आग के हवाले कर दिया गया।

मामले में सरकार की तरफ से आरोपियों को नोटिसें भेजी गईं। जिसके बाद 5 मार्च को लखनऊ जिला प्रशासन की तरफ से लखनऊ के हजरतगंज सहित प्रमुख इलाकों में चैराहों पर आरोपी 57 लोगों की तस्वीरों का पोस्टर लगाया दिया गया।

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Shivani Awasthi

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