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संविदा कर्मियों की भर्ती पर रोक मामले में सरकार ने नहीं दिया जवाब, हाईकोर्ट सख्त

हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने आउटसोर्सिंग से संविदा कर्मियों की भर्ती पर रोक लगाने के मामले में राज्य सरकार का जवाबी हलफनामा पेश न किए जाने पर सख्त रुख अपनाया है।

Dharmendra kumar
Published on: 14 Dec 2019 8:44 AM GMT
संविदा कर्मियों की भर्ती पर रोक मामले में सरकार ने नहीं दिया जवाब, हाईकोर्ट सख्त
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लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने आउटसोर्सिंग से संविदा कर्मियों की भर्ती पर रोक लगाने के मामले में राज्य सरकार का जवाबी हलफनामा पेश न किए जाने पर सख्त रुख अपनाया है। तो वहीं पहले के कई आदेशों के बावजूद जवाब न आने पर मामले में शुक्रवार को प्रमुख सचिव राजस्व व प्रमुख सचिव वित्त कोर्ट में पेश हुए।

अदालत ने सरकारी वकील के आग्रह पर जवाब दाखिल करने के लिए अंतिम मौके के रूप में दो हफ्ते का समय देकर अगली सुनवाई 7 जनवरी को नियत की।

यह आदेश न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति विकास कुंवर श्रीवास्तव की खंडपीठ ने सेवा प्रदाता मेसर्स आरएमएस टेक्नो साॅल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड की याचिका पर दिया।

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इसमें याचिकाकर्ता ने बीते 25 अक्टूबर के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसके तहत सेवा प्रदाता के रूप में बगैर कारण बताए उसका पंजीकरण रद्द कर दिया गया था।

20 नवंबर को कोर्ट ने संविदा कर्मियों से सरकारी काम चलाने के मुद्दे को सख्त संज्ञान लेकर राज्य सरकार का जवाब आने तक नियमित स्वीकृत पदों पर आउटसोर्सिंग से संविदा कर्मियों की भर्ती पर रोक लगा दी थी। साथ ही सरकार से स्पष्टीकरण तलब किया था कि स्वीकृत पदों को नियमित रूप से क्यों नहीं भरा जा रहा है।

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जवाब में सरकारी वकील का कहना था कि न सिर्फ याचिकाकर्ता का बल्कि ऐसे सभी सेवा प्रदाताओं का पंजीकरण निरस्त किया गया है ताकि सेवा प्रदाताओं का पंजीकरण निरस्त किया गया है, ताकि सेवा प्रदाताओं के जरिए लोगों को लेने के लिए साफ-सुथरी नीति बनाई जा सके।

इस पर याची के वकील ने उन पदों का ब्योरा पेश किया जिनपर संविदा कर्मियों की सेवा ली जाती है। उन्होंने कहा कि हालांकि यह स्वीकृत पदों को भरने के नियमों के खिलाफ है, जबकि एक नजीर के तहत तदर्थ भर्ती का चलन खत्म किया जाना चाहिए।

अदालत ने कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने इस व्यवस्था पर टिप्पणी की है कि संविदा कर्मियों के जरिए सरकार नहीं चलनी चाहिए। अदालत ने इसके मद्देनजर याचिका में उठाए गए इस मुद्दे का संज्ञान लेकर आउटसोर्सिंग से संविदाकर्मियों की भर्ती पर रोक लगा दी थी।

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...अवमानना की कार्यवाही होगी

सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि रोक के अंतरिम आदेश के बावजूद सरकार आउटसोर्सिंग से संविदा कर्मियों के पद भर रही है। इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर ऐसा है तो यह संबंधित अधिकारी द्वारा की जाने वाली अवमानना है। अगर रोक के आदेश का उल्लंघन किया गया है तो संबंधित आदेश के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही होगी।

ऐसे में सरकार की तरफ से यह हलफनामा भी दाखिल किया जाए कि आउटसोर्सिंग से संविदा कर्मियों की भर्ती पर रोक के आदेश के बाद इससे कोई पद नहीं भरा गया है।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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