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हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नाम पर फर्जीवाड़ा, अधिकृत वेबसाइट से उड़ाए 39 हजार

गोरखुर के रहने वाले शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने अपनी SWIFT DESIRE (MARUTI SUZUKI CAR) नंबर UP53K1839 के हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए वेबसाइट SHIMNIT पर 21 जनवरी 2021 को निधारित शुल्क जमाकर आवेदन किया।

Dharmendra kumar
Published on: 9 Feb 2021 11:06 AM IST
हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के नाम पर फर्जीवाड़ा, अधिकृत वेबसाइट से उड़ाए 39 हजार
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर से सामने आया है। जहां एक शख्स के खाते से 38997 रुपए उड़ा लिए गए।

गोरखपुर: देश भर में वाहनों की जालसाजी से निपटने के लिए हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट को अनिवार्य किया गया है। उत्तर प्रदेश में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट्स अप्लाई करने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुका है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट आवंटन के लिए अधिकृत वेबसाइट से फर्जीवाड़ा हो रहा है। ऐसा ही एक मामला उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जनपद गोरखपुर से सामने आया है। जहां एक शख्स के खाते से 38997 रुपए उड़ा लिए गए।

दरअसल गोरखुर के रहने वाले शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने अपनी SWIFT DESIRE (MARUTI SUZUKI CAR) नंबर UP53K1839 के हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के लिए वेबसाइट SHIMNIT पर 21 जनवरी 2021 को निधारित शुल्क जमाकर आवेदन किया।

टोल फ्री नम्बर पर काॅल हैक

लेकिन निर्धारित समय बीत जाने के बाद भी जब सिक्योरिटी नंबर प्लेट नहीं आया तो उन्होंने 5 फरवरी 2021 को टोल फ्री नम्बर 180041200730 पर कॉल किया, लेकिन उनकी काॅल बीच में हैक ली गई। इसके बाद मोबाइल नंबर 7854894282 से रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर काल कर एक वेब लिंक https://www.surveymoney.com/r/BRBXMSC पर लॉगिन करने के लिए कहा गया है।

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इस वेबसाइट पर दो रुपए का शुल्क जमा कर रजिस्ट्रेशन को फिर से रिन्यू करने के लिए कहा गया। शैलेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि टोल फ्री नंबर पर बातचीत हो रही थी इसकी वजह से संदेह की कोई गुंजाईश नही थीं। उन्होंने कहा कि जैसे लॉगिन किया पेमेंट हैंग हो गया और उनके खाते से 38997 रुपए ट्रांसफर कर लिया गया।

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किस धारा के तहत दर्ज की जाए प्राथिमिकी पुलिस को नहीं जानकारी

इसके बाद उन्होंने पुलिस से संपर्क किया, लेकिन सबसे हैरानी वाली बात यह है कि किसी सक्षम प्राधिकारी को यह जानकारी भी नही थी कि इस फर्जीवाड़े की प्राथमिकी किस धारा के तहत दर्ज की जाए। अगर समय रहते सरकार ने इसका संज्ञान नहीं लिया तो कई सारे लोग इस फर्जीवाड़ें का शिकार हो सकते हैं।

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सरकार डिजिटिल इंडिया के नारे के साथ कैशलेश पेमेंट को बढ़ावा दे रही, लेकिन सरकार के अधिकृत वेबसाइट से भी फर्जीवाड़ा होगा, तो लोगों का डिजिटिल पेमेंट से विश्वास उठ जाएगा। फिर सरकार के डिजिटिल इंडिया के नारे का क्या होगा?

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