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बारिश और बाढ़ का रौद्र रूप, सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न

इसके साथ ही सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है। लेकिन कोटा बैराज बांध से यमुना में और पानी छोड़े जाने से निचले इलाकों में रहने वाले लोगो की समस्याएं और बढ़ने वाली है। यमुना में बढ़ते जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन अब हरकत में आ गया है।

Harsh Pandey
Published on: 5 May 2023 7:01 AM GMT (Updated on: 5 May 2023 6:30 PM GMT)
बारिश और बाढ़ का रौद्र रूप, सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न
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हमीरपुर: जिले में उफनाती यमुना बेतवा नदियों का कहर लगातार जारी है, बाढ़ और बारिश का रौद्र रूप देखने को मिल रहा है, बताया जा रहा है कि नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे हजारों की तादाद में लोग प्रभावित हुए हैं।

इसके साथ ही सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो चुकी है। लेकिन कोटा बैराज बांध से यमुना में और पानी छोड़े जाने से निचले इलाकों में रहने वाले लोगो की समस्याएं और बढ़ने वाली है। यमुना में बढ़ते जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन अब हरकत में आ गया है।

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जिला प्रशासन द्वारा आनन-फानन में यमुना से सटे निचले इलाकों के गांवों को खाली कराया जा रहा है और ऐहतियात के तौर पर यमुना व बेतवा पुल पर भारी वाहनों का प्रवेश मंगलवार से वर्जित कर दिया गया है।

साथ ही सरकारी स्कूलों में छुट्टी के आदेश भी जिलाधिकारी ने सुना दिए हैं।

डीएम ने कहा...

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जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने बताया कि कोटा बैराज बांध से यमुना नदी में रविवार को 665000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। यह पानी मंगलवार दोपहर तक जिले की सीमा में पहुंचेगा।

उन्होंने बताया कि मौजूदा समय में यमुना नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है, ऐसे में जब कोटा बैराज बांध से छोड़ा गया पानी आ जाएगा तो यमुना से सटे मेरापुर, भिलांवा, डिग्गी व संगम आदि गांव प्रभावित होंगे।

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जिसके मद्देनजर जिला प्रशासन ने गांवों को खाली कराना शुरू कर दिया है और बाढ़ प्रभावितों के रहने की व्यवस्था कुछेछा डिग्री कॉलेज में की गई है। उन्होंने बताया कि बढ़ते जलस्तर को देखते हुए यमुना व बेतवा पुल पर भारी वाहनों का प्रवेश मंगलवार से बंद कर दिया जाएगा। इसके अलावा समीपवर्ती स्कूलों में भी छुट्टी के आदेश दिए गए हैं।

बताते चलें कि यमुना नदी खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है जबकि बेतवा नदी खतरे के निशान से लगभग आधा मीटर ऊपर बह रही है। नदियों के बढ़ते जलस्तर से सैकड़ों एकड़ फसल जलमग्न हो गई है और हजारों की संख्या में लोग प्रभावित हुए हैं।

Harsh Pandey

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