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बजट कम होने से छात्रों के हाथ खाली, सैकड़ों को नहीं मिला वजीफा
जनपद में सैकड़ों छात्र-छात्राएं वजीफा व शुल्क प्रतिपूर्ति के लाभ से वंचित हो गए हैं। कारण, बजट कम मिला और पिछली कक्षाओं में नंबर भी कम थे। वित्तीय वर्ष समापन को सिर्फ 15 दिन ही बचे हैं, अब सरकार से उम्मीदें बहुत कम ही हैं।
Ajay Mishra
. सैकड़ो छात्र छात्राओं की पहुंच से दूर वजीफा और फीस वापसी
. पिछली कक्षाओं के मार्क्स और बजट कम होने की वजह से हाथ खाली
. वित्तीय वर्ष समापन को 15 दिन बचे, अब सरकार से उम्मीदें हैं
कन्नौज: जनपद में सैकड़ों छात्र-छात्राएं वजीफा व शुल्क प्रतिपूर्ति के लाभ से वंचित हो गए हैं। कारण, बजट कम मिला और पिछली कक्षाओं में नंबर भी कम थे। वित्तीय वर्ष समापन को सिर्फ 15 दिन ही बचे हैं, अब सरकार से उम्मीदें बहुत कम ही हैं।
पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से पढ़ाई व डिप्लोमा करने वालों को छात्रवृत्ति व फीस वापसी की जाती है। विभाग की माने तो स्नातक में जिन छात्र-छात्राओं के पिछली कक्षाओं में 53.22 फीसदी अंक थे, उनको वजीफा का लाभ मिला है। 64.23 फीसदी अंक होने पर वजीफा व शुल्क प्रतिपूर्ति दोनों का लाभ मिला है। जिले मे 409.71 लाख का वजट वजीफा के लिए दिया गया है। स्नातक व इससे ऊपर की कक्षाओं के अलावा बीएड, डीएलएड आदि के 16802 छात्र-छात्राओं को वजीफा के लिए आवेदन फारवर्ड हुए थे। इसके सापेक्ष 12201 को लाभ मिला। फीस वापसी का लाभ सिर्फ 5367 छात्र-छात्राओं को ही मिला। जबकि डिमांड 16802 छात्र-छात्राओं के लिए हुई थी। कुल बजट 653.55 लाख का मिला। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग का दावा है कि कक्षा 11 व 12 में 50 फीसदी से अधिक अंक पर वजीफा व शुल्क प्रतिपूर्ति दोनों का ही लाभ मिला है।
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कक्षा नौ व 10 में यह नियम लागू-
बताया गया है कि कक्षा नौ व 10 में रेन्यूवल कराने वाले छात्र-छात्राओं को पहले लाभ मिला है। उसके बाद राजकीय स्कूलों में पढ़ने वाले फ्रेश स्टूडेंट्स व बाद में सहायता प्राप्त को वरीयता दी गई। मान्यता प्राप्त को तब ही लाभ मिला जब, बजट शेष बचा। इसमें भी अल्फा वेट यानि ए से जेड तक के बीच का नियम लागू हुआ। इन दोनों कक्षाओं में जिले से 15543 आवेदन भेजे गए थे। डायरेक्टर स्तर पर 343 डुप्लीकेट मिलने पर निरस्त कर दिए गए। 15199 के सापेक्ष 12590 को लाभ मिला। कुल बजट 268.75 लाख दिया गया।
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कक्षा 11 व 12 में इतना बजट-
विभाग की माने तो कक्षा 11 व 12 में पिछड़ा वर्ग के 14871 छात्र-छात्राओं के लिए बजट की डिमांड हुई थी। इसमें 13685 को वजीफा व फीस वापसी का लाभ 50 फीसदी से अधिक अंक होने पर लाभ मिला। वजीफा में 337.36 लाख व 65.97 लाख से फीस वापसी हुई।
क्या बोले जिम्मेदार-
जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी तनुज त्रिपाठी ने बताया कि विभाग की ओर से वजीफा व शुल्क प्रतिपूर्ति के जो भी आवेदन सही पाए जाते हैं, उनको निदेशालय भेज दिया जाता है। वहीं से छात्र-छात्राओं को लाभ मिलता है। बजट का आवंटन शासन स्तर से ही तय होता है। अगर इस महीने बजट दिया गया तो बचे हुए छात्र-छात्राओं को लाभ जरूर मिलेगा।
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