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मानिकपुर से नैनी ,सतना तक ट्रेनों में कायम है अवैध वेंडरों का जंगलराज
मानिकपुर जंक्शन पर हो रही अवैध वेंडरिंग के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर स्टेशन अधीक्षक भी जिम्मेदार हैं, जो खुली आंखो से सब कुछ देखते हुए भी अनजान बने रहते हैं। वहीं, आरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि धारा 144 जमानती अपराध है, जिसका फायदा अवैध वेंडरों के आकाओं को मिल जाता है।
मानिकपुर: मानिकपुर यात्रियों के हितों के साथ ही रेल नियमों को दरकिनार कर मानिकपुर ,सतना, नैनी आरपीएफ,जीआरपी की शह पर अवैध वेंडर मानिकपुर जंक्शन के साथ ही चलती ट्रेनों में बेखौफ होकर समानान्तर खान-पान व्यवस्था चला रहे हैं, जिसके एवज में मोटी रकम आरपीएफ वा जीआरपी को देनी पड़ती है।ऐसा रेलवे से जुड़े सूत्रों का कहना है। यही वजह है कि अधिकारी तबका भी सब कुछ जानते हुए भी अनजान बना है।
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बता दें कि मानिकपुर से सतना ,नैनी से आगे तक यात्री ट्रेनों में सफर करने वाले मुसाफिरों के साथ ही रेल सम्पत्ति की सुरक्षा करने का जिम्मा आरपीएफ वा,जीआरपी पोस्ट मानिकपुर का है। सतना हो या प्रयागराज की ओर आने वाली ट्रेनों में सफर करने वाले मुसाफिरों की आपबीतीपर गौर करें तो अवैध वेंडरों की जमात के जाल में फंसने वाले यात्री को खाद्य सामग्री के एवज में मुहमांगी कीमत देने के लिए मजबूर होना पड़ता है।
आरपीएफ व जीआरपी के साथ चोली दामन का रिश्ता
सूत्रों की बातों पर यकीन करें तो अवैध वेंडरिंग में पकड़े जाने वाले लोगों की सूची खंगाली जाए तो पता चलेगा कि उनमें से अधिकांश एक ही वर्ष में कई बार जुर्माना भर चुके हैं, क्योंकि यह रकम उन्हें नहीँ बल्कि उनके आका को चुकानी पड़ती है, जिसका आरपीएफ व जीआरपी के साथ चोली दामन का रिश्ता है।
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काबिले गौर तथ्य तो यह कि स्टेशनों पर महिलाओं से अवैध वेंडरिंग कराना प्रतिबंधित है, परन्तु मानिकपुर-सतना के बीच एक दर्जन से ज्यादा महिलाओं को आरपीएफवा जीआरपी ने खुली छूट दे रखी है, जिन्हें यात्रीओ को ट्रेनों के अन्दर ही मौसमी फलों चना को बेचते हुए कभी भी देखा जा सकता है।
दी जाती है मोटी रकम
सूत्रों का तो यहां तक दावा है कि अवैध वेंडरिंग के मद में आरपीएफवा जीआरपी को प्रतिमाह मोटी रकम दी जाती है। और इस रकम को वसूलने के लिए इंस्पेक्टर ने अपने करीबी जवान को लगा रखा है तो वहीं आरपीएफ के क्रियाकलापों की निगहबानी करने के लिए गठित इंटेलिजेंस टीम के कुछ लोग भी इस काली कमाई में शामिल हैं, जो इंटेलिजेंस की गतिविधियों से समय रहते अवैध वेंडरों के आकाओं को सूचना मुहैया करा देते हैं।
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मानिकपुर जंक्शन पर हो रही अवैध वेंडरिंग के लिए अप्रत्यक्ष तौर पर स्टेशन अधीक्षक भी जिम्मेदार हैं, जो खुली आंखो से सब कुछ देखते हुए भी अनजान बने रहते हैं। वहीं, आरपीएफ के एक अधिकारी ने बताया कि धारा 144 जमानती अपराध है, जिसका फायदा अवैध वेंडरों के आकाओं को मिल जाता है। दरअसल सैंया भए कोतवाल तो डरना क्या का जुमला नैनी आरपीएफ की कार्रवाई में सटीक बैठता है। तभी तो अवैध वेंडरों को पकड़ने की औपचारिकता पूरी कर मुचलके पर छोड़ दिया जाता है, जिससे अवैध वेंडरों के साथ ही उनके आकाओं के हौसलें बुलंद हैं।