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भारत-युगांडा के बीच बढ़ती व्यापारिक गतिविधियों से अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती

आईआईए नोएडा चेप्टर के चेयरमैन कुलमणि गुप्ता ने कहा कि दोनों देशों के बीच पांच साल पहले 16०० मिलियन डॉलर का व्यापार था। अब यह कारोबार घटकर 8०० मिलियन का रह गया है।

Newstrack
Published on: 28 Nov 2020 11:28 PM IST
भारत-युगांडा के बीच बढ़ती व्यापारिक गतिविधियों से अर्थव्यवस्था को मिलेगी मजबूती
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आईआईए नोएडा चेप्टर के चेयरमैन कुलमणि गुप्ता ने कहा कि दोनों देशों के बीच पांच साल पहले 16०० मिलियन डॉलर का व्यापार था। अब यह कारोबार घटकर 8०० मिलियन का रह गया है।

नोएडा: शनिवार को सेक्टर-56 स्थित रेडिसन होटल में इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने इंडिया-युगांडा ट्रेड एसएमई कनेक्ट सेमिनार का आयोजन किया। जिसमें जिले के 5० चुनिदा उद्यमियों ने हिस्सा लिया। इस सेमिनार में युगांडा के उप उच्चायुक्त केजाला मोहम्मर बासवारी ने भारत-युगांडा के बीच व्यापार की अपार संभावनाओं की जानकारी दी, ताकि गिरती अर्थव्यवस्था को संभाला जा सके।

आईआईए नोएडा चेप्टर के चेयरमैन कुलमणि गुप्ता ने कहा कि दोनों देशों के बीच पांच साल पहले 16०० मिलियन डॉलर का व्यापार था। अब यह कारोबार घटकर 8०० मिलियन का रह गया है। भारत-युगांडा के बीच व्यापारिक गतिविधियों को मजबूत करने के लिए एग्रो, आईटी, कपड़ा, फूड प्रोसेसिग एवं फार्मा सेक्टर को बढ़ावा दिया जा सकता है। इसके लिए आईआईए का प्रतिनिधि मंडल युगांडा का दौरा करेगा।

युगांडा के उच्चायुक्त ने नोएडा के उद्योगपतियों के सकारत्मक रुख को देखते हुए संभावना जताई कि यह कार्यक्रम भारत-युगांडा व्यापारिक संबंधों में एक नया आयाम स्थापित करने में मददगार होगा। इस मौके पर रेखा शर्मा, उमेश बत्रा, अशीष मल्होत्रा, विशारद गौतम, मनोज कुमार, प्रदीप गुप्ता, राजीव सूद, जितेंद सिह राणा, पीपी शर्मा, महेश मंूद्रा, अंजुल गुप्ता, राजीव गोयल आदि उपस्थित रहे।

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एक्सपोर्ट इंपोर्ट के लिए कंटेनर का किया जाए इंतजाम

व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सबसे अधिक महत्वपूर्ण शिपमेंट में कंटेनर की मौजूदगी, वर्तमान में कंटेनर नहीं है ऐसे में विदेशों से आयातित माल लेने में बहुत दिक्कतें हो रही हैं। कंटेनर के लिए जहां पहले 1000 डॉलर लगते थे वहां अब 2000 से 2300 डॉलर वसूल किए जा रहे हैं । यह एक आर्थिक बोझ है जिसका असर इंडस्ट्री पर लगातार बढ़़ रहा।

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निवेश के साथ बढ़ेगा रोजगार

सेमिनार के जरिए निवेश को बढ़ाने की पहल की गई है ताकि प्रदेश में रोजगार को बढ़ावा दिया जा सके इससे राजस्व में बढ़ोतरी होगी साथ ही औद्योगिकरण व नए रास्ते खुलेंगे जिससे दोनों देशों के बीच व्यापारिक और राजनीतिक परिवेश और ज्यादा अनुकूल और बेहतर बनेगा।

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