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यूपी से बड़ी खबर, बबीना ब्लॉक में कनेरा नदी का होगा पुर्नरूद्धार

सरवां गांव के सामाजिक कार्यकर्ता सुदामा गुप्ता बताते है कि जबसे नदी में चैकडेम बने उसके बाद से इस नदी के स्त्रोत बंद हो गये। चैकडेमो में पानी तो भरने लगा लेकिन इस नदी में प्रवाह रूक गया। चैकडेमों के कारण बड़े पैमाने पर नदी में गाद जमा हो गयी है।

Rahul Joy
Published on: 19 Jun 2020 12:47 PM IST
यूपी से बड़ी खबर, बबीना ब्लॉक में कनेरा नदी का होगा पुर्नरूद्धार
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canera river

झाँसी। बबीना ब्लॉक में कनेरा नाम की 30 किलोमीटर लम्बी एक नदी है, जो मलिट्री के चादवारी क्षेत्र से निकलती है। इस नदी के किनारे सरवां, भडरा, टूका, बैदोरा, पथरवारा जैसे एक दर्जन गांव से होकर बहती हुई, चंदावनी गांव के पास घुरारी नदी में मिलती है। इस नदी पर विभिन्न योजनाओं से सात चैकडेम बनाये गये, जिनमें से वर्तमान में चार टूटे है तीन ही काम कर रहे है। आज से दो दशक पहले यह नदी पूरे साल भर बहती थी। बडे पैमाने पर कनेरा के किनारे लोग सब्जी का उत्पादन करते थे। यह नदी स्थानीय लोगों के लिए सिंचाई के साथ-साथ नहाने और घरेलू जरूरतों का पूरा करने के लिए ममदगार थी।

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बड़े पैमाने पर नदी में गाद जमा हुई

सरवां गांव के सामाजिक कार्यकर्ता सुदामा गुप्ता बताते है कि जबसे नदी में चैकडेम बने उसके बाद से इस नदी के स्त्रोत बंद हो गये। चैकडेमो में पानी तो भरने लगा लेकिन इस नदी में प्रवाह रूक गया। चैकडेमों के कारण बड़े पैमाने पर नदी में गाद जमा हो गयी है। जिलाधिकारी आंद्रा वामसी ने मनरेगा से उसी नगर जिले में हिरनावती नदी के पुर्नजीवन का सराहनीय कार्य किया था, वह इसी तरह से झांसी में भी कनेरा नदी को पुर्नजीवित करने का निर्णय लिया है, इसके लिए उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा के युवा अधिकारी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट संजीव मोर्या को जिम्मेदारी दी है, इस काम में परमार्थ समाज सेवी संस्थान, जल सहेलिया अपना सहयोग देगी।

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भूभर्गीय जल का स्तर अत्यन्त नीचे

जल जन जोडो अभियान के राष्ट्रीय समन्वयक संजय सिंह ने कहा कि पिछले एक वर्ष से स्थानी समुदाय इस नदी के पुर्नजीवन के लिए अपने स्तर पर प्रयास कर रहा था, अब इस प्रयास को स्थानीय प्रशासन का सहयोग मिला है। झांसी का बबीना ब्लॉक जल संकटग्रस्त ब्लॉक है इस विकासखण्ड में भूगर्भीय जल का स्तर अत्यन्त नीचे है, पठारी क्षेत्र होने के कारण पेयजल की समस्या हमेशा बनी रहती है, सिंचाई के संसाधनों का भी अभाव है। सामाजिक कार्यकर्ता राजेश कुमार कहते है कि उनके साथ हजारों की तादात में लोग जुडकर इस नदी के पुर्नजीवन के काम में जुडे हुये है। गांव के लोगों की इस नदी के साथ आस्था जुडी है, लोग पुनः अपनी कनेरा को वर्षपर्यन्त बहता हुआ देखना चाहते है।

दूसरे मदो से भी धनराशि तय की जाएगी

जिलाधिकारी ने आज इस सन्दर्भ में मनरेगा के फण्ड से इस नदी के पुर्नजीवन के लिए योजना बनाने के निर्देश दिये है, साथ ही आवश्यकता पडने पर दूसरे मदो से भी धनराशि तय की जायेगी।

गांव में फिर से खुशहाली लौट आएगी

खजुराहा बुजुर्ग गांव की जल सहेली मीरा देवी कहती है कि यदि नदी बहने लगी तो उनके गांव में फिर से खुशहाली लौट आयेगी। उन्होंने बताया कि इस नदी के पुर्नजीवन के लिए कई बार ग्रामीणों के द्वारा श्रमदान का कार्य किया जा चुका है। श्रमदान का कार्य आगे भी जारी रहेगा। नदी के पुर्नजीवन से इस इलाके के जल स्तर में वृद्धि होगी। जिससे जल संकट भी कम होगा और सिंचाई के संसाधनों में वृद्धि होगी।

रिपोर्टर- बी के कुशवाहा, झाँसी

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