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जब पुलिस ने ढूंढ निकाले गुमशुदा मोबाइल, खिल उठे चेहरे
अभियान के तहत टीम ने 37 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। इन मोबाइल फोनों को शुक्रवार को सीओ रेलवे नईम खान ने संबंधित व्यक्ति के हवाले कर दिया। मोबाइल फोन पाते ही लोगों ने जीआरपी के कार्यों की सराहना की।
झाँसी। सर्विलांस सेल की मदद से रेलवे पुलिस ने गुमशुदा 37 मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इनकी कीमत चार लाख रुपये बताई जा रही है। शुक्रवार को पुलिस उपाधीक्षक रेलवे नईम खान मंसूरी ने अपने कार्यालय में लोगों को उनके खोए हुए मोबाइल वापस किए। मोबाइल पाकर लोगों के चेहरे खिल उठे।
लोगों ने जीआरपी के कार्यों की सराहना की
चलती ट्रेनों में मोबाइल चोरी या गिरने की घटना काफी समय से चल रही थी । जिसकी लोग शिकायत या तो करते नहीं थे या फिर रेलवे पुलिस इन शिकायतों को गंभीरता से लेती नहीं थी । महंगा मोबाइल गंवाने वाले कुछ लोग अपनी फरियाद लेकर सीओ जीआरपी के पास पहुंचे। जहां शिकायत को गंभीरता से लेकर मोबाइल बरामदगी के लिए एसपी रेलवे मनोज कुमार झां एवं सीओ जीआरपी नईम खान के निर्देश पर मोबाइल फोन बरामद करने के लिए अभियान चलाया गया।
अभियान के तहत टीम ने 37 मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। इन मोबाइल फोनों को शुक्रवार को सीओ रेलवे नईम खान ने संबंधित व्यक्ति के हवाले कर दिया। मोबाइल फोन पाते ही लोगों ने जीआरपी के कार्यों की सराहना की।
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मोबाइल फोन बरामद करने वाली टीम
जीआरपी झाँसी थाना प्रभारी श्रीमती अर्चना वर्मा, निरीक्षक सुनील कुमार सिंह, सर्विलांस प्रभारी शशिभूषण सिंह, मीडिया प्रभारी अमीराम, एसएसआई जीआरपी अनुराग अवस्थी, एसआई संतोष कुमार, संदीप कुमार, अनिल कुमार राणा, श्यामवीर सिंह, संगमलाल, जाकिर खान, प्रकाश पांडेय, सर्विलांस सेल सदस्य पंकज कुमार, राजीव कुमार यादव, विजय कुमार और हिमांशु त्रिपाठी शामिल रहे हैं।
महिला डॉक्टर ने प्रसव से किया इंकार
बरुआसागर स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में महिला डॉक्टर के प्रसव कराने से इंकार करने पर सड़क पर ही प्रसूता ने बच्चे को जन्म दिया। टेंपो से उसका ससुर और गांव की आशा प्रसव पीड़ा होने पर महिला को अस्पताल पहुंचा। वहां पर महिला डॉक्टर ने प्रसव कराने से इंकार कर दिया तो दोनों, महिला को लेकर टेंपो से टहरौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ला रहे थे। लेकिन रास्ते में प्रसव पीड़ा अधिक होने पर सड़क किनारे पड़ी एक झोपड़ी के पास आशा ने टेंपो रुकवा दी। इसके बाद वह महिला को लेकर झोपड़ी में गई।
वहां पर उसका प्रसव कराया गया जहाँ पर उसने एक बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद टहरौली के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा.महेश चंद्रा को इसकी सूचना दी गई। टहरौली थाना क्षेत्र के ग्राम सारोल निवासी मनोज कुशवाहा की पत्नी वर्षा को शुक्रवार की सुबह प्रसव पीड़ा हुई। इस पर गांव की आशा को जानकारी दी गई। आशा और महिला का ससुर रामपाल टैंपों से सुबह साढ़े सात बजे के करीब गर्भवती महिला को लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बरुआसागर पहुंचे। वहां पर तैनात महिला डॉक्टर ने प्रसव कराने से इंकार कर दिया। हालांकि आशा और उसके ससुर ने कापी उसकी मिन्नतें कीं लेकिन फिर भी डॉक्टर प्रसव कराने के लिए राजी नहीं हुई।
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खाली झोपड़ी में बच्चे को दिया जन्म
इसके बाद आशा और उसका ससुर महिला को टैंपों से टहरौली प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जा रहे थे। रास्ते में ही महिला दर्द से कराहने लगी तो आशा ने सड़क के किनारे पड़ी एक झोपड़ी के पास ही टेंपो को रुकवा दिया। खाली झोपड़ी में अंदर ले जाकर महिला का किसी तरह प्रसव कराया। महिला ने बच्चे को जन्म दिया। वहां पर आसपास के लोग भी आ गए। किसी ग्रामीण ने टहरौली के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डा. महेश चंद्रा को इसकी सूचना दी। उन्होंने तुरंत ही मेडिकल स्टॉफ के साथ एंबुलेंस मौके पर भेजी।
एंबुलेंस के वहां पर पहुंचने पर जच्चा और बच्चा को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। वहां पर डॉक्टरों ने जज्चा और बच्चा के स्वास्थ्य की जांच की। डॉक्टर महेश चंद्रा ने बताया कि दोनों के पूरी तरह स्वस्थ रहने पर तीन बजे शाम को छुट्टी दे दी गई।
रिपोर्टर- बी के कुशवाहा, झाँसी
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