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Railway News: ट्रेनों और रेलयात्रियों की सुरक्षा रामभरोसे, डीजी के आदेशों की उड़ाई जा रहीं धज्जियां

Railway News: चैंबर में बैठकर हो रही है मुख्य अफसर की नौकरी, अफसर के पास नहीं है एस्कॉर्टिंग पार्टियों को चेक करने का समय।

B.K Kushwaha
Published on: 21 April 2023 3:28 AM IST
Railway News: ट्रेनों और रेलयात्रियों की सुरक्षा रामभरोसे, डीजी के आदेशों की उड़ाई जा रहीं धज्जियां
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झाँसी में अवैध निर्माण हटाने गए लेखपाल की पिटाई- (Photo- Social Media)

Jhansi News: भारतीय रेलवे ने ट्रेनों और रेलयात्रियों की सुरक्षा से जुड़े नियमों को और कड़ा कर दिया है। मगर, झांसी रेल मंडल में इन नियमों व आरपीएफ डीजी के आदेशों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। ट्रेनों में हो रही वारदातों पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। आए दिन किसी न किसी का सूटकेस, मोबाइल छीनने की वारदातें आम हो गई हैं। यही नहीं, आरपीएफ के मुख्य अफसर चैंबर में बैठकर अपने अधीनस्थों को आदेश देकर पालन करवा रहे हैं। इनके पास तो एस्कॉर्टिंग पार्टियों को चेक करने का समय नहीं है। बताते हैं कि जब सूटकेस, मोबाइल छीनने की वारदातें हो जाती है तो कहा जाता है कि जीआरपी के क्षेत्र में आता है।

सुरक्षा निरीक्षण में मिलीं थीं बड़ी खामियां

कुछ दिनों में विजिलेंस सेल द्वारा किए गए ट्रेनों के औचक सुरक्षा निरीक्षण में कई बड़ी खामियां पाए जाने के बाद ठोस कदम उठाए गए हैं। इसको लेकर रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक ने देशभर में ट्रेन एस्कॉर्टिंग को लेकर आरपीएफ, आरपीएसएफ के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में फील्ड स्टाफ को अवगत कराने एवं इनका कड़ाई से अनुपालन कराने को कहा गया है। रेल सुरक्षा बल के महानिदेशक ने एक सुरक्षा परिपत्र जारी करते हुए नए दिशा निर्देश जारी किए हैं।

निगरानी में कमी को बताया वजह

इसमें कहा गया कि हाल ही में रेलवे बोर्ड के इंटरनल विजिलेंस सेल द्वारा आरपीएफ, आरपीएसएफ ट्रेन एस्कॉर्टिंग पार्टियों की औचक जांच के दौरान यह पता चला कि आरपीएफ कॉन्स्टेबल, आरपीएसएफ कॉन्स्टेबलों वाली एस्कॉर्ट पार्टियों का नेतृत्व कर रहे हैं। एस्कॉर्ट पार्टी को लीड करने के लिए इंचार्ज के तौर पर कोई उप-अधिकारी, हेड कॉन्स्टेबल तैनात नहीं हैं। यह अधीनस्थ व वरिष्ठ अधिकारी द्वारा आरपीएफ एस्कॉर्ट्स पर पर्यवेक्षण औऱ निगरानी की कमी को दर्शाता है। आरपीएफ डीजी की तरफ से आगे कहा गया है कि ट्रेनों की एस्कॉर्टिंग एक नियमित मामला है, जिसके परिणामस्वरुप ट्रेन एस्कॉर्टिंग के लिए तैनात आरपीएफ, आरपीएसएफ स्टॉफ औऱ उनके पर्यवेक्षी अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर रहे हैं। लिहाजा ट्रेन एस्कॉर्टिंग सिस्टम की समीक्षा करने और उसे पुनर्जीवित करने की आवश्यकता है। आरपीएफ महानिदेशक की ओर से नए दिशा निर्देशों में कहा गया है कि जहां तक संभव हो एस्कॉर्ट पार्टी में एक अधीनस्थ अधिकारी होना चाहिए।

एस्कॉर्टिग दलों का नेतृत्व एसओ करें

निर्देशों में कहा गया है कि एस्कॉर्ट पार्टी को मसलों के बारे में ड्यूटी अफसरों द्वारा विस्तार से जानकारी दी जानी चाहिए। जहां उनकी तैनाती की गई है। खासतौर पर क्षेत्र में सक्रिय अपराधी, असमाजिक तत्वों को लेकर, साथ ही एस्कॉर्टिग को लेकर कि वह क्या करें और क्या ना करें। डीजी के निर्देश में कहा है कि ज्यादातर एस्कॉर्टिग दलों का नेतृत्व एसओ करें। ट्रेन में एस्कॉर्ट पार्टियों की प्रभावशीलता, सतर्कता को यह सुनिश्चित करने के लिए रास्ते में एस्कॉर्ट चेकिंग रात में 10 बजे से सुबह 4 बजे के बीच तय की गई है। नए दिशानिर्देशों के तहत ड्यूटी ऑफिसर को स्टेशन से रात में 10 बजे से सुबह 4 बजे के बीच एस्कॉर्ट पार्टी से ज्यादा से ज्यादा संपर्क साधना होगा। आरपीएफ फोर्स के डीजी ने कहा कि एस्कॉर्टिग दलों के ड्यूटी के अंतिम प्वॉइंट पर एसओ द्वारा पार्टी को संक्षिप्त ब्रीफिंग दी जाएगी। साथ ही पोस्ट पर जनरल डायरी में उसकी ओर से रिमार्क लिखे जाएंगे। उनकी तरफ से प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्तों को ट्रेन एस्कॉर्टिंग सिस्टम को पुनर्जीवित करने के लिए उपयुक्त समझे जाने वाले अतिरिक्त उपाय करने की सलाह दी गई है।

लंबी दूरी की ट्रेनों में हो रहीं चोरियों की वारदातें

वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन से गुजरने वाले लंबी दूरी की ट्रेनों में आए दिन चोरी की वारदातों को अंजाम दिया जा रहा हैं। रोजाना तीन से चार चोरी की वारदातें हो रही हैं। इनमें पर्स, सूटकेस, लैपटॉप व मोबाइल फोन शामिल हैं। हालांकि, घटनास्थल को लेकर यहां का फोर्स पीड़ित को आगे रवाना कर देता हैं। किसी कारणवश अगर चोरी का मुकदमा जीआरपी में दर्ज भी हो जाता है तो उसे टाल दिया जाता हैं। झांसी रेलवे जंक्शन में जनवरी से लेकर 15 अप्रैल तक 32 चोरी की वारदातें हो चुकी हैं। इनमें किसी भी चोरी की वारदातों को खुलासा नहीं हो सका है। इस साल में अभी तक आरपीएफ और जीआरपी ने जिन चोरियों का खुलासा किया है वह मात्र मोबाइल फोन चोरी की हैं। इसके बाद मामले रफा दफा कर दिए जाते हैं।



B.K Kushwaha

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