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कमलेश तिवारी हत्याकाण्ड: ATS ने किया आरोपियों को गिरफ्तार
कमलेश तिवारी हत्याकांड में गुजरात ATS ने आरोपी अशफाक और मुईनुद्दीन को गिरफ्तार किया है। गुजरात ATS ने इस बारे में जानकारी दी है। गुजरात ATS को यह बड़ी कामयाबी मिली है, बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस भी आज कमलेश तिवारी हत्याकांड में जांच करने सूरत पहुंची थी।
लखनऊ: कमलेश तिवारी हत्याकांड में गुजरात ATS ने आरोपी अशफाक और मुईनुद्दीन को गिरफ्तार किया है। गुजरात ATS ने इस बारे में जानकारी दी है। गुजरात ATS को यह बड़ी कामयाबी मिली है, बता दें कि उत्तर प्रदेश पुलिस भी आज कमलेश तिवारी हत्याकांड में जांच करने सूरत पहुंची थी।
कमलेश तिवारी हत्याकांड में फरार दोनों आरोपियों को गुजरात एटीएस ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों के नाम अशफाक और मोइनुद्दीन हैं, गुजरात राजस्थान बॉर्डर पर श्यामलाजी के पास से इन्हें गिरफ्तार किया गया है।
दोनों आरोपियों ने हत्या करने की बात कुबूल कर ली है, आरोपियों का कहना है कि उन्होंने इस वारदात को कमलेश तिवारी के मुहम्मद पैगम्बर को लेकर दिए गए बयान के बाद किया है।
इससे पहले एजेंसियों के साथ काम कर रहे स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने इसी मामले में एक इनोवा कार जब्त की थी, कमलेश के कातिलों ने लखीमपुर में पलिया से शाहजहांपुर तक जाने के लिए इसे बुक किया था। कार के ड्राइवर को पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, ड्राइवर ने खुलासा किया है कि कार को उसके मालिक के एक रिश्तेदार ने गुजरात से 5,000 रुपये में बुक किया था, माना जा रहा है कि कातिल इसी कार से लखीमपुर से शाहजहांपुर गए, जहां सोमवार को एक सीसीटीवी कैमरे में उन्हें बस स्टेशन की तरफ पैदल जाते हुए देखा गया था।
कमलेश तिवारी हत्याकांड में सीएम योगी से मिले थे परिजन, इसके बाद सीएम योगी ने परिजनों को दिया न्याय होने का आश्वासन।
इसके साथ ही बताते चलें कि आज अखिल भारत हिंदू महासभा और शिवसेना समर्थकों का प्रदर्शन, कमलेश तिवारी हत्याकांड मामले में न्याय की मांग की थी। इसके पहले सीएम योगी ने कहा था कि कमलेश तिवारी हत्याकांड मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलेगा।
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यह है पूरा मामला...
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 18 अक्टूबर को हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी की गला रेतकर हत्या कर दी गई थी। बदमाशों ने कमलेश तिवारी की उनके कार्यालय में ही हत्या कर दी। मिली जानकारी मुताबिक हमलावर भगवा कपड़े पहने हुए थे और हाथ में मिठाई का डिब्बा लेकर उनके कार्यालय पहुंचे थे।
हिंदू समाज पार्टी के नेता कमलेश तिवारी से बातचीत के दौरान मिठाई के डिब्बा में छिपाकर लाए असलहे और चाकू से अचानक उन पर हमला बोल दिया। हमला करने के बाद बदमाश फरार हो गए।
कौन हैं कमलेश तिवारी...
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कमलेश तिवारी हिंदू महासभा के कार्यकारी अध्यक्ष रहे हैं। बाद में वह हिंदू समाज पार्टी से भी जुड़ गये। उन पर पैगंबर ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी करने का आरोप लग चुका है। मामला 2015 का बताया जाता है।
इसके विरोध में उत्तर प्रदेश के कई शहरों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने शहरों से लेकर छोटे कस्बों तक भारी तादाद में सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया था। मुस्लिमों ने कमलेश तिवारी को फांसी देने तक की मांग कर डाली थी।
विवादों से रहा है पुराना नाता...
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले के रहने वाले कमलेश लगातार विवादों में रहते थे। इसके चलते उन्हें 2 बार गिरफ्तार भी किया गया था। बताया जाता है कि वह कुछ पत्रकारों को भी धमका चुके थे। साथ ही, काशी विश्वनाथ मंदिर के एरिया में स्थित मस्जिद को लेकर भी उन्होंने आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।
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गोडसे का मंदिर बनवाने की मांग भी की थी...
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कमलेश तिवारी की छवि कट्टर हिंदू नेता की थी। एक बार उन्होंने उन्होंने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के सम्मान में मंदिर बनवाने का भी ऐलान किया था, जिस पर काफी विवाद भी हुआ था।
कमलेश के सिर पर रखा गया था 51 लाख का इनाम...
बता दें कि 2015 में कमलेश ने विवादित बयान दिया था, जिसके बाद यूपी खासकर लखनऊ में खूब हो-हल्ला मचा था। इसके विरोध में रैली भी निकाली गई थी। वहीं, बिजनौर में जमीयत शाबाबुल इस्लाम के जनरल सेक्रेटरी मौलाना अनवरुल हक ने कमलेश तिवारी के सिर पर 51 लाख रुपए का इनाम रख दिया था।
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पूर्व सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक होमगार्ड ने आज कहा ऐसा...
इसके पूर्व सेवानिवृत्त पुलिस महानिदेशक होमगार्ड और भाजपा के वरिष्ठ नेता डा. सूर्यकुमार शुक्ला ने कहा है कि लखनऊ में हिन्दू समाज के नेता कमलेश तिवारी की हत्या साधारण पुलिसिंग का मामला नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह जिहादी मानसिकता के लोगों द्वारा देश में छेड़े जा रहे युद्ध का परिणाम है। जिससे युद्ध की तरह ही निपटना होगा।
मंगलवार की शाम जालौन रोड पर एक निजी प्रतिष्ठान पर आयोजित अपने स्वागत कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए डा.
सूर्यकुमार शुक्ला ने कहा कि उम्मीद थी कि वर्तमान शासन में जिहादी तत्वों की इतनी हिम्मत नहीं है कि गुजरात से आकर उत्तर प्रदेश में कोई दहलाने वाली घटना कर सकें।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कमलेश तिवारी की जिस तरह हत्या की गई वह दुस्साहस की पराकाष्ठा है। जिससे प्रदेश सरकार का यह आभा मंडल टूट गया है, इसकी भरपाई के लिए जिहादियों को कड़ा संदेश देना होगा।
प्रेसवार्ता के दौरान उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की हिम्मत नहीं है कि वह भारतीय सेना से सीमा पर चुनौती देकर युद्ध लड़ सके, इसलिए सारी फौजें सीमा पर लगाये रखने का कोई औचित्य नहीं बचा है। एक तिहाई फौज को राज्यों में तैनात किया जाना चाहिए जो जिहादियों को चिन्हित करके उनका सफाया करने का काम करे।
उन्होंने कहा कि 1860 की आईपीसी डेढ़ सौ वर्ष से अधिक पुरानी हो चुकी है, इसलिए आतंकवाद जैसे मामलों में यह अप्रासंगिक है। इन मामलों में प्रभावी कार्रवाई के लिए आईपीसी को नये तरीके से संहिताबद्ध करने की जरूरत है।
डा. सूर्यकुमार शुक्ला ने कहा कि अंग्रेजों ने उनकी सरकार को चुनौती देने वालों से निपटने के लिए इतने वर्ष पहले काला पानी में उन्हें बंद रखने की व्यवस्था तैयार की थी।
डा. सूर्यकुमार शुक्ला यहीं नही रूके उन्होंने कहा कि हम देशद्रोही और समाजद्रोही तत्वों के लिए काला पानी जैसी जेलें क्यों नहीं खोज पा रहे जो किसी टापू पर हों जहां ऐसे तत्वों को बंद रखकर उनसे मशक्कत कराई जाये तांकि कोई ऐसा कृत्य करने का साहस न कर सके।